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धातु निर्मित मांझा के उपयोग एवं विक्रय को निषेध

 *धातु निर्मित मांझा के उपयोग एवं विक्रय को निषेध* 

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    नागौर,26 दिसंबर/ जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने आदेश जारी कर जिला नागौर में मकर संक्रान्ति पर्व पर पतंगबाजी हेतु धातु निर्मित मांझा सिंथेटिक /प्लास्टिक मांझे के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया ।
उन्होंने बताया कि मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है, जिसके उपयोग के दौरान बालकों, दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्याधिक जान-माल का नुकसान होना संभाव्य है, साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों को भी नुकसान पहुँचना तथा विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना संभाव्य हैं। 

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट पुरोहित ने  भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत निहित प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाये रखने एवं पक्षियों के लिये बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके "धातु निर्मित सिंथेटिक / प्लास्टिक मांझे की थोक व खुदरा बिक्री, भंडारण, परिवहन तथा उपयोग, राजस्व जिला, नागौर की क्षेत्राधिकारिता में निषेध/प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है।कोई भी व्यक्ति यदि उपरोक्त प्रकार के मांझों का भण्डारण, विक्रय, परिवहन अथवा उपभोग करेगा तो उसके विरूद्ध यथा प्रचलित सम्यक् कानून के तहत कार्यवाही की जावेगी। आमजन को यह भी निषेध किया जाता है कि पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 6 से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध रहेगा।

उक्त आदेश की अवमानना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दण्डनीय अपराध होगा तथा अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार अभियोग चलाया जावेगा। यह आदेश दिनांक 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा।
vipul

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