*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक 22 नवंबर 2025 *
*🎈 दिन - शनिवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - मार्गशीर्ष*
*🎈 पक्ष - शुक्ल पक्ष*
*🎈तिथि- द्वितीया 17:10:40*pm तत्पश्चात् तृतीया*
*🎈 नक्षत्र - ज्येष्ठा 16:45:56* pm तत्पश्चात् मूल*
*🎈 योग -सुकर्मा 11:28:36*am तक तत्पश्चात् अतिगंड*
*🎈करण - कौलव 17:10:40
Pm तक तत्पश्चात् तैतिल*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 02:01 am to 11:21pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि- वृश्चिकtill 16:45:56*
*🎈चन्द्र राशि- धनु from 16:45:56*
*🎈सूर्य राशि- वृश्चिक*
*🎈सूर्योदय - 07:01:53am*
*🎈सूर्यास्त -17:40:21pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 05:14 ए एम से 06:07:00( ए एम प्रातः तक *(नागौर
राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:42 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:55 पी एम से 12:48 ए एम, नवम्बर 23*
*🎈 व्रत एवं पर्व- द्वितीया*
*🎈विशेष - मार्गशीर्ष महात्म्य*
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🍁 *काल - हानि-07:01 ए एम से 08:21 ए एम काल वेला*
*🍁 शुभ - उत्तम-08:21 ए एम से 09:41 ए एम*
*🍁 रोग - अमंगल-09:41 ए एम से 11:01 ए एम,*
*🍁 उद्वेग - अशुभ-11:01 ए एम से 12:21 पी एम*
*🍁 चर - सामान्य-12:21 पी एम से 01:41 पी एम*
*🍁लाभ - उन्नति-01:41 पी एम से 03:01 पी एम वार वेला*
*🍁 अमृत - सर्वोत्तम-03:01 पी एम से 04:22 पी एम*
*🍁 काल - हानि-04:22 पी एम से 05:42 पी एम काल वेला*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🍁 लाभ - उन्नति-05:42 पी एम से 07:22 पी एम काल रात्रि"
*🍁उद्वेग - अशुभ-07:22 पी एम से 09:02 पी एम*
*🍁शुभ - उत्तम-09:02 पी एम से 10:42 पी एम*
*🍁अमृत - सर्वोत्तम-10:42 पी एम से 12:22 ए एम, नवम्बर 23*
*🍁चर - सामान्य-12:22 ए एम से 02:01 ए एम, नवम्बर 23*
*🍁रोग - अमंगल-02:01 ए एम से 03:41 ए एम, नवम्बर 23*
*🍁काल - हानि-03:41 ए एम से 05:21 ए एम, नवम्बर 23*
*🍁लाभ - उन्नति05:21 ए एम से 07:01 ए एम, नवम्बर 23 काल रात्रि*
🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
🌷 ..# 💐🍁🍁✍️ | #🌕 मंगल और मंगली दोष – रहस्य, शास्त्र, प्रभाव और उपाय |.......❗️
❤️💐 🌼🪔🌷❤️💐 🌼🪔
👉 🍁
मंगल की उत्पत्ति से लेकर उसके दोष, फायदे और उपाय तक — एक संपूर्ण मार्गदर्शक
🔴 मंगल ग्रह की उत्पत्ति
शास्त्रों के अनुसार मंगल ग्रह का उद्भव भगवान शिव से हुआ है।
इसे पृथ्वी का पुत्र भी कहा गया है। मंगल की जन्म-भूमि उज्जैन (मध्यप्रदेश) मानी जाती है।
मंगल का रंग सिंदूर समान होने से ही भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा चली।
इसी कारण गणेशजी को मंगलमूर्ति कहा गया है, क्योंकि मंगलवार के दिन उन्होंने मंगल कुमार को मंगल बनने का वरदान दिया था।
मंगलवार को —
गणेश पूजा और महाकाली की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।
🔥 ज्योतिष में मंगल का महत्व
मंगल हमारे —
रक्त
मज्जा
साहस
धैर्य
भूमि, मकान
भाई
ऊर्जा
क्रोध
इन सबका कारक ग्रह है।
मंगली जातक प्रायः तेजस्वी, मेधावी, नेतृत्व गुण वाले, परिश्रमी और निर्णायक स्वभाव के होते हैं।
⚡ मंगली दोष क्या है?
कुंडली में यदि मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में हो तो उसे मंगल दोष (कुज दोष) कहा जाता है।
शास्त्रीय प्रमाण
अनेक ग्रंथ—अगस्त्य संहिता, मानसागरी, भावदीपिका, पाराशर होरा आदि—इन भावों में मंगल होने पर विवाह में बाधा या दाम्पत्य जीवन में संघर्ष की संभावना बताते हैं।
⚡ मंगल दोष के प्रभाव
विवाह में बाधा या विलंब
विवाह टूटने की आशंका
दाम्पत्य में तकरार, तनाव
मानसिक/शारीरिक कष्ट
कभी-कभी अत्यधिक प्रबल दोष होने पर गंभीर परिणाम
👉 मगर ध्यान रहे — हर मंगली दोष खतरनाक नहीं होता, और कई बार पूरी तरह निष्प्रभावी होता है।
🌸 मंगल दोष पूरी तरह समाप्त कब हो जाता है?
निम्न स्थितियों में मंगल दोष प्रभावहीन हो जाता है:
1️⃣ मंगल की राशि का स्वामी बलवान हो।
2️⃣ मंगल शुक्र की राशि में हो और सप्तमेश बलवान हो।
3️⃣ गुरु / शुक्र उच्च का होकर केंद्र-त्रिकोण में हो।
4️⃣ वर-कन्या दोनों मंगली हों।
5️⃣ मंगल अपनी उच्च, मूलत्रिकोण या स्वराशि में हो।
6️⃣ दोष वाले भावों में अन्य पाप ग्रह भी हों।
7️⃣ कन्या की कुंडली में बलवान गुरु होने पर वह मंगली होते हुए भी सौभाग्यवती बनती है।
🌟 मंगली होने के फायदे भी होते हैं!
अक्सर लोग नहीं जानते कि मंगली जातक:
✔ अत्यंत जिम्मेदार
✔ नेतृत्व गुण वाले
✔ साहसी
✔ निर्णायक
✔ ईमानदार
✔ महत्वाकांक्षी
✔ कठिन परिस्थितियों में भी धैर्यवान
होते हैं।
ये लोग गलत के आगे नहीं झुकते और रिश्तों में बहुत निष्ठावान होते हैं।
🙏 विवाह में क्या करें?
👉 सबसे श्रेष्ठ—मंगली का विवाह मंगली से।
इससे दोनों का दोष एक-दूसरे को संतुलित कर देता है।
शास्त्र कहता है—
“दोनों में समान मंगल होने से दांपत्य सुख, सौभाग्य और धन वृद्धि होती है।”
🕉 मंगल दोष शांति के उपाय
मंगल को अनुकूल बनाने के लिए ये उपाय अत्यंत प्रभावी माने गए हैं—
🔶 1. दान
लाल वस्तुएँ:
तांबा
मसूर दाल
लाल कपड़ा
बताशा
सोना (सामर्थ्य अनुसार)
लाल बैल
गरीबों को दान करें।
🔶 2. मंत्र-जप
"ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्॥"
🔶 3. व्रत
मंगलवार का व्रत करें, गरीबों को खाना खिलाएँ।
🔶 4. माता-पिता की सेवा
मंगल विशेष रूप से मातृभक्तों पर कृपा करता है।
🔶 5. सिंदूर से हनुमान पूजा
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल दोष बहुत शांत होता है।
🔶 6. कार्तिकेय पूजा
मंगल ग्रह के स्वामी हैं।
🔶 7. महामृत्युंजय मंत्र
सभी बाधाएँ शांत करता है।
🔶 8. विशेष उपाय
पीपल विवाह
कुंभ विवाह
सालिग्राम विवाह
मंगला गौरी व्रत
ये उपाय तभी जब विवाह में भारी अड़चन हो।
🔴 निष्कर्ष
मंगल दोष कोई अभिशाप नहीं—
यह एक विशेष योग है, जो सही विवाह मिलान और उचित उपायों से पूरी तरह अनुकूल बन सकता है।
जो लोग मंगली को गलत समझते हैं, वे सिर्फ जानकारी के अभाव में ऐसा करते हैं।
शास्त्र स्पष्ट कहता है—
मंगली जातक सौभाग्य, साहस और अद्भुत क्षमता का धनी होता है।
🌼 ।। जय श्री कृष्ण ।।🌼
💥।। शुभम् भवतु।।💥
♨️ ⚜️ 🕉🌞 🌞🕉 ⚜🚩
अगर आपको हमारा पंचांग नियमित चाहिए तो आप मुझे फॉलो करे
https://whatsapp.com/channel/0029Va65aSaKrWR4DbSSCq0r
♨️ ⚜️ 🕉🌞 🌞🕉 ⚜🚩
🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱







