*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक - 20 अगस्त 2025*
*🎈 दिन बुधवार *
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈तिथि - द्वादशी 13:57:52 रात्रि तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*🎈आज बछ बारस व्रत है*
*🎈नक्षत्र - पुनर्वसु 24:25:58 रात्रि तत्पश्चात् पुष्य*
*🎈योग - सिद्वि 18:12:13 तक तत्पश्चात् व्यतिपत🎈*
*🎈 करण - तैतुल 13:57:52* तत्पश्चात् वणिज*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- दोपहर 12:38 से सांय 02:15 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - मिथुन till 18:34:14*
*🎈चन्द्र राशि - कर्क from 18:34:14*
*🎈 सूर्य राशि - कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:09:51am*
*🎈सूर्यास्त - 07:06:33pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से प्रातः 05:24 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:12 पी एम से 01:04 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:17 ए एम, अगस्त 20 से 01:01 ए एम, अगस्त 20*
*🎈त्रिपुष्कर योग 01:07 ए एम, अगस्त 20 से 06:09 ए एम, अगस्त 20*
*🎈वत्स द्वादशी भी कहा जाता है, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार गाय और बछड़े के प्रति सम्मान और प्रेम व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चों के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और गाय तथा बछड़े की पूजा करती हैं।
*🎈बछबारस का महत्व:
*🎈गौ माता का पूजन:
बछबारस का मुख्य उद्देश्य गौ माता और बछड़े की पूजा करना है, क्योंकि हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और उसमें सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
*🎈संतान की मंगल कामना:
इस दिन महिलाएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
*🎈पशुधन का सम्मान:
यह त्योहार पशुधन, विशेषकर गाय और बछड़े के प्रति सम्मान और प्रेम व्यक्त करने का एक तरीका है, जो किसानों और ग्रामीण समुदायों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
*🎈बछबारस की पूजा विधि:
*🎈व्रत:
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।
*🎈गौ पूजन:
गाय और बछड़े को तिलक लगाकर, फूल माला पहनाकर और चारा खिलाकर पूजा की जाती है।
*🎈अन्य पूजन:
पूजा स्थान पर बाजरा, मोठ, चना, दही, और घी जैसे अनाज रखे जाते हैं।
*🎈कहानी:
बछबारस की कथा सुनी जाती है।
*🎈भोजन:
इस दिन, बाजरे की रोटी, मोठ, चना, और हरी सब्जियों का सेवन किया जाता है। गाय का दूध और उससे बनी चीजें नहीं खाई जातीं।
*🎈विशेष - द्वादशी को कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ वर्जित हैं, जिनमें बैंगन और पोई (पूतिका) शामिल हैं। एकादशी के व्रत के संदर्भ में, द्वादशी के दिन सात्विक भोजन करने और प्याज, लहसुन, और तामसिक भोजन (जैसे मांस और शराब) से बचने का प्रयास करना चाहिए।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
लाभ-06:10-07:47शुभ*
अमृत-07:47- 09:24शुभ*
काल-09:24-11:01अशुभ
शुभ-11:01 -12:38शुभ*
रोग-12:38 -14:15अशुभ*
उद्वेग-14:15-15:52अशुभ*
चर-15:52-17:29शुभ*
लाभ-17:29-19:07 शुभ
*🛟चोघडिया, रात्रि🛟*
उद्वेग-19:07- 20:30अशुभ*
शुभ-20:30-21:53शुभ*
अमृत-21:53-23:15 शुभ*
चर-23:15 -24:38*शुभ*
रोग-24:38* -26:01*अशुभ*
काल-26:01* -27:24*अशुभ*
लाभ-27:24* -28:47*शुभ*
उद्वेग-28:47* -30:10*अशुभ
♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
♦️।।बुध ।।♦️
*♨️ बुध ग्रह एक शुभ और रजोगुणी प्रवृत्ति का है।यह किसी भी स्त्री में बुद्धि ,निपुणता ,वाणी .वाक्शक्ति ,व्यापार ,विद्या में बुद्धि का उपयोग तथा मातुल पक्ष का नैसर्गिक करक है। यह द्विस्वभाव ,अस्थिर और नपुंसक ग्रह होने के साथ – साथ शुभ होते हुए भी जिस ग्रह के साथ स्थित होता है ,उसी प्रकार के फल देने लगता है। अगर शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ ,अशुभ ग्रह के अशुभ प्रभाव देता है।
*♨️ अगर यह पाप ग्रहों के दुष्प्रभाव में हो तो स्त्री कटु भाषी , अपनी बुद्धि से काम न लेने वाली यानि दूसरों की बातों में आने वाली या हम कह सकते हैं के कानो की कच्ची …!, जो घटना घटित भी ना हुई उसके लिए पहले से ही चिंता करने वाली और चर्मरोगों से ग्रसित हो जाती है।
क्यूँ की बुध बुद्धि का परिचायक भी है अगर यह दूषित चंद्रमा के प्रभाव में आ जाता है तो स्त्री को आत्मघाती कदम की तरफ भी ले जा सकता है
*♨️ यहाँ मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूँ ,यहाँ मेरा किसी भी महिला पर दोषारोपण करने का प्रयास नहीं है बल्कि मैंने बहुत सी महिलाओं में यह प्रवृत्ति देखी और उनको घुटते देखा है। वे कहती है कि उनके मन में कुछ नहीं होता फिर भी वो बोले बिना नहीं रहती और फिर बोलते ही विवाद हो जाता है। तो यहाँ दूषित बुध का ही परिणाम होता है।
यह सूर्य के साथ हो कर भी अस्त नहीं होता। और बुध -आदित्य योग का निर्माण करता है।
*♨️ जिस किसी भी स्त्री का बुध शुभ प्रभाव में होता है वे अपनी वाणी के द्वारा जीवन की सभी उच्चाईयों को छूती है ,अत्यंत बुद्धिमान ,विद्वान् और चतुर और एक अच्छी सलाहकार साबित होती है।व्यापार में भी अग्रणी तथा कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सम्स्याओं का हल निकल लेती है।
*♨️ यह एक सामान्य विश्लेष्ण है ,बुध ग्रह के शुभ- अशुभ प्रभाव का। जन्म-कुंडली के अलग- अलग भावों और अलग – अलग ग्रहों के साथ होने पर इसका प्रभाव कम या ज्यादा भी हो सकता है। अगर जन्म कुंडली है तो उसका एक अच्छे ज्योतिष से विश्लेष्ण करवा कर उपाय करवा लेना चाहिए। अगर जरुरी हो तो ‘पन्ना’ रत्न छोटी वाली ऊँगली में पहना जा सकता है। गणेश जी और दुर्गा माँ की आराधना करनी चाहिए।
*♨️ हरे मूंग ( साबुत ), हरी पत्तेदार सब्जी का सेवन और दान ,हरे वस्त्र को धारण और दान देना भी उपुयक्त रहेगा। तांबे के गिलास में जल पीना चाहिए।
*♨️ अगर कुंडली ना हो और मानसिक अवसाद ज्यादा रहता हो तो सफ़ेद और हरे रंग के धागे को आपस में मिला कर अपनी कलाई में बाँध लेना चाहिए।
♦️♦️ ♦️♦️
♦️♦️ कर्ज से मुक्ति चाहिए तो कीजिए गजेंद्र मोक्ष का पाठ - कब करें कितने पाठ करें कैसे करें सब कुछ समझने के लिए संपर्क करें।
♦️♦️ मेहनत करके भी धन की प्राप्ति नहीं हो रही- बच्चों की छोटी-छोटी ज़रूरतें पूरी करने को भी तरसना पड़ रहा है - कर्ज हर महीने बढ़ता जा रहा है- दुकान की बिक्री कम होती जा रही है- चिंता न कीजिए आज ही संपर्क करें - उनका बताया हुआ अखंड लक्ष्मी प्रयोग आज तक जिसने भी किया है उसकी जिंदगी में परिवर्तन अवश्य आया- सेकंडो नहीं हजारों कामयाब व्यक्ति- आप भी आज ही संपर्क करें - ♦️♦️
🔥# 🌹🍁 #*
~~~~~~~~~~~💐💐〰〰🌼〰〰🌼〰〰
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞