*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक - 12 अगस्त 2025*
*🎈 दिन मंगलवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈तिथि - तृतीया 08:40:09
तिथि चतुर्थी*
सातुड़ी तीज का व्रत है आज*
*🎈नक्षत्र - पूर्वभाद्रपदा 11:50:56 रात्रि तत्पश्चात् उत्तरभाद्रपदा*
*🎈योग - सुकर्मा 18:52:23* तक तत्पश्चात् धृति*
*🎈 करण - विष्टि भद्र 08:40:09* तत्पश्चात् बालव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- दोपहर 03:57 से सांय 05:35 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - कुम्भ till 06:09:14*
*🎈चन्द्र राशि- मीन from 06:09:14*
*🎈 सूर्य राशि - कर्क*
*🎈सूर्योदय- 06:05:55 *
*🎈सूर्यास्त -19:13:51*
(मानक भारतीय समय नागौर राजस्थान के अनुसार)
*🎈दिशा शूल उत्तर*
*🎈ब्रह्म मुहूर्त 04:38 ए एम से 05:21 ए एम*
*🎈अभिजित मुहूर्त 12:14 पी एम से 01:06 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त 12:18 ए एम, अगस्त 13 से 01:02 ए एम, अगस्त 13*
*🎈सर्वार्थ सिद्धि योग 11:52 ए एम से 06:05 ए एम, अगस्त 13
*🎈विशेष - भाद्रपद की तीज को दही और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन मांस, मदिरा, बैंगन, और नारियल का तेल भी नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🎈राजस्थान में, भाद्रपद कृष्ण तृतीया को "सतुडी तीज" त्योहार मनाया जाता है। तीज कई हिंदू त्योहारों का सामान्य नाम है जो महिलाओं द्वारा मनाए जाते हैं। मानसून के तीज त्योहार मुख्य रूप से पार्वती और शिव के साथ उनके मिलन को समर्पित होते हैं। महिलाएं अक्सर तीज के उपलक्ष्य में उपवास रखती हैं। इस तीज को कजरी तीज हर साल भाद्रपद या भादो महीने में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. कजरी तीज को बूढ़ी तीज, कजली तीज, सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि कजरी तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. पारिवारिक जीवन सुखमय हो जाता है.
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
रोग-06:06- 07:44 अशुभ*
उद्वेग-07:44 - 09:23 अशुभ*
चर-09:23 -11:01शुभ*
लाभ-11:01- 12:40शुभ*
अमृत-12:40 -14:18शुभ*
काल-14:18-15:57अशुभ*
शुभ-15:57-17:35 शुभ*
रोग-17:35-19:14अशुभ*
*🛟चोघडिया, रात्रि🛟*
काल-19:14-20:35अशुभ*
लाभ 20:35 -21:57शुभ*
उद्वेग21:57-23:19-अशुभ*
शुभ-23:19-24:40शुभ*
अमृत-24:40* -26:02* शुभ*
चर-26:02* -27:23*शुभ*
रोग-27:23* -28:45अशुभ*
काल-28:45* -30:06*अशुभ
*🎈।।अंगारक संकष्टी चतुर्थी 12 अगस्त 2025।।
*🎈अंगारकी चतुर्थी 2025:🎈*
जब संकष्टी चतुर्थी व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है, तो उसे अंगारकी चतुर्थी माना जाता है। अंगारक योग इसदीन पड़ने के कारण इसे अंगारकी चतुर्थी के तौर पे शास्त्रों में वर्णित है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है और सभी संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रतों में सबसे शुभ माना जाता है। आमतौर पर, यह व्रत पूर्णिमा के बाद, चंद्र मास के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है। अंगारकी चतुर्थी मराठी संस्कृति के गणपति अनुयायियों के लिए, विशेष रूप से पश्चिमी भारत में, बहुत महत्व रखती है। महाराष्ट्र में, भगवान गणेश मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
तंत्र के विषय में इसका महत्व यह है कि, कल के दिवस से नए साधकों को या श्री विद्या साधकों को श्री गणपति साधना से क्रमश: शुरुआत करनी चाहिए, जिसमे पहले 41 दिवस तक दक्षिणावर्ती रूप में मंत्र जाप और विजिया दशमी के दौरान श्री महागणपति होम कर के एक पुरुष्चरण पूर्ण हो सकता है । श्री विद्या साधकों को भी समान रूप में चतुर्थी से चौदसी तक श्री गणपति साधना के बाद पूर्णिमा से श्री भगवती साधना में लिप्त हो कर कालरात्रि के दिवस में होम और बलिकर्म करने का विधान प्राप्त होता है।
कल के दिवस में श्री गणपति संप्रदाय के साधक और श्री गणपति को इष्ट देव मानने वाले और मुख्य पश्चिमी भारत के लोग उपवास कर के चंद्रोदय के समय में भोजन ग्रहण करेंगे। अंगारक योग की पूर्णाहुति रात्रि में 9.17 मिनिट को होगी। श्री गणपति अथर्वशीर्ष , श्री गणपति पंचरत्न स्त्रोत और श्री गणपति द्वादशनाम स्त्रोतम का पठन करना सभी साधकों और जन सामान्यो के लिए उत्तम लाभकारी होगा।
📌 कजरी तीज 🌹
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⚜️ काजरी तीज पूजा में इन सामग्रीयो की पडेगी जरुरत, यहां जानें पूजा की सही विधि और मुहूर्त....
🔹 कजरी तीज का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है।
🔹 यह भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।
🔹 इस व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके अलावा कजरी तीज के शुभ अवसर पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती की जोड़ी की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि वास करती हैं। यही नहीं इसके प्रभाव से संतान प्राप्ति, पति की अच्छी सेहत, धन लाभ और मनचाहा जीवनसाथी पाने के योग भी बनते हैं। इस बार 12 अगस्त 2025 को कजरी तीज है। इस दिन पूजा के लिए कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। आइए इन सभी के बारे में जानते हैं।
🦚⛳ कजरी तीज 2025 तिथि
पंचांग की मुताबिक भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि 12 अगस्त को सुबह 8 बजकर 40:09 मिनट पर समाप्त होगी।
तिथि के अनुसार 12 अगस्त 2025 को कजरी तीज मनाई जाएगी।
⚛️ कजरी तीज पूजा मुहूर्त
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 38 मिनट से 5 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
✡️ विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से 3 बजकर 44 मिनट तक रहने वाला है
🐃 गोधूलि मुहूर्त शाम 7 बजकर 15बजे से 7:37 बजे तक है।
निशिता काल मुहूर्त रात 12 बजकर18 मिनट से 01:02मिनट
रात्रि तक रहेगा।
🌟 सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:52 मिनट से 13 अगस्त की सुबह 6 बजकर 05 मिनट तक रहने वाला है
⭐ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर14 मिनट से 01-06:00: मिनट तक रहेगा।
तथा चंद्रोदय 21:13:49 रात्रि में उदय काल रहेगा। ता कि महिलाये चन्द्र देव को अर्घ्य दे सके।
♥️🪴 कजरी तीज पूजा सामग्री लिस्ट
मां पार्वती और शिवजी की मूर्ति, पीला वस्त्र, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत, मां पार्वती को चढ़ाने के लिए सुहाग का सामान।
🍱 कजरी तीज की पूजा विधि
🦚 *इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
🦚 इसके बाद पूजा स्थल के पास ही एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग या पीले रंग का कपड़ा बिछा लें।
🦚 उस चौकी पर माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। आप चाहें तो ये मूर्ति आप मिट्टी से स्वयं भी बना सकती हैं।
🦚 मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
🦚 माता गौरी को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
🦚 इसके बाद शिव-गौरी की विधि विधान से पूजा करें।
🦚 इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, गाय का दूध, गंगा जल, चंदन, भांग, इत्र और धतूरा अर्पित करें।
🦚 इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर कजरी तीज की कथा सुनें।
🦚 फिर रात में चंद्रदेव की पूजा करें और हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के दाने लेकर चांद को जल अर्पित करें।
🦚 इस दिन गरीब सुहागिन महिला को सुहाग का सामान जरूर भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें।
🦚 इसके बाद अपने अपने सास-ससुर पति के पैर छूकर उनका आर्शीवाद लें और व्रत खोल लें।
💕💦 कजरी तीज पर चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि
कजरी तीज व्रत का पारण महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही करती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन चंद्रदेव को जल का अर्घ्य देते समय हाथ में चांदी की अंगूठी या सिक्का और गेहूं के दाने जरूर ले ले लें। अर्घ्य देने के बाद घर के बड़े-बुजुर्गों का पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके बाद व्रत खोल लें।
🐦🔥❤️🔥 कजरी तीज का महत्व
कजरी तीज का व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती से अपने सुखी और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। कजरी तीज को लेकर मान्यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप किया था। इसके साथ ही कजरी तीज का व्रत भी रखा था। ऐसे में महिलाएं पति की सलामती के लिए यह व्रत रखती हैं। वे सोलह शृंगार करते हुए पति के लिए यह व्रत रखती हैं।
💎🍃कजरी तीज की कथा
कजरी तीज की एक प्रचलित कथा है, उसके अनुसार ::
‘किसी गांव में एक निर्धन ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी कजरी तीज का व्रत करना चाहती थी। भगवान को भोग लगाने के लिए ब्राह्मण की पत्नी ने उसे सत्तू लाने को कहा। पैसे न होने के कारण ब्राह्मण ने चोरी करने की योजना बनाई और रात में वह एक दुकान में घुसकर सत्तू चुराने लगा। तभी दुकानदार ने उसे पकड़ लिया। ब्राह्मण ने उसे सारी बात सच-सच बता दी। पूरी बात जानकर दुकानदार खुद सत्तू लेकर ब्राह्मण के घर गया। भगवान के प्रति आस्था देखकर दुकानदार ने ब्राह्मण की पत्नी को अपनी बहन बना लिया और खून धन भी दिया।
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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