*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक 07 नवंबर 2025 *
*🎈 दिन - शुक्रवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - मार्गशीर्ष*
*🎈 पक्ष - कृष्ण पक्ष*
*🎈तिथि- द्वितीया 11:04:54* pm तत्पश्चात् तृतीया 07:31:35* 8 nov 25*
*🎈तिथि चतुर्थी -28:24:56*(क्षय )*
*🎈 नक्षत्र - रोहिणी 24:32:40 तत्पश्चात् मृगशीर्षा*
*🎈 योग -परिघ 22:26:34am* तक तत्पश्चात् शिव*
*🎈करण - गर 11:04:54
am तक तत्पश्चात् वणिज*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 10:57 am to 12:19pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि- वृषभ *
*🎈सूर्य राशि- तुला *
*🎈सूर्योदय - 06:50:35am*
*🎈सूर्यास्त -17:46:31pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से प्रातः 05:57 तक *(नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:41 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:53 पी एम से 12:45 ए एम, नवम्बर 08तक*
*🎈 अग्निवास-पृथ्वी - 11:05 ए एम तक*
*🎈 व्रत एवं पर्व- कोई नहीं।
*🎈विशेष - मार्गशीर्ष महात्म्य*
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 चर - सामान्य-06:49 ए एम से 08:12 ए एम*
*🎈लाभ - उन्नति-08:12 ए एम से 09:34 ए एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-09:34 ए एम से 10:56 ए एम वार वेला*
*🎈काल - हानि-10:56 ए एम से 12:19 पी एम काल वेला*
*🎈शुभ - उत्तम-12:19 पी एम से 01:41 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-01:41 पी एम से 03:03 पी एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-03:03 पी एम से 04:25 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-04:25 पी एम से 05:48 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈रोग - अमंगल-05:48 पी एम से 07:26 पी एम*
*🎈काल - हानि-07:26 पी एम से 09:03 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-09:03 पी एम से 10:41 पी एम काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-10:41 पी एम से 12:19 ए एम, नवम्बर 08*
*🎈शुभ - उत्तम-12:19 ए एम से 01:57 ए एम, नवम्बर 08*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-01:57 ए एम से 03:34 ए एम, नवम्बर 08*
*🎈चर - सामान्य-03:34 ए एम से 05:12 ए एम, नवम्बर 08*
*🎈रोग - अमंगल-05:12 ए एम से 06:50 ए एम, नवम्बर 08*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
🍁 *🎈 🦚🦚🔥💚🕉️🥀
🚩🌼#🌷🌷 #🔴 लक्ष्मी हिंदू धर्म में धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। 🌷🌷🌷
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🌷🌷 ........❤️💐 🌼🪔
💐लक्ष्मी हिंदू धर्म में धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान विष्णु की पत्नी हैं और संसार में सुख-समृद्धि लाने वाली देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। दिवाली के त्योहार पर, विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन किया जाता है ताकि घर और परिवार में सुख-समृद्धि और धन का वास हो।
लक्ष्मी देवी का वर्णन सुंदरता, शांति और ऐश्वर्य के प्रतीक के रूप में किया जाता है। उन्हें चार हाथों वाली देवी के रूप में दर्शाया जाता है, जिनमें से एक हाथ से वे आशीर्वाद देती हैं और अन्य हाथों से सोने के सिक्के बरसाते हुए दिखाई देती हैं। उनके साथ कमल का फूल भी जुड़ा हुआ है, जो शुद्धता और उन्नति का प्रतीक है।
लक्ष्मी की उपासना से भक्तों को आर्थिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की समृद्धि प्राप्त होती है। उन्हें "श्री" भी कहा जाता है, जो कीर्ति, सौभाग्य और वैभव का प्रतीक है।
श्री अम्बिकास्तवः
श्री अम्बिका स्तवन के पाठ से कामनाओं की सिद्धि, सुख-समृद्धि की प्राप्ति, रोगों और शत्रुओं का नाश, संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होना और कष्टों से निवारण शामिल हैं। यह स्तवन बुद्धि और विवेक को बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है।
श्रीगिरीशप्रियां चिन्तितार्थप्रदां
रत्नताटङ्किनीं राजबिम्बाननाम् ।
सैरिभेन्द्रादिमत्तेभपञ्चानना-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ १॥
वारुणीसेवितां कीरवाणीस्तुतां
शत्रुसंहारिणीं श्रेयसः कारिणीम् ।
वारुणीपारणां चारुसञ्चारिणी-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ २॥
सत्रयीकोणमध्यस्थबिन्दूपरि-
प्रस्फुरद्रत्नसिंहासनाधिष्ठिताम् ।
सर्वसौभाग्यसन्धायिनीं मायिनी-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ ३॥
मातृकाभिः परीवारितां किञ्चिदु-
न्मीलतां धीवरप्रेक्षणानन्दिनीम् ।
मत्तमातङ्गकुम्भोरुवक्षोरुहा-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ ४॥
यक्षगन्धर्वसिद्धाङ्गनामौलिग-
र्भस्थसूनातिसंवासिताङ्घ्रिद्वयम् ।
मातृकारूपिणीं मातृयन्त्रात्मिका-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ ५॥
वीरमाहेश्वरीं चारुधर्मक्रियां
पारगात्रान्तरागारसंवासिनीम् ।
किङ्कराशेषसम्पत्करीं शाङ्करी-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ ६॥
ऐन्द्रवज्रादिकान्तिच्छटारञ्जिनीं
शेखरीभूतशुक्लेन्दुरेखाभराम् ।
मन्जुमञ्जीरशिञ्जत्पदाम्भोरुहा-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ ७॥
वामहस्तेन जिह्वाञ्चलां वैरिणः
पाणिना दक्षिणेनायुधं मुद्गरम् ।
बिभ्रतीं पीतवर्णा (म्बरा)लङ्कृता-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ ८॥
पुस्तकं पाशमक्षसजं चाङ्कुशं
दोर्लताभिर्दधानां त्रिनेत्रान्विताम् ।
बालिकां त्रैपुरीपुण्डरीकप्रभा-
मापदुत्तारिणीभम्बिकामाश्रये ॥ २॥
ब्रह्मशौरीन्द्रमुख्यामरप्राप्तना-
नायुधाच्छाननां स्रग्विभूषान्विताम् ।
भर्गपत्नीं सुदुर्गामभीष्टप्रदा-
मापदुत्तारिणीमम्बिकामाश्रये ॥ १०॥
इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यविरचितमम्बिकास्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
💥 ।। शुभम् भवतु।।💥
‼️🙏⛳ ⛳🙏‼️🍁 *
♨️ ⚜️ 🕉🌞 🌞🕉 ⚜🚩
🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱







