हेल्दी लीवर अभियान को सफल बनाएंः- समारिया
जिला कलक्टर ने किया पोस्टर का विमोचन
नागौर।
जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने मंगलवार को हेल्दी लीवर अभियान के तहत हेपेटाइटिस बीमारी के विभिन्न प्रकार, इसके लक्षण और इससे बचाव को लेकर जागरूकता लाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी पोस्टर का विमोचन किया।
जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने कहा कि राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्दी लीवर अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने की अपील करते हुए आमजन को हेपेटाइटिस से बचाव को लेकर जागरूक करने पर बल दिया। जिला कलक्टर ने कहा कि हेल्दी लीवर अभियान को सफल बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करें और निरोगी नागौर की संकल्पना में एक और कदम आगे बढ़ाएं।
हेल्दी लीवर अभियान को लेकर अतिरिक्त जिला कलक्टर मोहनलाल खटनावलिया ने आमजन से अपील है कि हैल्दी लीवन अभियान के तहत जारी डिजिटल जागरूकता अभियान और आगामी 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के उपलक्ष में विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार की ओर से प्रस्तावित राष्ट्रीय सेमिनार से ऑनलाइन जुड़कर जरूर सहभागी बनेें। पोस्टर विमोचन के अवसर पर इस मौके पर जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. श्रवण राव, एनएचएम के डीपीएम राजीव सोनी, एपीडेमोलॉजिस्ट साकिर खान मौजूद रहे।
हैल्थ स्क्रीनिंग, जांच एवं जागरूकता
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि हेल्दी लीवर अभियान के तहत चिकित्सा संस्थानों में हेपेटाइटिस जांच एवं हैल्थ स्क्रीनिंग के साथ-साथ आमजन को जागरूक करने पर भी काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थानों में संचालित प्रयोगशालों में हेपेटाइटिस की जांच की सुविधा उपलब्ध है। गर्भवती महिलाएं हेपेटाइटस बी की जांच अवश्यक करवाएं। हेपेटाइटिस से ग्रसित मरीजों का निशुल्क उपचार जिला एवं उप जिला अस्पताल पर स्थित हेपेटाइटिस जांच एवं उपचार केन्द्र पर उपलब्ध हैं। हेल्दी लीवर अभियान के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहयोग से सरकारी भवनों में वाटर टैंक से जल नमूने भी लिए जा रहे हैं, ताकि इनकी गुणवत्ता की जांच हो सके। इस कार्य में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का पूरा सहयोग मिल रहा है।
हेपेटाइटिस के पांच प्रकार
विषेषज्ञ चिकित्सक एवं जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. श्रवण राव ने बताया कि बताया कि हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है हेपेटाइटिस ए और ई दुषित खानपान और दूषित पानी के कारण होता है वहीं हेपेटाइटिस बी,सी व डी संक्रमित ब्लड व सुई तथा असुरक्षित यौन सम्बन्धो के कारण होता है। हेपेटाइटिस का वायरस लिवर को प्रभावित करता है यह वायरस ब्लड के माध्यम से लिवर में प्रवेश करता है और फिर लिवर फेलियर समेत कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। यदि इसका समय पर उपचार समय पर शुरू नही किया जाये तो यह मौत का कारण बन सकता है।