Type Here to Get Search Results !

पंचांग - 18-11-2024

 

Jyotish

shyam

hero

intirir

achar

TVS

lucky

parihar

hundai

toyta

goyal

mi

mahaveer

*💥🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🌤️दिनांक -18 नवम्बर 2024*
*🌤️दिन -  सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - मार्गशीर्ष*
🌤️*पक्ष - कृष्ण पक्ष*
🌤️*तिथि - तृतीया सायं
 06:55:27  तक तत्पश्चात चतुर्थी तिथि*
🌤️*नक्षत्र - मृगशिरा शाम 03:47:54तक तत्पश्चात आर्द्रा*
🌤️ *योग - सिद्ध शाम 05:20:40तक तत्पश्चात साध्य*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 08:19 से सुबह 09:40 तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:58:59*
🌤️ *सूर्यास्त -  5:41:23*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय: रात्रि 07:55)*
🌤️*चन्द्र राशि~       मिथुन*
🌤️*सूर्य राशि    ~   वृश्चिक*
🌤️* सूर्योदय    ~06:58:59*
🌤️*सूर्यास्त~    17:41:23*
💥 *विशेष - तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

 🌤️*चोघडिया, दिन*🌤️
*अमृत    06:59 - 08:19    शुभ*
*काल    08:19 - 09:40    अशुभ*
*शुभ    09:40 - 10:59    शुभ*
*रोग    10:59 - 12:20    अशुभ*
*उद्वेग    12:20 - 13:40    अशुभ*
*चर    13:40 - 15:01    शुभ*
*लाभ    15:01 - 16:21    शुभ*
*अमृत    16:21 - 17:41    शुभ*
   🌤️*चोघडिया, रात🌤️*
*चर    17:41 - 19:21    शुभ*
*रोग    19:21 - 21:01    अशुभ*
*काल    21:01 - 22:41    अशुभ*
*लाभ    22:41 - 24:21    शुभ*
*उद्वेग    24:21 - 26:00अशुभ*
*शुभ    26:00 - 27:40    शुभ*
*अमृत    27:40 - 29:20    शुभ*
*चर    29:20* - 30:59    शुभ*
kundli



  🌤️*मंगलवारी चतुर्थी*🌤️
➡️ *19 नवम्बर 2024 मंगलवार को सूर्योदय से शाम 05:27:36 तक मंगलवारी चतुर्थी है ।*
🌤️*मंत्र जप व शुभ संकल्प की सिद्धि के लिए विशेष योग*
🙏🏻 *मंगलवारी चतुर्थी को किये गए जप-संकल्प, मौन व यज्ञ का फल अक्षय होता है ।*
👉🏻 *मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है...*
🌤️* *मंगलवारी चतुर्थी*🌤️*
🙏 *अंगार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना …जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है…*

*शिक्षा दायक अमूल्य छोटी-छोटी बातें*
1. एक ही सिद्धांत, एक ही इष्ट एक ही मंत्र, एक ही माला, एक ही समय, एक ही आसन, एक ही स्थान हो तो जल्दी सिद्धि होती है।
2. विष्णु, शंकर, गणेश, सूर्य और देवी - ये पाँचों एक ही हैं। विष्णु क़ी बुद्धि 'गणेश' है, अहम् 'शंकर', नेत्र 'सूर्य' है और शक्ति 'देवी' है। राम और कृष्ण विष्णु के अंतर्गत ही हैं।
3. कलियुग में कोई अपना उद्दार करना चाहे तो राम तथा कृष्ण क़ी प्रधानता है, और सिद्दियाँ प्राप्त करना चाहे तो शक्ति तथा गणेश क़ी प्रधानता है- 'कलौ चणडीविनायकौ'।
4. औषध से लाभ न तो हो भगवान् को पुकारना चाहिए। एकांत में बैठकर श्रद्धा भाव से, भगवान् से प्रार्थना करें जो काम औषध से नहीं होता, वह प्रार्थना से हो जाता है। मन्त्रों में अनुष्ठान में उतनी शक्ति नहीं है, जितनी शक्ति प्रार्थना में है। प्रार्थना जपसे भी तेज है।
5. भक्तों के नाम से भगवान् राजी होते हैं। शंकर के मन्दिर में घंटाकर्ण आदि का, राम के मन्दिर में हनुमान, शबरी आदि का नाम लो। शंकर के मन्दिर में रामायण का पाठ करो। राम के मन्दिर में शिवतांडव, शिवमहिम्न: आदि का पाठ करो। वे राजी हो जायेंगे। हनुमानजी को प्रसन्न करना हो उन्हें रामायण सुनाओ। रामायण सुनने से वे बड़े राजी होते हैं।
6. अपने कल्याण क़ी इच्छा हो तो 'पंचमुखी या वीर हनुमान' क़ी उपासना न करके 'दास हनुमान' क़ी उपासना करनी चाहिए।
7. शिवजी का मंत्र रुद्राक्ष क़ी माला से जपना चाहिए, तुलसी क़ी माला से नहीं।
8. हनुमानजी और गणेशजी को तुलसी नहीं चढानी चाहिए।
9. गणेशजी बालाक्स्वरूप में हैं। उन्हें लड्डू और लाल वस्त्र अच्छे लगते हैं।
10. दशमी- विद्ध एकादशी त्याज्य होती है, पर गणेशचतुर्थी त्रित्या- विद्धा श्रेष्ठ होती है।
11. किसी कार्यको करें या न करें - इस विषय में निर्णय करना हो तो एक दिन अपने इस्ट का खूब भजन-ध्यान, नामजप, कीर्तन करें। फिर कागज़ क़ी दो पुडिया बनाएं, एक में लिखें 'काम करें' और दूसरी में लिखें 'काम न करें'। फिर किसी बच्चे से कोई एक पुडिया उठ्वायें और उसे खोलकर पढ़ लें।
12. किंकर्तव्यविमूढ होने क़ी दशा में चुप, शांत हो जाएँ और भगवान् को याद करें तो समाधान मिल जाएगा।
13. कोई काम करना हो तो मन से भगवान् को देखो। भगवान् प्रसन्न देखें तो वह काम करो और प्रसन्न न देखें तो वह काम मत करो क़ी भगवान् क़ी आगया नहीं है। एक- दो दिन करोगे तो भान होने लगेगा।
14. विदेशी लोग दवापर जोर देते हैं, पर हम पथ्यपर जोर देते हैं -
पथ्ये सटी गदार्तस्य किमौषधनिषेवणै:।
पथ्येSसति गदर्त्तस्य किमौषधनिषेवणै:।
'पथ्य से रहने पर रोगी व्यक्ति को औषध-सेवन से क्या प्रायोजन ? और पथ्य से न रहने पर रोगी व्यक्ति को औषध - सेवन से क्या प्रायोजन ?'
15. जहाँ तक हो सके, किसी भी रोग में आपरेशन नहीं करना चाहिए। दवाओं से चिकित्सा करनी चाहिए। आपरेशन द्वारा कभी न करायें। जो स्त्री चक्की चलाती है, उसे प्रसव के स्ममय पीड़ा नहीं होती और स्वास्थ भी सदा ठीक रहता है।
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
vipul

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad