*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
नागौर राजस्थान मानक समयानुसार
*🎈दिनांक -14अक्टूबर 2025 *
*🎈 दिन - मंगलवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष - कृष्णपक्ष*
*🎈तिथि- अष्टमी 11:08:53 pm तक तत्पश्चात् नवमी*
*🎈 नक्षत्र - पुनर्वसु 11:53:21 pm तत्पश्चात् पुनर्वसु*
*🎈 योग - सिद्ध 28:10:04*
am तक तत्पश्चात् सिद्ध*
*🎈करण -कौलव 11:08:53*
am तक तत्पश्चात् कौलव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- सुबह 03:14 pm से दोपहर 04:40 pm *
*🎈चन्द्र राशि - कर्क *
*🎈सूर्य राशि- कन्या*
*🎈सूर्योदय - 06:35:23am*
*🎈सूर्यास्त -06:06:13pm*
*🎈चंद्रोदय- 24:43:19am*
*🎈चंद्रास्त- 02:03:08pm*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से प्रातः 05:44 तक *
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:58 ए एम से 12:44 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:56 पी एम से 12:46 ए एम, अक्टूबर 15 तक*
*🎈अमृत काल -09:33 ए एम से 11:07 ए एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व- अष्टमी व्रत*
*🌹 कार्तिक मास में दीपदान के साथ कुछ विशेष उपाय यदि आपके शत्रु अधिक है तो ये प्रयोग करे।
रविवार के दिन सुबह स्नान आदि करके कही पर भी नजदीक में भैरव मंदिर है तो वहा पर चले जाए।
वहा भगवान भैरव को काले उड़द के आटे से बने 1 बड़ा अर्पण करे। 250 ग्राम जलेबी अर्पण करे। साथ में एक मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाए और दीपक के अंदर थोड़े काले तिल के दाने डाले।
इतना प्रक्रिया करने के बाद भगवान श्री काल भैरव से अपने शत्रु नाश हेतु प्रार्थना करे।
फिर घर आकर शत्रु नाश हेतु आंकड़े के पत्ते पर निम की कलम से आंकड़े के दूध से शत्रु का नाम लिखकर उसके ऊपर एक मुट्ठी उड़द रखे।
फिर उसके सामने बैठकर भगवान काल भैरबके शत्रु नाशक मंत्र का 11 माला जप करके भगवान काल भैरव से शत्रु नाश हेतु प्रार्थना करे।
उसके बाद सामग्री को काले कपड़े में लपेटकर श्मशान में गाड़ दे या चिता के पास छोड़ दे।
ये कार्य के बाद दूसरे दिन किसी भी काले कुत्ते को दूध अवश्य पिलाए।
आपका कार्य प्रबल तरीके से सिद्ध होगा।
एक बात याद रखे। बिना वजह या फिर सामान्य दुश्मनी में किए गए प्रयोग कर्म की गति में अवश्य बंधेंगे। सबके पास इष्ट शक्ति का बल होता है उसे भी ध्यान में रखे।
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 रोग - अमंगल-06:34 ए एम से 08:01 ए एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-08:01 ए एम से 09:27 ए एम वार वेला*
*🎈चर - सामान्य-09:27 ए एम से 10:54 ए एम*
*🎈लाभ - उन्नति-10:54 ए एम से 12:21 पी एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-12:21 पी एम से 01:47 पी एम*
*🎈काल - हानि-01:47 पी एम से 03:14 पी एम काल वेला*
*🎈शुभ - उत्तम-03:14 पी एम से 04:41 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-04:41 पी एम से 06:07 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈काल - हानि-06:07 पी एम से 07:41 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-07:41 पी एम से 09:14 पी एम काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-09:14 पी एम से 10:48 पी एम*
*🎈शुभ - उत्तम-10:48 पी एम से 12:21 ए एम, अक्टूबर 15*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-12:21 ए एम से 01:54 ए एम, अक्टूबर 15*
*🎈चर - सामान्य-01:54 ए एम से 03:28 ए एम, अक्टूबर 15*
*🎈रोग - अमंगल-03:28 ए एम से 05:01 ए एम, अक्टूबर 15*
*🎈काल - हानि-05:01 ए एम से 06:35 ए एम, अक्टूबर 15*
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🚩*☀#*जय गणेश*☀*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩*
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🌷🌷 पारिजात वृक्ष 🌷🌷
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🔯 पारिजात वृक्ष - सबसे अप्रत्याशित स्थानों में एक दुर्लभ वृक्ष है। इसको छूने का हक सिर्फ #उर्वशी को था,,,
समुद्र मंथन के समय निकले बहुमूल्य रत्नों में एक ये वृक्ष भी था,, #पारिजात नाम है इसका,,इसे ही #कल्पवृक्ष भी कहा गया है,,
⚜️ पूरी रात सुगंधी बिखेरता पारिजात,भोर होते ही अपने सभी फूल पृथ्वी पर बिखेर देता है!अलौकिक सुगंध से सराबोर इसका पुष्प केवल मन को ही प्रसन्न नहीं करता,अपितु तन को भी शक्ति देता है ! एक कप गर्म पानी में इसका फूल डालकर पियें,अद्भूत ताजगी मिलेगी....
⚜️यह पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प है....
⚜️इंद्र के बगीचे में स्थित इस वृक्ष को सिर्फ उर्वशी को छूने का अधिकार था,,, इसके नीचे बैठने, या छूने मात्र से थकान दूर हो जाती है और नई ऊर्जा का संचार होता है। स्वर्ग में इसको छूने से देव नर्तकी उर्वषी की थकान मिट जाती थी,पारिजात नाम के इस वृक्ष के फूलों को देव मुनि नारद ने श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा को दिया था,इन अदभूत फूलों को पाकर सत्यभामा भगवान श्री कृष्ण से जिद कर बैठी कि पारिजात वृक्ष को स्वर्ग से लाकर उनकी वाटिका में रोपित किया जाए!
⚜️सत्यभामा की जिद पूरी करने के लिए जब श्री कृष्ण ने पारिजात वृक्ष लाने के लिए नारद मुनि को स्वर्ग लोक भेजा तो इन्द्र ने श्री कृष्ण के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और पारिजात देने से मना कर दिया,जिस पर भगवान श्री कृष्ण ने गरूड पर सवार होकर स्वर्ग लोक पर आक्रमण कर दिया और परिजात को प्राप्त कर लिया,श्री कृष्ण ने यह पारिजात लाकर सत्यभामा की वाटिका में रोपित कर दिया!
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शेष भाग कल.......
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी"
नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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