*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक - 28 दिसंबर2025*
*🎈 दिन- रविवार *
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - पौष मास*
*🎈 पक्ष - शुक्ल पक्ष*
*🎈तिथि- अष्टमी 11:58:54*pm तत्पश्चात् नवमी*
*🎈 नक्षत्र - उत्तरभाद्रपदा 08:42:25 am तत्पश्चात् रेवती 07:40:00*
*🎈नक्षत्र -अश्विनी- 30:03:24 तक*
*🎈 योग - वरियान 10:12:30pm तक तत्पश्चात् परिघ*
*🎈करण - *बव 11:58:54 pm तत्पश्चात् बालव*
*🎈राहुकाल -हर जगह का अलग है- 04:31am to 05:49 pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - मीन*
*🎈सूर्य राशि- धनु*
*🎈सूर्योदय - :07:24:49am*
*🎈सूर्यास्त - 17:48:34pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈 पञ्चक- पूरे दिन*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 05:35 ए एम से 06:29 ए एम तक*(नागौर
राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 12:16 पी एम से 12:58 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 12:10 ए एम, दिसम्बर 29 से 01:04 ए एम, दिसम्बर 29*
*🎈 अमृत काल -05:23 ए एम, दिसम्बर 29 से 06:55 ए एम, दिसम्बर 29*
*🎈 रवि योग -08:43 ए एम से 06:37 ए एम, दिसम्बर 29*
*🎈 सर्वार्थ सिद्धि - योग 07:24 ए एम से 08:43 ए एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व- अष्टमी व्रत*
*🎈विशेष -पौष मास महात्म्य *
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🛟*उद्वेग - अशुभ-07:24 ए एम से 08:42 ए एम*
*🛟चर - सामान्य-08:42 ए एम से 10:00 ए एम*
*🛟लाभ - उन्नति-10:00 ए एम से 11:18 ए एम*
*🛟अमृत - सर्वोत्तम-11:18 ए एम से 12:37 पी एम वार वेला*
*🛟काल - हानि-12:37 पी एम से 01:55 पी एम काल वेला*
*🛟शुभ - उत्तम-01:55 पी एम से 03:13 पी एम*
*🛟रोग - अमंगल-03:13 पी एम से 04:32 पी एम*
*🛟उद्वेग - अशुभ-04:32 पी एम से 05:50 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🛟 *शुभ - उत्तम-05:50 पी एम से 07:32 पी एम*
*🛟 अमृत - सर्वोत्तम-07:32 पी एम से 09:13 पी एम*
*🛟 चर - सामान्य-09:13 पी एम से 10:55 पी एम*
*🛟 रोग - अमंगल-10:55 पी एम से 12:37 ए एम, दिसम्बर 29*
*🛟 काल - हानि-12:37 ए एम से 02:19 ए एम, दिसम्बर 29*
*🛟 लाभ - उन्नति-02:19 ए एम से 04:00 ए एम, दिसम्बर 29 काल रात्रि*
*🛟 उद्वेग - अशुभ-04:00 ए एम से 05:42 ए एम, दिसम्बर 29*
*🛟 शुभ - उत्तम-05:42 ए एम से 07:24 ए एम, दिसम्बर 29*
🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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धनप्राप्ति_सिद्धियों आर्थिक_समृद्धि_के_सामान्य_उपाय
के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी 🕉️🌼
शेष भाग (१०) आगे........
(१०)* अक्सर मंदिर में अनेक भक्त चढ़ावे के रूप में रुपये-पैसे अपने इष्ट की ओर
उछालते हैं। आपके सौभाग्य से किसी के द्वारा मन्दिर में रुपये-पैसे चढ़ाते समय कभी
कोई सिक्का अथवा रुपया आपकी झोली में अथवा आपके ऊपर गिर जाये तो आप
बिना किसी झिझक के वह सिक्का माँ लक्ष्मी का प्रसाद मानकर अपने पास रख लें। यह
आपके लिये बहुत ही सौभाग्य की बात है। मन्दिर में माँ लक्ष्मी ने स्वयं आपको धनवान
बनाने का आरम्भ किया है।
* आपसे जब भी कोई हिजड़ा कुछ मांगने आये तो उसे यथासामर्थ्य धन दें।
उससे निवेदन करें कि वह अपने पास से अपना सिक्का अथवा रुपया आपको दे दे। वह
सिक्का आप अपने धन रखने के स्थान पर रख दें। यदि वह दिन बुधवार का हो तो बहुत
ही सौभाग्य की बात है। हिजड़ों का दिया सिक्का बहुत शुभ होता है। इसमें यह अवश्य
ध्यान रखें कि वह जो भी सिक्का अथवा रुपया दे, वह आपका दिया न हो।
* किसी बुधवार के दिन यदि आपके सामने कोई हिजड़ा आ जाये तो आप उसे
अपनी सामर्थ्य से कुछ पैसा अवश्य दें चाहे वह स्वयं आपसे कुछ भी न मांगे।
* दीपावली से अट्ठारह दिन पहले कोई लोहे की चपटे आकार की चाबी लें।
उसे गंगाजल आदि से शुद्ध कर रामायण के 10-11वें पृष्ठ के मध्य रख दें। रामायण की
धूप-दीप से पूजा अर्चना कर रामायण में जो भी चौपाई आपको प्रिय हो उसका एक बार
पाठ करें, फिर रामायण बन्द कर रख दें। अगले दिन फिर यही क्रिया करनी है। बस,
इसमें आपको चाबी कुछ पृष्ठ छोड़कर अगले पृष्ठों के मध्य रखनी है तथा धूप-दीप से
वही चौपाई का पाठ करना है। ऐसा आप नित्य अट्ठारह दिन तक करें। अब अन्तिम
दिन दीपावली पर जिस पृष्ठ पर चाबी है उससे पाँच पृष्ठ पीछे से पढ़ना आरम्भ करें।
जिस पृष्ठ पर चाबी थी उस पृष्ठ तक पाठ करें। इसके बाद पूर्ण श्रद्धा से चाबी को
निकाल कर किसी लाल अथवा पीले वस्त्र में लपेट कर धन रखने के स्थान पर रख दें।
इसमें यह बात अवश्य ध्यान रखनी है कि पहले दिन जैसी पूजा आपने की है वैसी ही
पूजा नित्य हो तथा प्रत्येक दिन अगले कुछ पृष्ठ छोड़कर चाबी रखते जायें। अन्तिम दिन
की पूजा आप दीपावली पूजन के साथ ही करें।
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💥 आज का विशेष 💥
* 🎈सुख -समृद्धि और हानि रोकने का उपाय
दोस्तों,
साल के अंतिम पड़ाव में बहुत ही सुंदर और सरल उपाय है, जिसके करने से आप अपना अगला वर्ष सफल बना सकते हैं, मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं और भय, दुर्घटना, चोरी आदि से बचाव कर सकते हैं।
इसके लिए आज शाम को सूर्यास्त से रात्रि तक जब भी समय मिले ये दोनों उपाय कर लीजिए।
ये उपाय आज करिए और फिर पूर्णिमा यानि 3 जनवरी 2026 को पुनः करिए।
मात्र 2 बार के करने में ही आपको अद्भुद लाभ होगा।
आज पौष मास शुक्ल पक्ष अष्टमी है और आज से शाकंभरी नवरात्रि शुरू हो रही है जो पूर्णिमा तक चलेगी।
इसके लिए आज शाम पहले अपने घर के मंदिर में ही पहले माता शाकंभरी का पूजन करें।
दुर्गा माता की मूर्ति या फोटो को भी माता शाकंभरी के रूप में पूज सकते हैं।
सबसे पहले देवी का कुमकुम अक्षत, दीप, धूप, फूल आदि ए पूजन करें। घी और तेल दोनो ही दीपक जलाएं।
फिर नीचे लिखे मंत्र से एक एक कर देवी को सब्जी और फल भोग के रूप में अर्पित करें।
ॐ शाकंभरी नील वर्णा नीलोत्पल विलोचना।
मुष्टिं शिली मुखा पूर्ण कमलं कमलालया॥:
(लौकी, कद्दू, पेठा, शकरकंद और कोई हरी साग सब्जी, साथ ही जो भी फल उपलब्ध हों केला पपीता संतरा सेब आदि)
हर चीज़ अर्पित करते हुए ऊपर दिए मंत्र को एक बार अवश्य पढ़ें
उसके बाद एक पान के पत्ते पर सिंदूर से एक उल्टा त्रिकोण बनाएं और उसके बीच में एक बिंदी लगाएं, उसके ऊपर एक तेल का दीपक जलाएं और पांच बताशे और पांच लौंग रखें।
फिर नीचे दिए मंत्र का यथासंभव अधिकाधिक जप करें।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति शाकंभरी देव्यै नमः॥
या
ॐ सौः क्लीं ह्रीं शाकम्भर्यै नमः ॐ।।
इसके बाद घर के पास किसी पीपल के पेड़ के नीचे यदि पेड़ चौराहे या मन्दिर पे हो तो और भी अच्छा।
एक पान के पत्ते पे सीधा त्रिकोण बनाएं, बीच में बिंदी लगाएं और इस पर भी तेल का दीपक जलाएं, 5 बताशे और 5 लौंग रखें, फिर मंत्र जप करें
ॐ काल भैरवाय नमः
ॐ कुल भैरवाय नमः
ॐ क्षेत्रपाल भैरवाय नमः
ॐ लोकपाल भैरवाय नमः
ॐ दिकपाल भैरवाय नमः
फिर जो भी आपको भय हो या हानि हो रही है उसे रोकने उससे बचाव की प्रार्थना कर प्रणाम कर लौट आएं।
इसके बाद एक बार पुनः ये प्रयोग 3 जनवरी पूर्णिमा की शाम करें और इसके लाभ आप स्वयं अतिशीघ्र अनुभव करेंगे।
. 💥“ज्ञान ही सच्ची संपत्ति है।
बाकी सब क्षणभंगुर है।”💥
🌼 ।। जय श्री कृष्ण ।।🌼
💥।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱



