*स्वरोजगार के लिए रामबाण साबित हो रही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना*
नागौर, 18 अगस्त। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना सूक्ष्म एवं लघु उद्योगकर्मियों के लिए रामबाण साबित हो रही है। एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पी.एम.विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर 2023 से लागू की गई।
जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि इस योजना में कारपेन्टर, बोट मेकर, शस्त्रसाज, लुहार, हैमर एंड टूलकिट मेकर, लॉक स्मिथ, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, चर्मकार एवं फुटवियर आर्टिजन्स, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता, गुड़िया/खिलौना निर्माता (पारंपरिक) , नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, फिशिंग नेट मेकर संबंधी 18 ट्रेड के दस्तकारों को लाभ दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) के स्तर पर उक्त 18 ट्रेड के दस्तकारों का पंजीकरण करवाकर तत्पश्चात लेवल-1 पर ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) स्तर पर, लेवल-2 पर जिला स्तर पर तथा लेवल-3 पर राज्य स्तर पर सत्यापन किया जाता है। इसके बाद चयनित दस्तकारों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट एवं आईकार्ड प्रदान किए जाते है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की फील्ड स्तरीय एजेंसिया संभावित लाभार्थी की पहचान करती हैं और पोर्टल पर पंजीकृत करती हैं। इसके बाद बेसिक स्किल ट्रेनिंग (5-7 दिवस) हेतु 500 रूपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड। (कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय) द्वारा प्रदान किया जाता है। प्रथम अंश (I-Tranche) के रूप में 1 लाख रूपये तक का कोलेट्रल फ्री ऋण 18 माह के लिए। (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय-सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों के माध्यम से) तथा एडवांस स्किल ट्रेनिंग (15 दिवस) हेतु 500 रूपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड दिया जाता है। वहीं द्वितीय अंश (II-Tranche) के रूप में 2 लाख रूपये तक का ऋण 30 माह के लिए।
(सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय-सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों के माध्यम से) 15 हजार रूपये की टूलकिट सहायता। (कौशल विकास एवं उद्यमित मंत्रालय) द्वारा प्रदान किया जाता है। जिसमें लाभार्थी से ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज लिया जाकर, शेष ब्याज 8 प्रतिशत तक भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। साथ ही डिजिटल ट्रांजेक्शंस हेतु 1 रूपये प्रति ट्रांजेक्शंस प्रोत्साहन दिया जाता है, जिसकी संख्या 100 ट्रांजेक्शंस प्रतिमाह होगी। उन्होंने बताया कि योजना में 30 लाख दस्तकारों/कामगारों को वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक लाभान्वित किया जायेगा इसके लिए भारत सरकार द्वारा 13 हजार करोड रूपये के बजट का प्रावधान रखा गया है।
*कौन है पात्र*
स्वरोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथ और औजारों से काम करने वाला और योजना में उल्लिखित 18 परिवार आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न कारीगर या शिल्पकार योजनान्तर्गत पंजीकरण के लिए पात्र होगा। पंजीकरण की तिथि पर लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। लाभार्थी को पंजीकरण की तिथि पर संबंधित व्यवसायों में संलग्न होना चाहिए और पिछले पांच वर्षों में स्वरोजगार/व्यवसाय विकास के लिए केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की समान क्रेडिट आधारित योजनाओं के तहत ऋण नहीं होना चाहिए। यथा- पीएमईजीपी, पीएम-स्वनिधि, मुद्रा। हालांकि, मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, पीएम-विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। पांच वर्ष की इस अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जाएगी। जिला कलक्टर ने बताया कि योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेंगे। योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए “परिवार” को पति-पत्नी और अविवाहित बच्चों के रूप में परिभाषित किया गया है। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
*मॉनिटरिंग समितियां-*
योजना में राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने का प्रावधान है। कमेटियों का गठन राज्य एवं जिला स्तर पर कर दिया गया है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
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