*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक - 11 दिसंबर2025*
*🎈 दिन- गुरुवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - पौष मास*
*🎈 पक्ष - कृष्णा पक्ष*
*🎈तिथि- सप्तमी 13:56:29*pm तत्पश्चात् अष्टमी*
*🎈 नक्षत्र - पूर्व फाल्गुनी 27:54:44* am तत्पश्चात् उत्तर फाल्गुनी*
*🎈 योग - विश्कुम्भ 11:39:05*pm तक तत्पश्चात् प्रीति*
*🎈करण - *बव 13:56:29pm तत्पश्चात् बालव*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 01:46pm to 03:15 pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - सिंह*
*🎈सूर्य राशि- वृश्चिक*
*🎈सूर्योदय - :07:15:52am*
*🎈सूर्यास्त -17:40:48pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 05:26 ए एम से 06:20:00( ए एम प्रातः तक *(नागौर
राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 12:07 पी एम से 12:49 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 12:02 ए एम, दिसम्बर 12 से 12:56 ए एम, दिसम्बर 12*
*🎈 अमृत काल 09:12 पी एम से 10:53 पी एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व- सप्तमी व्रत*
*🎈विशेष - पौष मास महात्म्य *
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🛟शुभ - उत्तम-07:15 ए एम से 08:33 ए एम*
*🛟रोग - अमंगल-08:33 ए एम से 09:51 ए एम*
*🛟उद्वेग - अशुभ-09:51 ए एम से 11:10 ए एम*
*🛟 चर - सामान्य-11:10 ए एम से 12:28 पी एम*
*🛟लाभ - उन्नति-12:28 पी एम से 01:47 पी एम*
*🛟 अमृत - सर्वोत्तम-01:47 पी एम से 03:05 पी एम*
*🛟काल - हानि-03:05 पी एम से 04:24 पी एम काल वेला*
*🛟शुभ - उत्तम-04:24 पी एम से 05:42 पी एम वार वेला*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🛟अमृत - सर्वोत्तम-05:42 पी एम से 07:24 पी एम*
*🛟चर - सामान्य-07:24 पी एम से 09:05 पी एम*
*🛟रोग - अमंगल-09:05 पी एम से 10:47 पी एम*
*🛟काल - हानि-10:47 पी एम से 12:29 ए एम, दिसम्बर 12*
*🛟लाभ - उन्नति-12:29 ए एम से 02:10 ए एम, दिसम्बर 12 काल रात्रि*
*🛟उद्वेग - अशुभ-02:10 ए एम से 03:52 ए एम, दिसम्बर 12*
*🛟शुभ - उत्तम-03:52 ए एम से 05:34 ए एम, दिसम्बर 12*
*🛟अमृत - सर्वोत्तम-05:34 ए एम से 07:15 ए एम, दिसम्बर 12*
🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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💐 * #.★★★शनि ग्रह बारे में जानकारी★★★
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( शेष भाग १ से निरंतरता..........)
💕√●आगे चल कर सूर्य को यह तथ्य मालूम हुआ तो वे संज्ञा को पाने के लिये अपने श्वसुर त्वष्टा के पास गये। त्वष्टा ने सूर्य के तेज को कम करने तथा सुरूष देने हेतु उनका बहुत सा तेज निकाल कर सुदर्शन चक्र रचा। जिसे भगवान् धारण कर चक्रपाणि कहे जाते हैं। पहले की अपेक्षा सूर्य का रूप सौम्य एव आकर्षक हो गया। इसके बाद सूर्य ने अश्विनी बन कर चरती हुई संज्ञा के गर्भ में वीर्य का आधान कर दो (जुड़वाँ) संतानों को जन्माया। ये अश्विनी कुमार नासत्य एवं दस्त नाम से जाने जाते हैं। ये देवताओं के वैद्य हैं।
💕√●यह आख्यान ज्ञान की गुत्थी है। इसे कोई-कोई ही समझता है। संज्ञा का नाम संध्या एवं सुरेणु भी है। वास्तविक संज्ञा से तीन संतानें, संज्ञा की छाया से दो संतानें तथा अश्विनी संज्ञा से भी दो संताने अर्थात् ३+२+२ = ७ सात संतानों के पिता होने से सूर्य को सप्ति कहते हैं...
"सप्तसप्तिर्मरीचिमान्।।"
(अदित्यहृदय, रामायण ।)
"भ्राता शनैश्वरश्वास्य ग्रहत्वमुपलब्धवान् । नसत्यी यी समाख्याती स्ववैद्यौ तौ बभूवतुः।।
(९।६२ ॥)
💕√● शनि की प्रतिष्ठापना ग्रह के रूप में हुई।
💕♂️√● द्वितीय मनु (आठवें मनु) के भ्राता शनिश्चर महाराज हैं। ये लोक पूज्य ग्रह हैं। वर्तमान में सातवें मनु स्वायम्भुव का शासन है।
💕"द्वितीयो यः सुतस्तस्य मनोभ्रता शनैश्वरः । ग्रहत्वं स च लेभे वै सर्वलोकाभिपूजितम् ॥"
( श्री महाभारते खिल भागे हरिवंशे ९ ।६५ । )
💕√●छाया का रंग होता है-काला। संज्ञा कहते हैं, ज्ञान को ज्ञान का रंग है- शुक्ल । दिन को कहते हैं-संज्ञा। रात को कहते हैं। छाया सूर्यास्त के बाद संध्याकाल प्रारंभ होता है। यही रात्रि वा छाया का शैशव रूप है। छाया = रात = अप्रकाश = अज्ञान अश्विनी को भी संध्या कहते हैं। अश्विनी संधि नक्षत्र है- मेषराशि का प्रारंभ एवं मीन राशि का अन्त। संधि (गण्ड) नक्षत्र होने से अश्विनी की संज्ञा संध्या है। यहाँ सूर्य (काल) की पत्नी (काली) के तीन रूप है संज्ञा दिन प्रकाश ज्ञान, छाया रात अन्धकार अज्ञान, सन्ध्या अश्विनी दिन-रात (ज्ञान- अज्ञान) से परे की स्थिति।
♂️शेष भाग निरंतरता.......... ✍️भाग(२)
💥“ज्ञान ही सच्ची संपत्ति है।
बाकी सब क्षणभंगुर है।”💥
🌼 ।। जय श्री कृष्ण ।।🌼
💥।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬*जय श्री महाकाल सरकार* 🔱🇪🇬 *मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱


