*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
नागौर राजस्थान मानक समयानुसार
*🎈दिनांक -13अक्टूबर 2025 *
*🎈 दिन - सोमवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष - कृष्णपक्ष*
*🎈तिथि- सप्तमी 12:23:41 pm तक तत्पश्चात् अष्टमी*
*🎈 नक्षत्र - आद्रा 12:25:53 pm तत्पश्चात् पुनर्वसु*
*🎈 योग - परिघ 08:09:14
am तक तत्पश्चात् सिद्ध*
*🎈करण -शिव 29:54:14*
am तक तत्पश्चात् कौलव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- सुबह 08:01 am से दोपहर 09:28 am तक*
*🎈चन्द्र राशि- मिथुन till 29:57:54*तक तत्पश्चात्
*🎈चन्द्र राशि - कर्क from 29:57:54*
*🎈सूर्य राशि- कन्या*
*🎈सूर्योदय - 06:34:51am*
*🎈सूर्यास्त -06:07:13pm*
*🎈चंद्रोदय- 23:38:32pm*
*🎈चंद्रास्त- 13:13:57pm*
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से प्रातः 05:44 तक
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:58 ए एम से 12:44 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:56 पी एम से 12:46 ए एम, अक्टूबर 14 तक*
*🎈रवि योग 06:34 ए एम से 12:26 पी एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व- सप्तमी व्रत*
*🌹 कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्त्व है । ‘पुष्कर पुराण’ में आता हैः*
*'जो मनुष्य कार्तिक मास में संध्या के समय भगवान श्रीहरि के नाम से तिल के तेल का दीप जलाता है, वह अतुल लक्ष्मी, रूप, सौभाग्य एवं सम्पत्ति को प्राप्त करता है ।’*
*🌹 यदि चतुर्मास के चार महीनों तक चतुर्मास के शास्त्रोचित नियमों का पालन करना सम्भव न हो तो एक कार्तिक मास में ही सब नियमों का पालन करना चाहिए। जो ब्राह्मण सम्पूर्ण कार्तिक मास में काँस, मांस, क्षौर कर्म (हजामत), शहद, दुबारा भोजन और मैथुन छोड़ देता है, वह चतुर्मास के सभी नियमों के पालन का फल पाता है ।*
*(स्कन्द पुराण, नागर खण्ड, उत्तरार्ध)*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-06:34 ए एम से 08:00 ए एम*
*🎈 काल - हानि-08:00 ए एम से 09:27 ए एम काल वेला*
*🎈शुभ - उत्तम-09:27 ए एम से 10:54 ए एम*
*🎈रोग - अमंगल-10:54 ए एम से 12:21 पी एम*
*🎈 उद्वेग - अशुभ-12:21 पी एम से 01:48 पी एम*
*🎈 चर - सामान्य-01:48 पी एम से 03:15 पी एम*
*🎈 लाभ - उन्नति-03:15 पी एम से 04:42 पी एम वार वेला*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-04:42 पी एम से 06:08 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈चर - सामान्य-06:08 पी एम से 07:42 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-07:42 पी एम से 09:15 पी एम*
*🎈काल - हानि-09:15 पी एम से 10:48 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति10:48 पी एम से 12:21 ए एम, अक्टूबर 14 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-12:21 ए एम से 01:55 ए एम, अक्टूबर 14*
*🎈शुभ - उत्तम-01:55 ए एम से 03:28 ए एम, अक्टूबर 14*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-03:28 ए एम से 05:01 ए एम, अक्टूबर 14*
*🎈चर - सामान्य-05:01 ए एम से 06:34 ए एम, अक्टूबर 14*
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🚩*☀#*जय गणेश*☀*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩*
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🌷🌷ज्योतिषीय_सूत्र 🌷🌷
🍁 *🎈 🦚हमारा मन आत्मा का प्रतिबिंब हैं अर्थात मन आत्मा का Reflection है 🦚
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ज्योतिष में चंद्रमा ग्रह से व्यक्ति के मन के स्तर का पता लगाया जाता है
🔯 भटकते हुए लोग , सड़को पर घूमने वाले पागल और विक्षिप्त लोग जिन्हें ईश्वर सालों तक जीवित रखते है वे सब चंद्रमा ग्रह का श्राप ही झेल रहे होते है
🔯 💣 फिलस्तीन के गाजा में बमबारी में अनाथ हुए बच्चों की कुंडली का चंद्रमा बहुत पीड़ित होता है , ऐसे बच्चे दूसरे देश की शरण लेने जाते हुए समुन्द्र में डूबकर मारे जाते है.
🔯 सामूहिक अपमान, बीच सड़क पर पिटाई और Depression झेलते हुए जीने को मजबूर होना पड़ता है जब कुंडली में चंद्रमा पक्ष बल में कमजोर होके पीड़ित षडबल प्राप्त करके बैठा हुआ रहता है
🔯 ईश्वर उन लोगों की किस्मत में Bad episodes ही लिखते हैं जिनकी जन्म कुंडली मे बृहस्पति और चंद्र दोनों पीड़ित होकर बैठे हों
🔯 जिस भी व्यक्ति की कुंडली का चंद्रमा ग्रह दो पापी ग्रहों के साथ हो , या दो पापी ग्रहों की उसपर नजर हो , उसके स्वभाव में दुष्टता होगी , और secretly गतिविधियों में शामिल होगा
🔯 निद्रा अवस्था का चंद्रमा बृह्स्पति से युति करे तो जातक जगत में प्रख्यात होता है, और अगर इसी अवस्था का चंद्रमा बृह्स्पति ग्रह से कुंडली मे युति में ना हो तो व क्षीण हो तो जातक अपने धन को गवा देता है व मादा सियार अक्सर उसके घर के पास जोर जोर से रुदन करती है.
🔯 जब जन्म कुंडली का चंद्रमा - शनि के नवांश में हो तो मंगल नवांश में उसे देखता हो तो व्यक्ति के मन में संन्यास बस जाता है वह सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर भागता है
🔯 चंद्र+सूर्य 8वे भाव में एक साथ युति करने पर कुहू योग बनाते है व्यक्ति मांगकर खाता है जीवन में ऐसे हालात रहते है.
🔯 पीड़ित चंद्रमा वाला व्यक्ति अच्छे समय के इंतजार में , घंटे, दिन, महीने ,और साल ऐसे बिताता जाता है जैसे पिंजरे में पंख टूटे हुए बैठा पंछी.
🔯 कन्या लग्न में चंद्रमा 11वे भाव का स्वामी होकर सबसे पापी ग्रह होता है क्यों कि बुध, चंद्रमा को अपना शत्रु मानता है ऐसा चंद्रमा पीड़ित होने पर लोन पर लोन करा देता है व्यक्ति चुका नहीं पाता और छिपकर भागा भागा फिरता है.
🔯 चंद्रमा चौथे भाव का भी कारक है चंद्रमा के पीड़ित होने से किराए का मकान भी नसीब नहीं होता. और तो और अपनी सगी मा स्वयं की शत्रु*
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
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*राशि
रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं
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परामर्श अवश्य लेवें...*
* ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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