*नागों की दीपावली-नागपंचमी पर्व* 2 अगस्त को नाडेश्वर महादेव मंदिर तेलीनाडा में नागों की दीपावली - *नागपंचमी का त्यौहार* ज्योतिष गुरु डॉ.महेश दाधीच के अनुसार उत्तराफाल्गुनी एवं हस्त नक्षत्र शिव सिद्धीयोग में मनाया। नागपंचमी को नागों की दीपावली के रूप में मनाया जाता है।
डॉ महेश दाधीच के कहा पृथ्वी का सम्पूर्ण भार शेषनाग की फण पर ही है।
भारतीय ज्योतिष में जन्म कुंडली के राहु और केतु के मध्य विभिन्न ग्रहों की स्थिति होने पर कालसर्प योग का निर्माण होता है। कालसर्प योग के बारे में कहा जाता है कि जिसकी कुंडली में यह योग होता है उसे अपने जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता। यह आपकी नौकरी, विवाह, संतान, सम्मान, पैसा और भी कई अन्य समस्याओं से सम्बन्धित हो सकते हैं। राहु केतु विभिन्न भाव में स्थित होकर 12 प्रकार के कालसर्प दोष का निर्माण करते हैं। डॉ दाधीच ने ब्यय वैसे तो भारतीय ज्योतिष में 144 तरह का कालसर्प योग होता है किंतु 12 तरह के कालसर्प योग अति प्रसिद्ध है। शास्त्रों के अनुसार राहु और केतु 180 डिग्री में होते हैं और जब इन के मध्य में समस्त 7 ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प योग बनता है। ज्योतिष गुरु के अनुसार 12 प्रकार के काल सर्प दोष
1 अनंत कालसर्प योग
2 कुलिक कालसर्प योग
3 वासुकी कालसर्प योग
4 शंखपाल कालसर्प योग
5 पद्म कालसर्प योग
6 महापदम कालसर्प योग
7 तक्षक कालसर्प योग
8 कर्कोटक कालसर्प योग
9 शंखचूड़ कालसर्प योग
10 घातक कालसर्प योग
11 विषधर कालसर्प योग
12 शेषनाग कालसर्प योग होते है।
नागौर शहर में पहली बार इन 12 प्रकार के कालसर्प की शांति नागपंचमी के पर्व पर ज्योतिष गुरु डॉ महेश दाधीच के सानिध्य में 21 जोड़ो के साथ करवाई।
तेलीनाडे में स्थित नाडेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 10 से साँय 4 बजे तक 21 लोगो की कालसर्प शांति की विशेष वैदिक पद्धति से पूजा करके नागों का पर्व नागपंचमी मनाया गया।
*नागपंचमी के पर्व पर कालसर्प शांति पूजन 21जोड़ो को ज्योतिष गुरु डॉ महेश दाधीच के सानिध्य में करवाई*
अगस्त 03, 2022
0