*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
#नागौर राजस्थान मानक समयानुसार#
*🎈दिनांक -15अक्टूबर 2025 *
*🎈 दिन - बुधवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष - कृष्णपक्ष*
*🎈तिथि- नवमी 10:33:00 am तक तत्पश्चात् दशमी*
*🎈 नक्षत्र - पुष्य 11:58:56 am तत्पश्चात् आश्लेषा*
*🎈 योग - साध्य 26:55:56 am तक तत्पश्चात् शुभ*
*🎈करण - गर 10:33:00*
am तक तत्पश्चात् विष्टि भद्र*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- सुबह 12:21 pm से दोपहर 01:47 pm तक *
*🎈चन्द्र राशि - कर्क *
*🎈सूर्य राशि- कन्या*
*🎈सूर्योदय - 06:35:56am*
*🎈सूर्यास्त -06:05:13pm*
*🎈चंद्रोदय- 24:44:32am*
*🎈चंद्रास्त- 25:45:12am
*🎈दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से प्रातः 05:45 तक *
*🎈अभिजित मुहूर्त- नहीं है।*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:56 पी एम से 12:46 ए एम, अक्टूबर 16 तक*
*🎈गोधूलि मुहूर्त- 06:06 पी एम से 06:31 पी एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व- पुष्य नक्षत्र व अष्टमी व्रत*
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
*🎈 शुभ - उत्तम
06:35 ए एम से 08:02 ए एम*
*🎈रोग - अमंगल-08:02 ए एम से 09:28 ए एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-09:28 ए एम से 10:54 ए एम*
*🎈चर - सामान्य-10:54 ए एम से 12:20 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-12:20 पी एम से 01:47 पी एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-01:47 पी एम से 03:13 पी एम*
*🎈काल - हानि-03:13 पी एम से 04:39 पी एम काल वेला*
*🎈शुभ - उत्तम-04:39 पी एम से 06:05 पी एम वार वेला*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-06:05 पी एम से 07:39 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-07:39 पी एम से 09:13 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-09:13 पी एम से 10:47 पी एम*
*🎈काल - हानि-10:47 पी एम से 12:21 ए एम, अक्टूबर 17*
*🎈लाभ - उन्नति-12:21 ए एम से 01:54 ए एम, अक्टूबर 17 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-01:54 ए एम से 03:28 ए एम, अक्टूबर 17*
*🎈शुभ - उत्तम-03:28 ए एम से 05:02 ए एम, अक्टूबर 17*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-05:02 ए एम से 06:36 ए एम, अक्टूबर 17*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🚩*☀#*जय गणेश*☀*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩*
🌷🍀🌷 🌷🍀🌷
🌷🌷 पारिजात वृक्ष 🌷🌷
🍁 *🎈 🦚🦚🔥💚🕉️🥀💎♥️⛳🍃❤️🔥🚩🦚
🔯 पारिजात वृक्ष - सबसे अप्रत्याशित स्थानों में एक दुर्लभ वृक्ष है। इसको छूने का हक सिर्फ #उर्वशी को था,,,
शेष भाग से आगे.....
⚜️भगवान श्री कृष्ण ने पारिजात को लगाया तो था सत्यभामा की वाटिका में,परन्तु उसके फूल उनकी दूसरी पत्नी रूकमणी की वाटिका में गिरते थे,एक मान्यता के अनुसार परिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुन्द्र मंथन से हुई थी, जिसे इन्द्र ने अपनी वाटिका में रोप दिया था!
⚜️यह वृक्ष एक हजार से पांच हजार वर्ष तक जीवित रह सकता है,पारिजात वृक्ष के वे ही फूल उपयोग में लाए जाते है,जो वृक्ष से टूटकर गिर जाते है,यानि वृक्ष से फूल तोड़ने की पूरी तरह मनाही है!
⚜️यह वृक्ष आसपास लगा हो खुशबू तो प्रदान करता ही है,साथ ही नकारात्मक उर्जा को भी भगाता है,इस उपयोगी वृक्ष को अवश्य ही घर के आसपास लगाना चाहिए!!!
⚜️पारिजात एक पुष्प देने वाला वृक्ष है, इसका वृक्ष 10 से 15 फीट ऊँचा होता है...... पारिजात पर सुन्दर व सुगन्धित फूल लगते हैं....इसकी सबसे बड़ी पहचान है सफ़ेद फूल और केसरिया डंडी होती है... इसके फूल रात में खिलते है और सुबह सब झड जाते है ...।
⚜️पारिजात अत्यंत लाभकारी ओषधि हैं.... जो अनेक रोगों को दूर करने में सहायक है...।
#साइटिका का सफल इलाज...
एक पैर मे पंजे से लेकर कमर तक दर्द होना साइटिका या रिंगण बाय कहलाता है....प्रायः पैर के पंजे से लेकर कूल्हे तक दर्द होता है जो लगातार होता रहता है... मुख्य लक्षण यह है कि दर्द केवल एक पैर मे होता है.... दर्द इतना अधिक होता है कि रोगी सो भी नहीं पाता...... हारसिंगार के 10-15 कोमल पत्ते को कटे फटे न हों तोड़ लाएँ...... पत्ते को धो कर थोड़ा सा कूट ले या पीस ले.....बहुत अधिक बारीक पीसने कि जरूरत नहीं है। लगभग 200-300 ग्राम पानी (2 कप) मे धीमी आंच पर उबालें.....तेज आग पर मत पकाए....चाय की तरह पकाए,चाय कि तरह छान कर गरम गरम पानी (काढ़ा) पी ले... पहली बार मे ही 10% फायदा होगा.... प्रतिदिन 2 बार पिए ... इस हरसिंगार के पत्तों के काढ़े से 15 मिनट पहले और 1 घंटा बाद तक ठंडा पानी न पीए,दही लस्सी और आचार न खाएं.
⚜️अब यह वृक्ष धरती पर है इस पेड़ के #बीज बनते हैं,, और इसको #कलम विधि के द्वारा पैदा किया जा सकता है।
⚜️रात को इसके फूल खिलते हैं,,और गंध इतनी दिव्य है कि इस लोक की लगती ही नहीं है,,, ईश्वर के आशीर्वाद अद्भुत और विचित्र हैं,,
💚🥀♥️🍃🚩🪷✅💕📍🌿📌🪴
🔴 पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष में खरीदना और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे सभी नक्षत्रों का राजा कहा गया है।🪴
🪴पुष्य नक्षत्र में खरीदारी क्यों शुभ है?🪴
● स्थायित्व और समृद्धि: माना जाता है कि इस नक्षत्र में खरीदी गई वस्तुएँ लंबे समय तक चलती हैं और धन-समृद्धि लाती हैं, क्योंकि यह नक्षत्र पोषण, देखभाल और प्रचुरता का प्रतीक है।
● देवता और शासक ग्रह: इसके देवता बृहस्पति (गुरु) हैं, जो ज्ञान, भाग्य और समृद्धि के कारक हैं, और शासक ग्रह शनि हैं, जो स्थायित्व और दीर्घायु प्रदान करते हैं। इन दोनों ग्रहों का संयोग खरीदारी को विशेष रूप से फलदायी बनाता है।
● विशेष योग: यदि यह नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है (गुरु पुष्य योग) या रविवार को (रवि पुष्य योग), तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
🔴 पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना शुभ माना जाता है:
● सोना और चाँदी: यह सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में स्थायी धन लाता है।
● संपत्ति/रियल एस्टेट: नया घर, प्लॉट या कोई बड़ी संपत्ति खरीदना बहुत शुभ है।
● वाहन: नई गाड़ी, बाइक आदि खरीदना भी शुभ माना जाता है।
● नया बही-खाता: व्यापारी वर्ग के लिए नए खाते शुरू करना या खरीदना बहुत शुभ होता है।
● अध्ययन सामग्री: पुस्तकें, कॉपी, पेन आदि शैक्षणिक वस्तुएं खरीदना भी अच्छा माना जाता है।
🔴 अक्टूबर 2025 में पुष्य नक्षत्र (दिवाली से पहले):
दीपावली (20 अक्टूबर 2025) से पहले पुष्य नक्षत्र का एक बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है:
● प्रारंभ: 14 अक्टूबर 2025, मंगलवार को सुबह 11:54 बजे से।
● समापन: 15 अक्टूबर 2025, बुधवार को दोपहर 12:00 बजे तक।
🍏🍀🍏🍀🍏🍀🍏
♨️ ⚜️ 🕉🌞 🌞🕉 ⚜🚩
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
* रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱