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संस्कार के बिना मनुष्य अधुरा है - आचार्य चैत्यसागर महाराज

संस्कार के बिना मनुष्य अधुरा है - आचार्य चैत्यसागर महाराज

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दिगंबर जैन समाज, नागौर
नागौर, 7 अक्टूबर। भण्डारियों की गली स्थित बीस पंथी दिगंबर जैन मंदिर में सोमवार को तेरापंथी दिग बर जैन कमेटी के अध्यक्ष सोहनलाल बडज़ात्या, सचिव रमेशचन्द्र जैन, राजू मच्छी, नरेश चादुवाड़ व सदस्यों ने आचार्य चेत्य सागर के सानिध्य में भगवान की शांतिधारा की। आचार्य श्री के मुख से शांतिधारा बोली गई। इसके बाद श्रीसिद्ध चक्र महामण्डल विधान का आयोजन के तीसरे दिन 32 अग्र चढ़ाए गए।
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यह जानकारी समाज के रमेशचन्द्र जैन ने दी। इस अवसर पर आचार्य चैत्यसागर महाराज ने श्रावक एवं श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को संस्कारित होना चाहिए। संस्कार के बिना मनुष्य अधुरा है। संस्कार मनुष्य के अंदर होगे तो ही वे उन्नति कर सकता है। उन्होंने कहा कि पहले बच्चे गुरूकुल में पढ़ते थे जहां पर उनको संस्कार सिखाए जाते थे लेकिन आजकल बच्चे हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते है वहां पर संस्कार नाम की कोई चीज नहीं है फिर बच्चे संस्कार किस तरीके से सीखेगे। संस्कार से ही संस्कृति सीखते है।
तैरापंथी दिगंबर जैन मंदिर में सौधर्म इन्द्र एवं उनके परिवार का कमेटी द्वारा बहुमान किया गया। यह जानकारी तैरापंथी दिग बर जैन मंदिर के सचिव रमेश चन्द्र जैन ने दी। उन्होंंने बताया कि रविवार को सायं साढ़े 7 बजे सौधर्म इन्द्र विजय-सोनल पाटनी यज्ञ नायक गजराज संगीता पाटनी, शरद कुमार इन्द्र, संजय अनिता पाटनी, कुबेर इन्द्र अभिषेक रेखा पाटनी, इशान इन्द्र आशीष-एकता पाटनी, महेन्द्र इन्द्र अविनाश-अनीषा पाटनी का तैरापंथी कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा बहुमान किया गया। इस अवसर पर तेरापंथी दिग बर जैन मंदिर के अध्यक्ष सोहन बडज़ात्या, सचिव रमेशचन्द्र जैन, राजू मच्छी, मनीष जैन,  नरेन्द्र चादुवाड़, नवीन जैन सहित कई लोग मौजूद थे। इसके बाद सौधर्म इन्द्र को बग्गी में बैठाकर गाजे बाजे के साथ बीस पंथी दिग बर जैन मंदिर ले जाया गया। जहां पर महाआरती की गई।
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