*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिन - शुक्रवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - श्रावण*
*🎈 पक्ष - शुक्ल*
*🎈तिथि - अष्टमी पूर्ण रात्रि तक*
*🎈नक्षत्र - स्वाती रात्रि 03:39:19 अगस्त 02 तक तत्पश्चात् विशाखा*
*🎈योग - शुभ प्रातः 05:28:51अगस्त 02 तक तत्पश्चात् शुक्ल*
*🎈 करण विष्टि भद्र 18:10:06तत्पश्चात् बव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- सुबह 11:01 से दोपहर 12:461 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - तुला *
*🎈 सूर्य राशि - कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:00:15*
*🎈सूर्यास्त - 07:22:13 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से प्रातः 05:17 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:20 ए एम, अगस्त 02 से 01:03 ए एम, अगस्त 02 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈व्रत पर्व विवरण - मासिक दुर्गाष्टमी*
*🎈विशेष - अष्टमी को नारियल फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
चर. 06:00 - 07:41 शुभ*
लाभ. 07:41- 09:21 शुभ*
अमृत 09:21 - 11:01शुभ*
काल. 11:01- 12:41अशुभ*
शुभ 12:41- 14:21 शुभ*
रोग. 14:21 - 16:02 अशुभ*
उद्वेग 16:02 - 17:42 अशुभ*
चर 17:42 - 19:22 शुभ*
*🔵चोघडिया, रात🔵*
रोग 19:22-20:42 अशुभ*
काल 20:42- 22:02 अशुभ*
लाभ 22:02- 23:22 शुभ*
उद्वेग 23:22- 24:42*अशुभ*
शुभ 24:42 - 26:01* शुभ*
रोग 19:22 - 20:42 अशुभ*
काल 20:42 -22:02 अशुभ*
लाभ.22:02 - 23:22शुभ*
उद्वेग 23:22 - 24:42* अशुभ*
शुभ. 24:42* --26:01* शुभ*
*🔹♦️विद्येश्वर संहिता में आपके जीवन पर होने वाले बुरे असर को रोकते हैं श्रावण का महात्म्य👇🏼👇🏼
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*आप सभी आदरणीय जनों को सादर प्रणाम
विद्येश्वर संहिता के 23वे अध्याय का 7 श्लोक में दिया
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं शिव पुराण में
दिया है।
।।श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मुखं व्याहरते यदा। तन्मुख पावनं तीर्थं सर्वपापविनाशनम् ॥
श्रीशिवाय नमस्तुभ्यं बोल कर कुछ प्रयास करता हूं....
पहले सावन की महिमा
श्रावणस्य विशेषेण पूजनं शिव शंभोः॥
सर्वकामफलदं प्रोक्तं शिवलोकप्रदायकम्॥"
(श्रावण में शिव पूजा से सभी कामनाओं की पूर्ति और मोक्ष संभव है)
सावन का विज्ञानिक पक्ष:
मानसून में वातावरण में नमी और परिवर्तन के कारण शारीरिक-मानसिक संतुलन के लिए संयम आवश्यक होता है
शिव आराधना से मन शांत और संतुलित होता है
सात्विक आहार और व्रत से पाचन शक्ति बनी रहती है
अब सोम अर्थात सोमवार का दिन
चंद्र देव को समर्पित है
चंद्रा जो रात में स्वाद को देने वाला कहा गया।
वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शंकररूपिणम्।
यमाश्रितो हि वक्रोऽपि चन्द्रः सर्वत्र वन्द्यते॥
अर्थ : मैं ज्ञानमय, नित्य, शङ्कररूपी गुरुदेव की वन्दना करता हूँ, जिनका आश्रित होकर ही टेढ़ा चन्द्रमा भी सर्वत्र वन्दित होता है ।
"शशांकः कल्मषं युक्तः श्रापदग्धो निरुत्सवः।
शिवशीर्षे स्थितो यस्य स पूज्यः सर्वलोकतः॥"
जो चंद्रमा कलंकित था, श्रापित था, और सम्मान से वंचित था,
जब वह शिव के मस्तक पर सुशोभित हुआ — तब वह समस्त लोकों में पूजनीय बन गया।
भादों शुदी चतुर्थी के चंद्र से दोष है सावन में इस का दोष नहीं लगता🙏
वैसे तो पूरा सावन बहुत ही महत्वपूर्ण है किंतु कुछ तिथि वार योग तत फल दायक हो जाते हैं
शिव प्रसन्न हो जाये तो
🙏भावी मेट सकत त्रिपुरारी"
जो जीवन में अशुभ लिखा है व शुभ हो जाता है, और जो शुभ है व अति शुभ हो कर जल्दी मिल जाता है।
पूरी दुनिया आज मन से दुखी है
और शिव पूजन से मां का कारक ग्रह चंद्रमा शुभ फल देने लगता है और शांति मिलने लगती है।
इस लिए सोमवार सभी कामनाओं को पूर्ण करने के लिए बहुत ही शुभ हो जाता है।🙏🙏
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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