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पंचांग - 21-11-2024

 

JYOTISH

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achar

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parihar

hundai

toyta

goyal

*💥🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*⛅दिनांक - 21 नवम्बर 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी शाम 05:02:29 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - पुष्य दोपहर 03:34:29 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग - शुक्ल दोपहर 12:00:03 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- दोपहर 01:41 से दोपहर 03:01तक*
*⛅सूर्योदय - 07:00:32*
*⛅सूर्यास्त - 05:40:48*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:07 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:00 से दोपहर 12:42 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:55 नवम्बर 21 से रात्रि 12:08नवम्बर 22 तक*

 *⛅चोघडिया, दिन⛅*
लाभ    07:01 - 08:21    शुभ
अमृत    08:21 - 09:41    शुभ
काल    09:41 - 11:01    अशुभ
शुभ    11:01 - 12:21    शुभ
रोग    12:21 - 13:41    अशुभ
उद्वेग    13:41 - 15:01    अशुभ
चर    15:01 - 16:21    शुभ
लाभ    16:21 - 17:41    शुभ
*⛅चोघडिया, रात⛅*
उद्वेग    17:41 - 19:21    अशुभ
शुभ    19:21 - 21:01    शुभ
अमृत    21:01 - 22:41    शुभ
चर    22:41 - 24:21    शुभ
रोग    24:21 - 26:01    अशुभ
काल    26:01 - 27:41    अशुभ
लाभ    27:41 - 29:21    शुभ
उद्वेग    29:21 - 31:01    अशुभ
kundli



*⛅व्रत पर्व विवरण - गुरुपुष्यामृत योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (सूर्योदय से दोपहर 03:35 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*⛅गुरु पुष्य नक्षत्र जो लोग कर्ज के कारण दैनिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए भी परेशान हैं उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके
।।अंगारक महाभाग भगवन् भक्तवत्सल ।।
।।त्वां नमामि ममाशेषम् ऋणमाशु विनाशय ।।
मंत्र के साथ भगवान शिव के उपर #शमी पत्र चढ़ाए
 लाभ होगा होगा...


*⛅ 21 नवम्बर 2024 : गुरुपुष्यामृत योग *⛅

*⛅साल 2024 का आखिरी गुरु पुष्य नक्षत्र 21 नवंबर को रहेगा. इसलिए इसे संपूर्णकालिक गुरु पुष्य योग भी कहा जा रह है. यह साल का आखिरी गुरु पुष्य योग होगा. 21 नवंबर को गुरुवार का दिन होने के साथ ही सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पुष्य नक्षत्र रहेगा, जिससे यह पूर्णकाल योग अधिक फलदायी रहेगा*
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*⛅पुष्य नक्षत्र का गुरुवार से योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है ।*

*⛅गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।*
*⛅गुरु पुष्य योग में नई दुकान, नया वाहन, नया घर खरीदने और नये काम की शुरुआत शुभ और सफलता देने वाली होती है। गुरु पुष्य योग में आपको माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।*

*⛅ गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।*

*⛅गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना सुलभ होता है ।*

*⛅गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित है ।*
*⛅पुष्य नक्षत्र काल में दाल, चावल, खिचड़ी, बेसन, कढ़ी, बूंदी की लड्डू आदि चीजों का सेवन करना चाहिए तथा अपने सामर्थ्य के अनुसार इनका दान करना भी उचित रहता है। 8. इस दिन किसी भी नए मंत्र की जाप की शुरुआत करना शुभ माना गया है।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
मोबाइल नंबर....8387869068
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