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पञ्चाङ्ग - 11-11-2025

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
jyotis PANCHANG


*🎈दिनांक 11 नवंबर 2025 *
*🎈 दिन -   मंगलवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - मार्गशीर्ष*
*🎈 पक्ष - कृष्ण पक्ष*
*🎈तिथि-        सप्तमी    23:08:02*pm तत्पश्चात् अष्टमी*
*🎈 नक्षत्र -             पुष्य    18:16:50pm तत्पश्चात् आश्लेषा*
*🎈 योग    -शुभ    09:43:23am* तक तत्पश्चात् शुक्ल*
*🎈करण    -         विष्टि भद्र    11:31:30
am तक तत्पश्चात् बव*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 03:02 am to 04:23pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)* 
*🎈चन्द्र राशि-     कर्क    *
*🎈सूर्य राशि-       तुला    *
*🎈सूर्योदय - 06:53:30am*
*🎈सूर्यास्त -17:44:21pm* 
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से प्रातः 06:00 तक *(नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त-    11:57 ए एम से 12:41 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:53 पी एम से 12:46 ए एम, नवम्बर 12*
*🎈सर्वार्थ सिद्धि योग    06:17 पी एम से 06:53 ए एम, नवम्बर 12*

*🎈 व्रत एवं पर्व-  सप्तमी तिथि को ताड़ का फल नहीं खाना चाहिए। कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्तमी तिथि पर नमक और घी का सेवन भी वर्जित है, खासकर अगर वह कोई व्रत हो। इसके अतिरिक्त, कुछ लोग मांस और मंदिरा का सेवन भी नहीं करते हैं।*  
*🎈विशेष -  मार्गशीर्ष महात्म्य*
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    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
   मानक सूर्योदय के अनुसार।

*🎈 रोग - अमंगल-06:52 ए एम से 08:14 ए एम*

*🎈 उद्वेग - अशुभ-08:14 ए एम से 09:36 ए एम वार वेला*

*🎈 चर - सामान्य-09:36 ए एम से 10:57 ए एम*

*🎈 लाभ - उन्नति-10:57 ए एम से 12:19 पी एम*

*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-12:19 पी एम से 01:41 पी एम*

*🎈 काल - हानि-01:41 पी एम से 03:02 पी एम काल वेला*

*🎈 शुभ - उत्तम-03:02 पी एम से 04:24 पी एम*

*🎈  रोग - अमंगल-04:24 पी एम से 05:46 पी एम*

      *🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈काल - हानि-05:46 पी एम से 07:24 पी एम*

*🎈लाभ - उन्नति-07:24 पी एम से 09:02 पी एम काल रात्रि*

*🎈उद्वेग - अशुभ-09:02 पी एम से 10:41 पी एम*

*🎈शुभ - उत्तम-10:41 पी एम से 12:19 ए एम, नवम्बर 12*

*🎈अमृत - सर्वोत्तम-12:19 ए एम से 01:58 ए एम, नवम्बर 12*

*🎈चर - सामान्य-01:58 ए एम से 03:36 ए एम, नवम्बर 12*

*🎈रोग - अमंगल-03:36 ए एम से 05:15 ए एम, नवम्बर 12*

*🎈काल - हानि-05:15 ए एम से 06:53 ए एम, नवम्बर 12*
kundli



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     🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
  🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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🌷 ..#नक्षत्रों का राजा है पुष्य नक्षत्र!!....❤️💐 🌼🪔
🌷 ..#लक्ष्मी जी के उपाय ....❤️💐 🌼🪔
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💐 नक्षत्रों का राजा है पुष्य नक्षत्र!!

नारदसंहिता के अनुसार पुष्य नक्षत्र में श्राद्ध करने से पितरों को असीम तृप्ति होती है और वे श्राद्ध करने वाले को धन पुत्रादि का आशीर्वाद देते हैं। दशमी तिथि को पुष्य नक्षत्र पड़े तो ‘अमृत योग’ होता है इसमें श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न रहते हैं।

नक्षत्र देवताओं का गृह है। ये अपनी जगह स्थिर रहते हैं। अश्विनी, भरणी आदि नाम से 27 नक्षत्र होते हैं। 28वां नक्षत्र अभिजित् है।

💐 - पुष्य का अर्थ पोषक होता है।

- इसे अरबी में ‘नसरा’ और अंग्रेजी में ‘Delta Cancri’ कहते हैं।

- इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। ऋग्वेद के अनुसार बृहस्पति ग्रह का उद्भव पुष्य नक्षत्र से हुआ। अत: पुष्य और बृहस्पति का गहरा सम्बन्ध है, ‘गुरौ पुष्यसमायोगे सिद्धयोगे प्रकीर्तित:।’

💐 - शिवपुराण में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है।

- गुरुवार और रविवार को पुष्य नक्षत्र (गुरुपुष्य और रविपुष्य) होने पर बहुत शुभ होता है। इस दिन यदि किसी कार्य का मुहुर्त न निकलता हो तो भी उस कार्य को किया जा सकता है।

💐 - गुरुपुष्य के दिन यदि नवमी हो तो ‘विषयोग’ होता है अत: इसमें शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

💐 - सोमवार, बुधवार तथा शनिवार को पुष्य नक्षत्र मध्यम फल देता है तथा मंगल व शुक्रवार के दिन पुष्य नक्षत्र होने पर ‘उत्पात योग’ होता है। इसमें कोई शुभ कार्य  हीं करना चाहिए।

💐 ज्येष्ठ मास में भी पुष्य नक्षत्र विशेष उपयोगी नहीं होता है।

💐 पुष्य नक्षत्र में पाणिग्रहणसंस्कार (विवाहकर्म) का निषेध!!

- कामदेव ने पुष्य नक्षत्र में ब्रह्माजी पर पुष्प बाण छोड़ा था। पुष्य नक्षत्र ने उसमें अपनी पूरी शक्ति लगा कर ब्रह्माजी को व्याकुल कर दिया। अत्यधिक कामुक होने से ब्रह्माजी ने इसे शाप दे दिया इसलिए पुष्य नक्षत्र में विवाह करना शुभ नहीं होता है।

💐 पुष्य नक्षत्र में जन्म!!

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाला मनुष्य बुद्धिमान, विनम्र, गुरुभक्त, अच्छा वक्ता, कार्यों में कुशल, हृष्ट पुष्ट (healthy) परोपकारी व क्षमाशील होता है किन्तु उसका जीवन संघर्षमय होता है।

💐 पुष्य नक्षत्र में श्राद्ध!!

नारदसंहिता के अनुसार पुष्य नक्षत्र में श्राद्ध करने से पितरों को असीम तृप्ति होती है और वे श्राद्ध करने वाले को धन पुत्रादि का आशीर्वाद देते हैं। दशमी तिथि को पुष्य नक्षत्र पड़े तो ‘अमृत योग’ होता है।
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#🔴  अपनी कमाई के साधन के अलावा पैसों का एक अन्य साधन और चाहते हैं तो शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए धन प्राप्ति के उपाय करने चाहिए क्योंकि शुक्र ग्रह धन एवं ऐश्वर्य के अधिपति देव है और शुक्रवार को मां लक्ष्मी का भी प्रिय दिन माना गया है। इस दिन धन, ऐश्वर्य, भौतिक सुख और कमाई के अन्य स्त्रोत की प्राप्ति के लिए अगर कोई प्रयोग करें तो विशेष सफलता प्राप्त होती है। इसलिए इस दिन किए गए उपाय दोहरा लाभ दिलाते हैं। शुक्रवार को लक्ष्मी जी के उपाय करने से दो तरफा यानि एक्स्ट्रा इनकम के योग बनते हैं। इसलिए शुक्रवार का दिन धन संबंधित प्रयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। 
धन प्राप्ति के लिए अपने पास चांदी का शुक्र यंत्र रखें। पिता से सोना लेकर धारण करें या धन स्थान पर रख कर पूजा करें तो जल्दी ही कमाई का अन्य साधन मिल जाएगा। भाई या बहन को शुक्र देव के लिए सफेद वस्त्र के साथ चांदी का सिक्का दें। स्फटिक श्री यंत्र की स्थापना करें तो आपके घर में दो तरफ से लक्ष्मी आएगी। सात शुक्रवार तक 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को गाय के दूध की खीर खीलाएं तो आपको जल्दी ही इसके शुभ परिणाम मिलेंगे। सोने या चांदी की लक्ष्मी प्रतिमा का पूजन कर के धन स्थान पर रखें। माता से सफेद कपड़े में चावल और चांदी का सिक्का लेकर धन स्थान पर रखने से मां लक्ष्मी प्रस्रन्न होगी। लक्ष्मी जी को कमल पुष्प और कमल गट्टे अर्पित करें। भोजपत्र पर लाल चंदन से श्रीं: लिख कर उसकी पूजा करें। सुगंधित सफेद फूल महालक्ष्मी जी को चढ़ाएं।मां लक्ष्मी को शुद्ध गाय के घी का दीपक लगाएं।
शनिवार के दिन पीपल का एक पत्ता तोड़कर उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के घोल से अपने दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से ह्रीं लिखें। इसके बाद इस पत्ते को धूप-दीप दिखाकर अपने बटुए में रखे लें। प्रत्येक शनिवार को पूजा के साथ वह पत्ता बदलते रहें। यह उपाय करने से आपका बटुआ कभी धन से खाली नहीं होगा। पुराना पत्ता किसी पवित्र स्थान पर ही रखें। काली मिर्च के 5 दाने अपने सिर पर से 7 बार उतारकर 4 दाने चारों दिशाओं में फेंक दें तथा पांचवें दाने को आकाश की ओर उछाल दें। यह टोटका करने से आकस्मिक धन लाभ होगा। अचानक धन प्राप्ति के लिए सोमवार के दिन श्मशान में स्थित महादेव मंदिर जाकर दूध में शुद्ध शहद मिलाकर चढ़ाएं। अगर धन नहीं जुड़ रहा हो तो तिजोरी में लाल वस्त्र बिछाएं। तिजोरी में गुंजा के बीज रखने से भी धन की प्राप्ति होती है। जिस घर में प्रतिदिन श्रीसूक्त का पाठ होता है, वहां लक्ष्मी अवश्य निवास करती हैं।.................

 

         ।। जय श्री कृष्ण ।।
       💥।। शुभम् भवतु।।💥

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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले  सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ  🇪🇬🔱
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