नारी सशक्तिकरण भारत की पहचान - कविता
निकटवर्ती ग्राम बालवा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आज अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। आज का यह संपन्न बालिका दिवस महिला सशक्तिकरण को समर्पित रहा।इस कार्यक्रम की प्रभारी जया चौधरी ने बताया कि इस अवसर पर बालिकाओं की निबंध, चार्ट निर्माण, भाषण एवं सांस्कृतिक वेशभूषा प्रतियोगिता संपन्न हुई।
भाषण प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में भानु प्रताप प्रथम और बाबूलाल द्वितीय।वरिष्ठ वर्ग में ओमा प्रथम,मोनिका द्वितीय स्थान पर रहे।चित्रकला में ममता ने प्रथम,कंचन ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। सांस्कृतिक वेशभूषा में मूली और मनीता ने प्रथम दिव्या,
संध्या और मोनिका ने द्वितीय हर्षिता,अनिता,सुमन,खुशबु जांगिड़,निशा भैंसपालिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर अध्यापिका कविता टाक ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में महिला सशक्तिकरण प्राचीन काल से रहा है। हमारे यहां पर ज्ञान की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी और शक्ति की देवी मां जगदंबा की सदियों से पूजा कि जा रहा है।हमारे यहां पर बालिकाओं को देवी का दर्जा दिया है। अभी नवरात्र में बालिका को देवी के छोटे रूप में मानकर उनका कन्या पूजन किया गया,सम्मान किया है। आज पुन: आवश्यकता है कि हम बालिकाएं अपनी सामर्थ्य को पहचाने, हम अपने आप को शिक्षित करें,पढ़ाई करें,आत्म रक्षा के गुर सीखें। महिला सशक्तिकरण से ही किसी देश का उत्थान कर संभव है भारत में आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं इसलिए बालिकाओं को अपनी पहचान बनाकर देश को आगे बढ़ाने मे योगदान देना है। अध्यापक श्री हनुमान राम ने दीपावली को होने वाली असावधानियां के बारे में बताया।शंकर लाल मौर्य ने दीपावली के ऐतिहासिक महत्व और वाइस प्रिंसिपल हुलास चंद ने दीपावली के सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के बारे में जानकारी दी।कार्यक्रम की सांस्कृतिक तैयारी के लिए अध्यापिका पिंकू वर्मा,संतोष चारण ने बच्चों को निर्देशित एवं सहायता कि।विमला शर्मा ने सभी को मिठाई,टोफी वितरित कर मुँह मिठा किया।
इस अवसर पर कुलदीप खत्ती,पवन पुरोहित,पुनाराम,मीरा ,विमला शर्मा,पिंकू वर्मा,संतोष चारण उपस्थित रहे।प्रिंसिपल आनंद सिंह कच्छावा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता नटवर राज ने किया।