*राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना शिक्षक का कर्तव्य: शरद जोशी*

परिषद स्थायी रूप से कृषि मण्डी,रेलवे स्टेशन और जिंदास ग्राम में सेवार्थ जल मंदिर का संचालित करती है।चिकित्सा उपकरण भी निशुल्क प्रदान किए जातें हैं। कोरोना काल में भी परिषद के सदस्यों ने अपने प्राणों की परवाह किए बगैर पीड़ित मानवता की सेवा की।मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए परिषद सदस्य शरद कुमार जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना ही शिक्षक का कर्तव्य है।जब जब राष्ट्रीय चरित्र का पतन हुआ है हमारा राष्ट्र खंडित हुआ है।
हमारे देश में गुरु शिष्य परंपरा के अनेक श्रेष्ठ उदाहरण मिलते हैं।
राम,कृष्ण, सुदामा,शिवाजी,आरूणी,उपमन्यु, एकलव्य,नरेंद्र,मूलशंकर जैसे श्रेष्ठ शिष्यों का निर्माण विश्वामित्र,वशिष्ठ,संदीपनी,समर्थ गुरु रामदास,स्वामी रामकृष्ण परम हंस, विरजानंद जैसे श्रेष्ठ गुरुओं ने किया है।
शरद कुमार जोशी ने बोलते हुए कहा कि शिक्षक कभी साधारण नहीं होता है।प्रलय और निर्माण शिक्षक की गोद में खेलते हैं।शिक्षक का ज्ञान ही उसका धन होता है।अपने धन रूपी ज्ञान के बलबूते पर शिक्षक अपना पालन करने वाले सम्राटों का निर्माण स्वयं कर लेता है।उन्होंने बताया कि अपनी भाषा,अपनी वेशभूषा,अपनी सभ्यता संस्कृति पर गौरव करके ही हम राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण कर सकतें हैं।
कांसेप्ट क्लासेज के सभी शिक्षकों का छात्र छात्राओं द्वारा मंगल तिलक लगाकर और रक्षासूत्र बांधकर अभिनंदन किया।इस अवसर पर कांसेप्ट क्लासेज के दो प्रतिभाशाली विद्यार्थियों कक्षा द्वादशी की प्रीति चांडक और दशमी कक्षा के राजेश चौधरी को परिषद द्वारा प्रशस्ति पत्र और पारितोषिक प्रदान कर उत्साहवर्धन किया गया। प्रकल्प प्रभारी विकास सोनी ने छात्र छात्राओं को राष्ट्रभक्ति,नैतिकता,नशामुक्ति की शपथ का दोहरान करवाया।राजेश सांखला ने इस प्रकार के संस्कारक्षम कार्यक्रम के आयोजन हेतु परिषद परिवार का आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का सफल संचालन कांसेप्ट क्लासेज,नागौर के मनीष शर्मा ने किया।राष्ट्रगान के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।