*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक 14 नवंबर 2025 *
*🎈 दिन - शुक्रवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - मार्गशीर्ष*
*🎈 पक्ष - कृष्ण पक्ष*
*🎈तिथि- दशमी 24:49:11*am तत्पश्चात् दशमी*
*🎈 नक्षत्र - पूर्व फाल्गुनी 21:19:43 pm तत्पश्चात् उत्तर फाल्गुनी*
*🎈 योग -वैधृति 30:24:45*am* तक तत्पश्चात् ऐन्द्र*
*🎈करण - वणिज 12:06:47
am तक तत्पश्चात् विष्टि भद्र*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 010:58 pm to 02:19pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि- सिंह till 27:50:35*
चन्द्र राशि कन्या from 27:50:
*🎈सूर्य राशि- तुला *
*🎈सूर्योदय - 06:55:45am*
*🎈सूर्यास्त -17:42:57pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 05:09 ए एम से 06:02 ए एम प्रातः तक *(नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:58 ए एम से 12:41 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:53 पी एम से 12:46 ए एम, नवम्बर 15*
*🎈अमृत काल -02:29 पी एम से 04:12 पी एम*
*🎈 व्रत एवं पर्व- ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार, नवमी को लौकी और कलंबी शाक नहीं खाना चाहिए।। *
*🎈विशेष - मार्गशीर्ष महात्म्य*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 चर - सामान्य-06:54 ए एम से 08:16 ए एम*
*🎈लाभ - उन्नति-08:16 ए एम से 09:37 ए एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-09:37 ए एम से 10:58 ए एम वार वेला*
*🎈काल - हानि-10:58 ए एम से 12:19 पी एम काल वेला*
*🎈 शुभ - उत्तम-12:19 पी एम से 01:41 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-01:41 पी एम से 03:02 पी एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-03:02 पी एम से 04:23 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-04:23 पी एम से 05:44 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈रोग - अमंगल-05:44 पी एम से 07:23 पी एम*
*🎈काल - हानि-07:23 पी एम से 09:02 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-09:02 पी एम से 10:41 पी एम काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-10:41 पी एम से 12:20 ए एम, नवम्बर 15*
*🎈शुभ - उत्तम-12:20 ए एम से 01:59 ए एम, नवम्बर 15*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-01:59 ए एम से 03:37 ए एम, नवम्बर 15*
*🎈चर - सामान्य-03:37 ए एम से 05:16 ए एम, नवम्बर 15*
*🎈रोग - अमंगल-05:16 ए एम से 06:55 ए एम, नवम्बर 15*
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🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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🌷 ..# 💐🍁आपकी जन्म तिथि में छुपा है आपका राज🍁
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🍁अपनी जन्मतिथि के अनुसार जानें अपना शिव रूप, शिव के कौनसे अवतार हैं आपके रक्षक
🍁अपनी जन्मतिथि के मूलांक से जानें भगवान शिव का कौन सा रूप आपके लिए सबसे शुभ है। महादेव, काल भैरव, नटराज या रुद्र? मूलांक 1 से 9 तक, शिव के रक्षक अवतारों की पूजा से पाएं जीवन के हर कष्ट से मुक्ति।
🍁 मूलांक के अनुसार कौनसे शिव रूप हैं आपके रक्षक।
🍁क्या आप जानते हैं कि आपकी जन्मतिथि से यह पता चल सकता है कि भगवान शिव के कौन-से अवतार से आपका खास संबंध है? शि जो त्रिदेवों में विनाश और बदलाव के देवता हैं, उनके कई रूप हैं। अंक ज्योतिष और ज्योतिष के मुताबिक, शिव के हर अवतार का एक खास ग्रह से रिश्ता होता है। इस लेख में हम यही जानेंगे कि आपकी डेट ऑफ बर्थ के हिसाब से किस शिव अवतार की पूजा आपके लिए सबसे बेहतर है। इससे आप अपनी जिंदगी की कई परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। तो चलिए, पता लगाते हैं कि आपकी जन्मतिथि के अनुसार आपको किस शिव अवतार की पूजा करनी चाहिए।
💕मूलांक 1, 10, 19, 28
अगर आपका मूलांक 1 है, तो आप पर सूर्य का असर रहता है। यह ग्रह लीडरशिप , इच्छाशक्ति, ऊर्जा और दिव्य अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान शिव का देवो के देव "महादेव" रूप अंक 1 का प्रतिनिधित्व करता है, यानी देवों के देव सबसे बड़े लीडर।
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🍁मूलांक 2, 11, 20, 29
मूलांक 2 वालों के स्वामी हैं चंद्रमा। भगवान शिव के सोमना" अवतार में चंद्रमा का खास रोल है। क्योंकि चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है, इसलिए भगवान शिव का यह अवतार अंक 2 का है। चंद्रमा भावनाओं, पोषण और उपचारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए जो व्यक्ति बुरी शक्तियों से प्रभावित है या अपनी भावनाओं से जूझ रहा है, उसे भगवान शिव के इस रूप की पूजा करनी चाहिए।
🍁मूलांक 3, 12, 21, 30
मूलांक 3 वाले बृहस्पति से जुड़े होते हैं। आदि गुरु भगवान शिव का एक और रूप है जो अंक 3 से जुड़ा है। इस रूप में, वे देवताओं को शिक्षा देते हैं, उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान देते हैं। उन्हें गुरुओं का गुरु या आप कह सकते हैं कि सर्वोच्च गुरु माना जाता है।
🍁मूलांक 4, 13, 22, 31
मूलांक 4 वालों का संबंध राहु से है। भगवान शिव का "काल भैरव" रूप अंक 4 का प्रतिनिधित्व करता है। राहु रहस्य और भ्रम का प्रतीक है, और काल भैरव की पूजा से आप भ्रम और अंधकार से बाहर आ सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के इस रूप की पूजा करने से भ्रम, अंधकार और अज्ञानता से मुक्ति मिलती है।
🍁मूलांक 5, 14, 23
मूलांक 5 वाले लोग बुध ग्रह के स्वामी होते हैं। शिव का एक अन्य रूप पारद शिवलिंगम अंक 5 का प्रतिनिधित्व करता है। बुध ज्ञान, बुद्धि और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी पूजा वे लोग करते हैं जिन्हें संवाद संबंधी समस्याओं और संबंध बनाने में कठिनाई होती है।
🍁मूलांक 6, 15, 24
मूलांक 6 वाले लोग शुक्र ग्रह के स्वामी होते हैं। भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है। अंक 6 संतुलन, सामंजस्य और स्त्री-पुरुष एकता का प्रतिनिधित्व करता है। जिन लोगों को अपने रिश्तों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें रिश्तों की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव के इस रूप की पूजा करनी चाहिए।
🍁मूलांक 7, 16, 25
मूलांक 7 के स्वामी केतु हैं। भगवान शिव का महाकाल अवतार इन लोगों के लिए है। यह वह शक्तिशाली स्थान है जहां आपकी सभी इच्छाएँ समाप्त होती हैं और आप स्वयं को भगवान महाकाल के चरणों में समर्पित कर देते हैं। आपकी आध्यात्मिकता की यात्रा यहीं से शुरू होती है।
🍁मूलांक 8, 17, 26
मूलांक 8 वालों पर शनि का असर रहता है। भगवान शिव का नटराज रूप अंक 8 का प्रतिनिधित्व करता है। ये लोग, जो शनि के दुष्प्रभावों से प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें भगवान नटराज की पूजा करनी चाहिए क्योंकि उन्हें सभी भ्रमों को दूर करने वाला और स्पष्टता प्रदान करने वाला माना जाता है।
🍁मूलांक 9, 18, 27
मूलांक 9 वालों के स्वामी मंगल हैं। ये ग्रह ऊर्जा और अग्नि का प्रतीक है। इनके लिए भगवान शिव का "रुद्र" अवतार है, जो शिव का सबसे उग्र रूप है और जबरदस्त अग्नि ऊर्जा का प्रतीक है।
।। जय श्री कृष्ण ।।
💥।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱


