Type Here to Get Search Results !

पंचांग - 18-10-2025

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

jyotis

*🎈 दिन -     शनिवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष - कृष्णपक्ष*
*🎈तिथि- द्वादशी    12:18:29 pm तक तत्पश्चात्  त्रयोदशी *
*🎈 नक्षत्र -         पूर्व फाल्गुनी    15:40:47 pm तत्पश्चात्         फाल्गुनी*
*🎈 योग -     ब्रह्म    25:47:00* am तक तत्पश्चात् इंद्र*
*🎈करण    - तैतुल    12:18:29*pm तक तत्पश्चात् वणिज*

hero


*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- सुबह 09:29 am से दोपहर 10:54 pm तक ()*  
*🎈चन्द्र राशि    -  सिंह    till 22:10:45*
*🎈चन्द्र राशि     -   कन्या    from 22:10:45*
*🎈सूर्य राशि-       तुला    *
*🎈सूर्योदय - 06:37:38am*
*🎈सूर्यास्त -18:02:17pm* 


*🎈चंद्रोदय-    16:20:13pm*
*🎈चंद्रास्त-    28:33:15*am
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से प्रातः 05:46 तक *

shyam


*🎈अभिजित मुहूर्त-    11:57 ए एम से 12:43 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:55 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 19तक*
*🎈अमृत काल-    08:50 ए एम से 10:33 ए एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व-   द्वादशी शनिवार प्रदोष व्रत होगा।
 धनतेरस 2025 (Dhanteras 2025 Date)

*🎈कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 19pm मिनट से हो रहा है, जो 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1 बजकर 51pm मिनट पर समाप्त होगी।
toyta



*🎈धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025 Muhurat)

*🎈 अमृत काल- सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक

 *🎈 अभिजित मुहूर्त - दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक
  
*🎈लाभ-उन्नति(अमृत) चौघड़िया मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 04 बजकर 37मिनट तक।

*🎈प्रदोष काल- सांय 06:02से 8:35pm तक धनतेरस पूजन का समय।
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
dev

art



    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
   मानक सूर्योदय के अनुसार।

*🎈 काल - हानि-06:36 ए एम से 08:02 ए एम काल वेला*

*🎈 शुभ - उत्तम-08:02 ए एम से 09:28 ए एम*

*🎈 रोग - अमंगल-09:28 ए एम से 10:54 ए एम*

*🎈 उद्वेग - अशुभ-10:54 ए एम से 12:20 पी एम*

*🎈 चर - सामान्य-12:20 पी एम से 01:46 पी एम*

*🎈 लाभ - उन्नति-01:46 पी एम से 03:12 पी एम वार वेला*

*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-03:12 पी एम से 04:38 पी एम*

*🎈 काल - हानि-04:38 पी एम से 06:04 पी एम काल वेला*



      *🛟चोघडिया, रात्🛟*

*🎈लाभ - उन्नति-06:04 पी एम से 07:38 पी एम काल रात्रि*

*🎈उद्वेग - अशुभ-07:38 पी एम से 09:12 पी एम*

*🎈शुभ - उत्तम-09:12 पी एम से 10:46 पी एम*

*🎈अमृत - सर्वोत्तम-10:46 पी एम से 12:20 ए एम, अक्टूबर 19*

*🎈चर - सामान्य-12:20 ए एम से 01:54 ए एम, अक्टूबर 19*

*🎈रोग - अमंगल-01:54 ए एम से 03:29 ए एम, अक्टूबर 19*

*🎈काल - हानि-03:29 ए एम से 05:03 ए एम, अक्टूबर 19*

*🎈लाभ - उन्नति-05:03 ए एम से 06:37 ए एम, अक्टूबर 19 काल रात्रि*

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
station


    
  🚩*☀#*जय गणेश*☀*🚩
  🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩🍁 *🎈 🦚🦚🔥💚🕉️🥀💎♥️⛳🍃❤️‍🔥🚩🦚
 
🔯‼️🙏⛳धन तेरस दीपावली⛳🙏‼️
 
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🌹
कुछ परंपरागत उपाय जिन की वजह से आपका जीवन सफल हो सकता है।
¶ भारतीय परम्परा और मान्यताओं के अनुसार व्रत, पर्व एवं उत्सवों को शुभ तिथि, वार, नक्षत्र लग्नादि में मनाने का विधान है, भारत में मनाये जानेवाले पर्व त्योहार दो प्रकार के है, यथा होली, दिपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, श्रीरामनवमी, श्रीकृष्णजनन्माष्मी और शिवरात्रि ये सार्वदेशिक पर्व है , मार्कण्डेय पुराणान्तर्गत श्री दुर्गा सप्तशती में तीन यात्रियों का उल्लेख दारुण यात्रियों के रूप में हुआ है- कालरात्रि, महारात्रि तथा मोहरात्रि! इनमें दिपावली पर्व सतत पाँच दिन तक मनाया जाता है, यानि धनत्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीया तक ! 
LUCKY

pawan

madhuram



¶ 1-धनतेरस- इस दिन चाँदी का बर्तन खरीदना शुभ होता है, इस दिन सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर एक पात्र में अन्न रखकर उसमें मिट्टी के दीपक रखकर तिल के तेल से पूर्ण करके फिर नवीन रूई की बत्ती रखें और प्रकाशित करके गंधादि से पूजन करें ( दीपक दक्षिण मुख करे) - दीपक रातभर जलता रहे, ये ध्यान रखें फिर प्रार्थना करें! 
¶ - प्रार्थना मंत्र- मृत्युना दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह! 
     त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रियतामिति  !! 

¶- 2-नरकचतुर्दशी- इस दिन चार बत्तियों के दीपक ( चौमुखा) प्रज्वलित करके पूर्वाभिमुख होकर निम्न मंत्र उच्चारण करे! 
" दत्तो दीपश्चतुर्दश्यां नरकप्रीयते मया! 
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापानुत्तये!! उच्चारण करके दान करें! 

¶-2-- रूपचतुर्दशी अरुणोदय स्नान--- इस दिन अरुणोदय से पूर्व ही स्नान करना चाहिये, यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाया जाता, फिर भी इस शरीर में तेल लगाकर स्नान करना चाहिये, इस दिन "अपामार्ग" (उँगा) , हल से उखड़ी हुई मिट्टी का ढेला, तुम्बी, को मस्तकपर से 7 बार घूमाकर फिर शुद्ध स्नान करें, स्नान करके, तिलक लगाकर दक्षिणाभिमुख हो निम्न नाम मंत्रों से तिलयुक्त तीन- तीन जलांजलि दे! 

¶ - ॐ यमाय नमः, ॐ धर्मराजाय नमः,, ॐ मृत्यवे नमः, ॐ अन्तकाय नमः,, ॐ वैवस्वताय नमः, ॐ कालाय नमः,, ॐ सर्वभूतक्षयाय नमः,, ॐ औदुम्बराय नमः,, ॐदध्नाय नमः, ॐ नीलाय नमः,, ॐ परमेष्ठिने नमः,, ॐ वृकोदराय नमः, ॐ चित्राय नमः,, ॐ चित्रगुप्ताय नमः! 
¶ - ये तर्णण करके सायंकाल में, मंदिर, रसोईघर, स्नानघर, देववृक्षो के नीचे, गोशाला आदि में दीपदान करें यमराज के निमित्त! 

¶- 3--  माता लक्ष्मी पूजन- वरूण पूजन, गणपति, मातृका, कलश, नवग्रह करे, फिर महालक्ष्मी, माता काली, सरस्वती, कुबेर,इन्द्र ,का पूजन करे! हर वर्ष लक्ष्मी जी का नया चित्र लावें तो पुराने का विसर्जन करें, यदि लक्ष्मी जी की चाँदी की मुर्ति या तस्वीर हो तो उनका पञ्चामृतादि स्नान करें फिर विधिवत् पूजन करें! 

4-- अन्नकूट- कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा- इस दिन प्रातःकाल घर के द्वारदेश में गौ के गोबर का गोवर्धन बनाये तथा उसे शिखर युक्त बनाकर वृक्ष- शाखादि से संयुक्त और पुष्पों से सुशोभित करे! (अनेक स्थानों में मनुष्य के आकार का भी बनाते हैं) इसके बाद गन्ध- पुष्पादि से गोवर्धनभगवान् का षोडशोपचार पूजन करके निम्न प्रार्थना करें! 

¶ - मंत्र - गोवर्धन धराधार गोकुलत्राणकारक! 
            विष्णुबाहुकृतोच्छा्य गवां कोटिप्रदो भव  !! 
" इसके बाद गौओं का पूजन करें और निम्न मंत्र से प्रार्थना करें! 
¶ मंत्र- लक्ष्मीयां लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता! 
          घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु  !! 

¶ - 5- यमद्वितीया ( भैयादूज) -- इस दिन व्रती बहनों को प्रातः स्नानादि के अनन्तर अक्षतादि से निर्मित अष्टदल कमल पर गणेशादि का स्थापन करके यम, यमुना, चित्रगुप्त तथा यमदूतो की पूजा करके यमराज की प्रार्थना निम्न मंत्र से करें! 

¶ मंत्र- धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज! 
           पाहि मां किड़्करैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते!! 
" फिर यमुना जी की प्रार्थना निम्न मंत्र से करें! 
¶ मंत्र- यमस्वसर्नमस्तेऽस्तु यमुने लोकपूजिते! 
           वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते!! 
" निम्न मंत्र से चित्रगुप्त की प्रार्थना करें! 

¶ मंत्र- मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्! 
           लेखनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्!! 
¶ तत्पश्चात् बहन भाई को शुभ आसन पर बैठाकर तिलकादि करके भोजन कराये- भोजन के बाद भाई बहन को यथासामर्थ्य अन्न- वस्त्र- आभूषणादि देकर शुभाशिष प्राप्त करें! फिर व्रती बहनों को कथा सुननी चाहिये! यम यमुना की कथा है!! 

  🌹 धनतेरस पर यह🌹

🌹पांच चीज अवश्य खरीदें🌹

🌹धनतेरस पर हल्दी जरूर खरीदें, समृद्धि आती है

🌹धनिया खरीदने से 13 गुना अधिक धन में वृद्धि होती है

🌹झाडू खरीदने से मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है

🌹नमक खरीदने से परिवार में सम्पन्नता आती हैं

🌹कौड़ी खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है


🌹शिवशक्ति सर्व भक्तों की मनोकामनाएँ परिपूर्ण करें🌹

🔱🇪🇬ॐ महाकाल ॐ🇪🇬🔱

🍏🍀🍏🍀🍏🍀🍏
♨️  ⚜️ 🕉🌞  🌞🕉 ⚜🚩
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले  सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ

*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
🕉️📿🔥🌞🚩🔱
vipul

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad