*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक 10 नवंबर 2025 *
*🎈 दिन - सोमवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - मार्गशीर्ष*
*🎈 पक्ष - कृष्ण पक्ष*
*🎈तिथि- षष्ठी 24:07:14*am तत्पश्चात् सप्तमी*
*🎈 नक्षत्र - पुनर्वसु 18:47:01pm तत्पश्चात् पुष्य*
*🎈 योग -साध्य 12:03:53pm* तक तत्पश्चात् शुभ*
*🎈करण - गर 12:55:00
Pm तक तत्पश्चात् वणिज*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 08:14 am to 09:36pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - मिथुन till 13:01:57*
*🎈चन्द्र राशि- कर्क from 13:01:57*
*🎈सूर्य राशि- तुला *
*🎈सूर्योदय - 06:52:46am*
*🎈सूर्यास्त -17:44:51pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से प्रातः 05:59 तक *(नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:41 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:53 पी एम से 12:45 ए एम, नवम्बर 11*
*🎈 व्रत एवं पर्व- सप्तमी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, खासकर अचला सप्तमी जैसे व्रतों में। इसके अलावा, मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है, जैसे लहसुन और प्याज। कुछ विशेष व्रतों या तिथियों पर खजूर, ताड़ के फल और तेल से बने भोजन का त्याग करने का भी उल्लेख है।
*🎈विशेष - मार्गशीर्ष महात्म्य*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-06:52 ए एम से 08:13 ए एम*
*🎈काल - हानि-08:13 ए एम से 09:35 ए एम काल वेला*
*🎈शुभ - उत्तम-09:35 ए एम से 10:57 ए एम*
*🎈रोग - अमंगल-10:57 ए एम से 12:19 पी एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-12:19 पी एम से 01:41 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-01:41 पी एम से 03:02 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-03:02 पी एम से 04:24 पी एम वार वेला*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-04:24 पी एम से 05:46 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈चर - सामान्य-05:46 पी एम से 07:24 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-07:24 पी एम से 09:03 पी एम*
*🎈काल - हानि-09:03 पी एम से 10:41 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-10:41 पी एम से 12:19 ए एम, नवम्बर 11 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-12:19 ए एम से 01:57 ए एम, नवम्बर 11*
*🎈शुभ - उत्तम-01:57 ए एम से 03:36 ए एम, नवम्बर 11*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-03:36 ए एम से 05:14 ए एम, नवम्बर 11*
*🎈चर - सामान्य-05:14 ए एम से 06:52 ए एम, नवम्बर 11*
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🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🌷🌷 ..पंच पात्र क्या ?....❤️💐 🌼🪔
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#अष्टम भाव जो सबसे ज्यादा बदनाम भी है और सबसे ज्यादा प्रभावशाली और महत्वपूर्ण भी है.........❤️
मृत्यु और जन्म दोनों की भूमिका बिना अष्टम भाव के तय नहीं होती अर्थात जन्म और मरण दोनों को कंट्रोल करने वाला होता है #अष्टम भाव.........
सूर्य चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि के बाद आठवां ग्रह राहु भी आठवें की गिनती के अंतर्गत ही आता है और जो छाया ग्रह की श्रेणी में भी आता है और यह ब्रह्मांड में किसी ग्रह के रूप में विद्यमान भी नहीं है इसका भी अष्टम से संबंधित चीजों से विशेष जुड़ाव देखने को मिलता है
फिलहाल #अष्टम भाव पर आते हैं
अष्टम भाव #मृत्यु देता है यह तो लगभग लगभग सभी लोग जानते हैं.............
अष्टम भाव #जन्म भी देता है यह बात भी जानना तो सभी को चाहिए लेकिन लोग ध्यान नहीं देते हैं...
क्योंकि अष्टम भाव #बदनाम ही इतना है
कि उसके द्वारा जो महत्वपूर्ण और उत्तम कार्य किए जाते हैं उनके विषय में सोचने का लोगों को मौका ही नहीं मिलता है........
अष्टम भाव ही #सन्यास योग की प्रेरणा देने वाला और सन्यासी और योगी बनाने वाला भाव है और इसीलिए व्यक्ति सन्यास धारण करने से पहले अपने को मृत मानकर अपने पिंडदान अपने हाथों से करता है.....
अष्टम भाव सभी तरह के #खोज के लिए महत्वपूर्ण रोल अदा करता है जातक का #कॉमन सेंस उतना ही अच्छा और प्रबल होता है जितना अष्टम भाव बलवान और पाप रहित होता है..............
उत्तम #संतान की प्राप्ति के आयोजन के लिए भी अष्टम भाव का अच्छा होना आवश्यक होता है
#पूर्व आभास के लिए छठी इंद्री का बलवान होना भी अष्टम भाव से देखा जाता है..........
लेकिन ज्यादातर लोग अष्टम भाव से संबंधित क्रिया
बेहोशी में संपन्न करते हैं होश में नहीं करते यदि अष्टम भाव का प्रयोग लोग सावधानी से करें तो उत्तम संतान प्राप्ति का सबसे महत्वपूर्ण रोल अष्टम भाव में ही होता है
क्योंकि अष्टम भाव ही #यौन अंगों का है और यौन क्रिया का है और यौन क्रिया जब संतुलित खानपान आहार और अच्छे वातावरण में और अच्छे #मुहूर्त में की जाती है
तो जातक को उत्तम संतान की प्राप्ति होती है.......
और उत्तम संतान की उत्पत्ति करना केवल अपने लिए ही नहीं देश और समाज के लिए भी हितकारी होता है और इसके लिए ऋषि यों ने तमाम साहित्य का निर्माण किया है कि कम से कम 6 महीने और 3 महीने से आप अपने शरीर की अपने जीवनसाथी के शरीर की किस तरह से देखरेख करें पुष्टि करें और किस तरह से अच्छे मुहूर्त में #यौन संबंध स्थापित करके संसार को उत्तम संतान का उपहार दें...............
और इस तरह से #नवसृजन की भूमिका अष्टम के हाथ में ही होती है और नवम भाव से उस भ्रूण में जीव को स्थापित करने की क्रिया के साथ दशम भाव मैं पहुंचते-पहुंचते जीव कर्म की स्थिति में पहुंच जाता है और द्वादश भाव की यात्रा करते हुए लग्न के रूप में अगला जन्म ले लेता है और इसीलिए तीन चार महीने बाद मां को संतुलित और उचित प्रकार के आहार व्यवहार संस्कार पूर्ण वातावरण में रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि #पेट में रहकर ही जीव अपने कर्म को करने लगता है यह दशम भाव से ही उसके ऊपर प्रभाव देखने को मिलता है 9 10 11 12 यह यात्रा लगभग 8 महीने की है और इसके बाद 9वें महीने में पूर्ण विकसित संतान की उत्पत्ति हो जाती है...............
#अष्टम भाव पंचम भाव से चौथा भाव होने के कारण संतान से सुख और बुद्धि से सुख के लिए भी देखा जाता है इसलिए अन्य भाव को अच्छा बनाने का प्रयास करने के साथ-साथ अष्टम भाव को भी जातक को दान जप इत्यादि के द्वारा ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए
क्योंकि जिस तरह से खेत में अच्छे बीज के द्वारा अच्छी फसल तैयार होती है अष्टम भाव भी खेत की तरह है और जातक जो संबंध बनाने से पहले साधना करता है वह उच्च कोटि के बीज निर्माण की प्रक्रिया होती है.......
इसलिए नशे में संतान उत्पन्न ना करके विधिवत तरीके से होश में संतान उत्पत्ति का आयोजन किया जाना चाहिए
और उसके पहले अष्टम भाव में पीड़ा देने वाले ग्रहों की शांति करवानी चाहिए ताकि विधिवत और उत्तम संतान #उत्पन्न करने में मदद मिले...........
।। जय श्री कृष्ण ।।
💥 ।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱







