*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक -27अक्टूबर2025 *
*🎈 दिन - सोमवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष - शुक्ल पक्ष*
*🎈तिथि- षष्ठी अहोरात्र तक तत्पश्चात् षष्ठी*
*🎈 नक्षत्र - मूल 13:26:43 तत्पश्चात् पूर्वाषाढा*
*🎈 योग - अतिगंड 07:25:32 am तक तत्पश्चात् सुकर्मा*
*🎈करण - कौलव 19:05:04
Pm तक तत्पश्चात् तैतुल*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- सुबह 08:07दोपहर 08:31pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि- धनु *
*🎈सूर्य राशि- तुला *
*🎈सूर्योदय - 06:43:05:am*
*🎈सूर्यास्त -17:54:18pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से प्रातः 05:51 तक *(नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:56 ए एम से 12:41 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:53 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 28तक*
*🎈रवि योग 01:27 पी एम से 06:43 ए एम, अक्टूबर 28*
*🎈 व्रत एवं पर्व- षष्ठी मैया व्रत*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-06:42 ए एम से 08:06 ए एम*
*🎈 काल - हानि-08:06 ए एम से 09:30 ए एम काल वेला*
*🎈 शुभ - उत्तम-09:30 ए एम से 10:54 ए एम*
*🎈रोग - अमंगल-10:54 ए एम से 12:19 पी एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-12:19 पी एम से 01:43 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-01:43 पी एम से 03:07 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-03:07 पी एम से 04:31 पी एम वार वेला*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-04:31 पी एम से 05:56 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈चर - सामान्य-05:56 पी एम से 07:31 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-07:31 पी एम से 09:07 पी एम*
*🎈काल - हानि-09:07 पी एम से 10:43 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-10:43 पी एम से 12:19 ए एम, अक्टूबर 28 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-12:19 ए एम से 01:55 ए एम, अक्टूबर 28*
*🎈शुभ - उत्तम-01:55 ए एम से 03:31 ए एम, अक्टूबर 28*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-03:31 ए एम से 05:07 ए एम, अक्टूबर 28*
*🎈चर - सामान्य-05:07 ए एम से 06:43 ए एम, अक्टूबर 28*
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🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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🚩🌼छठ पूजा विशेष ............❤️💐 🌼🪔
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01.🌷छठ महापर्व 2025 की पूजा विधि और मुहूर्त 🌷
02.🌷🌷षष्ठी देवी माहात्म्य एवं स्तोत्र 🌷🌷
03..🌷श्रीदेवसेना अष्टोत्तरशतनामावली 🌷
(षष्ठी देवी या छठी मैया के १०८ नाम)
04 🌷🌷 षष्ठी देवी (छठ मैया) कवचम् 🌷🌷
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🌷🌷छठ महापर्व 2025 की पूजा विधि और मुहूर्त 🌷🌷
इस वर्ष छठ पूजा 25 अक्टूबर 2025, शनिवार से से 28 अक्टूबर मंगलवार तक रहेंगी। यह सूर्य उपासना का चार दिवसीय पर्व है, जिसमें नहाय-खाय, खरना, सन्ध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के क्रम से व्रत किया जाता है ।
छठ पूजा 2025 तिथि व मुहूर्त
दिन तिथि पर्व/विधि सूर्योदय सूर्यास्त
👉🍁शनिवार 25 अक्टूबर 2025 नहाय-खाय सुबह 6:28 बजे शाम 5:42 बजे
👉🍁रविवार 26 अक्टूबर 2025 खरना सुबह 6:29 बजे शाम 5:41 बजे
👉🍁सोमवार 27 अक्टूबर 2025 सन्ध्या अर्घ्य सुबह 6:30 बजे शाम 5:40 बजे
👉🍁मंगलवार 28 अक्टूबर 2025 उषा अर्घ्य व पारण प्रातः 6:30 बजे (अर्घ्य) —
छठ पूजा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 6:04 से 7:59 बजे तक रहेगी ।
चार दिनों की संक्षिप्त पूजा विधि
👉🍁1. नहाय-खाय (25 अक्टूबर 2025, शनिवार)
व्रती प्रातः नदी या तालाब में स्नान करते हैं।
घर की सफाई व पवित्रीकरण किया जाता है।
लौकी-भात व चना दाल का सात्विक भोजन किया जाता है।
व्रत का संकल्प लेकर सूर्यदेव को जल अर्पित करते हैं ।
संकल्प मंत्र:
“ॐ अद्य अमुकगोत्रोऽमुकनामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्रीसूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थं श्रीषष्ठीव्रतं करिष्ये।” ।
👉🍁2. खरना (26 अक्टूबर 2025, रविवार)
पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है।
सूर्यास्त के बाद गुड़ की खीर, रोटी और केले से प्रसाद तैयार करते हैं।
इसी प्रसाद से व्रत का प्रथम उपवास समाप्त करते हैं, फिर रातभर निराहार रहते हैं ।
👉🍁3. सन्ध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर 2025, सोमवार)
शाम को नदी, तालाब या घाट पर सूर्यास्त के समय जल में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है।
सूप में ठेकुआ, गन्ना, नींबू, मूली, हरी नारियल, दीपक, और फल रखे जाते हैं।
सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जाती है ।
👉🍁4. उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर 2025, मंगलवार)
प्रातःकाल उदयाचल गामी उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
सूर्य उदय के पश्चात व्रत का पारण होता है और प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
इस दिन परिवार व समुदाय के साथ प्रसाद बांटा जाता है, जिससे पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है ।
प्रमुख पूजा सामग्री सूची
गन्ना, दीपक, अगरबत्ती, कपूर, फूल, पान पत्ते, सुपाड़ी, हल्दी, मूली, शहद, केला, नाशपाती, नारियल (पानी सहित), ठेकुआ, कच्चा दूध, चावल का आटा, घी, गुड़, और गेंहू का आटा ।
धार्मिक महत्व
छठ पूजन में सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है। यह पर्व आत्मशुद्धि, स्वास्थ्य, समृद्धि और संतान-सुख की कामना के लिए किया जाता है। यह सौर पूजा अनुष्ठान भारत का सबसे प्राचीन व्रत मानी जाती है, जो नारी शक्ति और प्रकृति पूजन का संगम है ।
विशेष अनुष्ठान समय
संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर): सूर्यास्त के समय लगभग 5:40 बजे से शुरू।
उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर): सूर्योदय पूर्व प्रातः 6:10–6:30 बजे के मध्य जल अर्पण शुभ।
व्रत पारण: उषा अर्घ्य के बाद 8:00 बजे तक किया जाए तो उत्तम फलदायक ।
कुल अवधि
छठ पूजा का मूल व्रत नहाय-खाय के दिन से आरंभ होकर लगभग 36 घंटे का निर्जल संकल्प रखता है, जो उषा अर्घ्य के साथ पूर्ण होता है। यह समय-सारणी सूर्योपासना, आत्मशुद्धि और परिवार की मंगलार्थ आराधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है ।
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शेष भाग कल....
💥 ।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱


