🎈 आश्विन,कृष्ण पक्ष द्वादशी (बारस)श्राद्ध विक्रम सम्वत २०८२, 18 सितम्बर 2025 गुरुवार पितृपक्ष चल रहा है।*
*🎈 दिनांक -18 सितंबर 2025*
*🎈 दिन- गुरुवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास -अश्विन*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈 पक्ष -श्राद्ध *
*🎈तिथि - द्वादशी 23:23:43 रात्रि तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*🎈नक्षत्र - पुष्य 06:31:20 am रात्रि तक तत्पश्चात् आश्लेषा*
*🎈योग - शिव 21:36:10
Pm तक तत्पश्चात् सिद्ध*
*🎈 करण - कौलव 11:27:50 तक तत्पश्चात् गर*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का to get अलग है- 02:00 am से 03:32 am तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - कर्क*
*🎈सूर्य राशि- कन्या *
*🎈सूर्योदय - 06:22:27am*
*🎈सूर्यास्त - 06:36:07:pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 04:48 ए एम से 05:35 ए एम तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:04 पी एम से 12:53 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:06 ए एम, सितम्बर 19 से 12:53 ए एम, सितम्बर 19*
*🎈गुरु पुष्य योग 06:22 ए एम से 06:32 ए एम ,*
*🎈 सर्वार्थ सिद्धि योग 06:22 ए एम से 06:32 ए एम*
*🎈अमृत सिद्धि योग 06:22 ए एम से 06:32 ए एम*
*🎈 सर्वार्थ सिद्धि योग 06:22 ए एम से 06:32 ए एम*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 शुभ - उत्तम-06:22 ए एम से 07:54 ए एम*
*🎈 रोग - अमंगल-07:54 ए एम से 09:25 ए एम*
*🎈 उद्वेग - अशुभ-09:25 ए एम से 10:57 ए एम*
*🎈 चर - सामान्य-10:57 ए एम से 12:29 पी एम*
*🎈 लाभ - उन्नति-12:29 पी एम से 02:01 पी एम*
*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-02:01 पी एम से 03:33 पी एम*
*🎈 काल - हानि-03:33 पी एम से 05:04 पी एम काल वेला*
*🎈 शुभ - उत्तम-05:04 पी एम से 06:36 पी एम वार वेला*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-06:36 पी एम से 08:04 पी एम
*🎈चर - सामान्य-08:04 पी एम से 09:33 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-09:33 पी एम से 11:01 पी एम*
*🎈काल - हानि11:01 पी एम से 12:29 ए एम, सितम्बर 19*
*🎈लाभ - उन्नति-12:29 ए एम से 01:57 ए एम, सितम्बर 19 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-01:57 ए एम से 03:26 ए एम, सितम्बर 19*
*🎈शुभ - उत्तम-03:26 ए एम से 04:54 ए एम, सितम्बर 19*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-04:54 ए एम से 06:22 ए एम, सितम्बर 19*
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🚩*☀ #पितृ पक्ष☀*
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🔷 🌙 "चलिए इस बार राहू को मनुष्य के सबंधो से देखते है--सभी भावों मे इसका प्रभाव कैसा दिखता है आज के समय मे -कहते है राहु जिसे तारे उसे कौन मारे और राहु जिसे मारे उसे कौन तारे
--राहु एक ऐसा विचार है जो अचानक मन मे आता है जिसकी कोई सुचना नही होती इसका अधिपत्य मन के अदंर बन रहे विचारो पर होता है क्यूंकि मन और दिमाग जातक का मजबूत हिस्सा होता है जीवन जीने के लिए ऐ शरीर का कंट्रोल रूम होता और राहू इसी कट्रोल रूम मे बैठ के जातक के दिमाग और विचारो को अपने अनुसार चलाता है जैसे ऐसे ऐसे सपने दिखाता है की या तो उसको डर से अचानक उठा देता है हल्के हल्के झटके जो सपनो की वजह से बॉडी मे होते हैं अक्सर अधिकांश लोगो क़ो होता होगा राहु सर्प का मुँह हैं सपने मे सर्प का फन दिखना या काटते दिखना राहु की निसानी हैं । राहू की खासियत है वो उन चीजो से जातक को दूर करता है जिसकी जरूरत उसको होती है अच्छे रिश्ते अच्छे दोस्त सम्बन्ध आदि ।
👉जैसे लगन मे बैठेगा तो ऐसा आदमी शरीर को झटक कर चिल्लाते हुऐ गुस्सा दिखाता है और एक अच्छी सेहत से दूर लेके जाता है कमजोर शरीर देता है यदि सुर्य भी नीच का हो तो आखो को कमजोर करेगा और दिमाग भी भले ही बाते समझदारी करेगा पर होता मुँह से बोल वो निकलते नहीं है । ऐसे लोग कूटनीति मे माहिर होते है, लेकिन इनका बचपन बहुत कस्टदाई होता है क्यूंकि इनका सूर्य अधिकतर ख़राब होता है जिससे पिता इनके कुछ ख़ास परिवार के लिए करते नहीं है भले ही बाहरी लोगो के प्रिय होते है, इनमे गुस्सा छुपा हुआ अधिक होता है, समझदार होते है लेकिन अंदर ही अंदर इनको कोई न कोई दुख रहता है,
👉यदि दूसरे भाव मे होगा तो जल्दी मे बोलने वाला और तीखे शब्द से काम निकालने वाला होगा इसकी वजह से परिवार से दूर भी राहू ले जाता है इस भाव मे जातक की शिकायत और कामो की वजह से अलग होना पडता है ।
👉तीसरा घर का राहू का अपना भाव भी है पर यहा कुछ बाते है जो परेशान करती है इस भाव का राहू पैसा आने तो देगा पर उसको बिना वजह से खर्चे भी करवाता है कभी कभी बेकार की चीजो मे पैसा लगा देता है जैसे गाडी चलानी तो नही आती न चलाने वाला रख सकता है फिर भी गाडी खरीद ली बाद मे नुकसान से बेचना पडता है । यहां पैसे की बचत तो नही खपत की योजना चलती रहती है और यहा पर ठगा भी जाता है भाई से दोस्त से पैसे दिए वापस नही कोई देता ।
👉चौथे भाव का राहू माता और अपने पुस्तैनी जमीन से दूर ले जाता है उसकी माता को पेट से सबंधी रोग घिरे रहते है यदि ऐसा जातक घर की सीढीया या शौचालय की छत जमीन पर मरम्त करवाता है तो उसके घर की शांती खतम हो जाती है इसलीए इस घर के राहू को नही छेडना चाहिए । राहु यहाँ जातक के सुखो का नाश मारता है क्यूंकि हर तरफ से कोई न कोई दिक्कत बनी रहती है ख़ासकर बीमारिया,लोगो से लिया धन इनको और अधिक परेशान करता है लोग तोह करते ही है ये खुद अधिक मानसिक रूप से दुखी रहने लगते है,
👉पचंम का राहू तेज बुद्धी और चालाक स्वभाव देता है पर पढाई से दूर ले जाता है ऐसे जातक की पढाई पूरी नी होती कठिनाई से पूरी होगी पूरी होगी भी तो काम नी आती काम करने के तौर पर । ऐ भाव प्रेम सबंध का भी है क्ई लव अफेयर देता है और पूरा एक भी नी होता आधे आधे चलते है यानी प्रेम से दूर करता है । अधिकतर सबंध राहू से बनते हे पर चलते नी है ।
👉छठे भाव मे अपने घर मे होता है पर अपना स्भाव तो स्वभाव है इस भाव मे राहू की खराबी बिना बात के झगडे मोल लेने वाला बना देता है दुश्मन बना लेता है पैसे का लेन देन बिना सोचे समझे कर देता है जिससे डूबता तो है उपर से कर्जे मे घिर जाता है और ब्याज पर ब्याज देने वाला बन जाता है ।
👉सातवे का राहू अधिक खराब होता है मनुष्य की लाइफ का अहम भाव है जिसमे वह खुद के लिए कुछ करता है अपनी बीवी बच्चे पर राहू का यहा होना जीवन साथी से दूर ही रखता है चाहे तलाक करा के रखे या पत्नी खुद छोड दे पुत्र सतांन यदि हुयी तो राहू सहन नही करता उसे पिता से दूर करा के दम लेता है क्यूकी सुर्य की ताकत उसको सहन नही होती । पति पत्नी अनबन रहेगी या वो सतांन के लिए दुखी रहेगे लेकिन कुंडली के कुछ योग के कारण ये सब हो जरुरी नहीं क्यूंकि पति पत्नी की कुण्डी मे विपरीत योग भी होते है सबके साथ ये जरुरी नहीं तलाक होने के और भी कई कारण होते है ।
👉आठवे का राहू जन्म भूमी से कोषो दूर ही रखता है ऐसे क्ई लोग है जिनहोने अभी तक बाप दादाओ की पुस्तैनी जमीन तक दुबारा नही देखी और राहु यहाँ रोग बड़े बुरे देता है ये रोग तब उजागर होते है ज़ब उनका इलाज सम्भव नहीं होता है यही एक भाव है जहाँ सब अचानक घटित होता है और यहाँ पर केतु का असर भी बराबर साथ मे होता है व्यक्ति के ऐसे रोग सामने आते है जैसे ट्यूमर, कैंसर, रोड दुर्घटना मे कम उम्र चले जाना । 👉नवे यानी भाग्य भाव का राहू भाग्य से मिलने वाले सुख का आधा हिस्सा ही देता है वह हमेशा भागता रहता है चीजो को पाने के पीछे फिर भी हासिल नही कर पाता खुद लडकर खुद को ही समझाता रहता है पर सुकुन नही देता लेकिन यदि मंगल और गुरु शुभ है तोह ज्यादा परेशान नहीं करता है कुछ चीज़े समय से पहले देता है और ज़ब उसकी अधिक जरुरत होती है तब छीन भी लेता है ये मायाचक्र राहु की दें है ।
👉दसवे घर का राहू कर्म से दूर ले जाकर हर चीज को जल्दी से शार्टकट से पाना चाहता है मतलब मेहनत से दूर कर देता है यही जातक दूसरो की बातो मे आकर खुद को बरबाद करता है बैको से पैसा लेकर और के साथ काम चलाता है पर उनको फायदा देकर खुद नुकसान झेलता है । शेयर और सट्टे की ओर ले जाता है कमाता भी है और जलदी बरबाद भी हो जाता है उस पैसे को रख नही पाता न राहू रखने देता है क्यूकी राहू अपनी दी चीज या सुख खुद ले जाता है इसकी दशा मानसिक तौर पर तोड देती है खराब चद्र इसके साथ हो तो आत्महत्या की ओर ले जाता है लेकिन यदि ये वक्त रहते किसी अच्छे की सलह लेकर काम करें तोह खूब पैंसा देता है राजनीति से और सरकार से भी ।
👉ग्यारहवे का राहू पैसे कामाने और अछी लाइफ जीने के लिए इतना उकसाता है की वह कोई भी काम चाहे दो नबंर का हो करने से नही चूकता लेकिन कर्म भाव मजबूत हो तो अकुश लग जाता है पर और लोग इसको जीने नी देते झूठा फसां कर जेल तक हो जाती है.. लाभ के पीछे भागता रेहता है पर उसके पाने पीछे जो जमा किया रहता है उसे भी गवां देता है भले पहले कितना भी कमा रखा हो लुटा के मानेगा यही खेल राहु का है पहले दिया फिर धीरे धीरे वापस ले भी लिया साथ टेंशन, परिवार से दुरी कुछ हद तक बदनामी भी साथ मे देता है
👉बाहरवे का राहू रात को नीदं नी देता बुरे सपनो से डराता रहता है । बारहवे के राहू पिता को अधिक कष्ट भी देता है खासतर बीमारी जो ठीक न हो जेल और कोर्ट केस, ऐसा जातक छुपकर रहने के लिए मजबूर रहता हैं इनपर क़र्ज़ बहुत होता हैं और इसके साथ मंगल यहाँ हो तोह कर्ज कम नी होता और काम करने की छमता भी नहीं रहती सूर्य हो तोह परिवार मे कोई इज्जत नहीं करता झूठे लोगो से दोस्ती पिताजी को ब्रेन व हार्ट की समस्या रहती है या इन्ही बिमारी से उनका स्वर्गवास हो जाता है । इसलिए हर आदमी की कुडंली से सबके उपाय भी अलग होते है ।
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 🕉️📿🔥🌞🚩🔱