*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈दिनांक 19 नवंबर 2025 *
*🎈 दिन - बुधवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - मार्गशीर्ष*
*🎈 पक्ष - कृष्ण पक्ष*
*🎈तिथि- चतुर्दशी 09:43:03*am तत्पश्चात् अमावस्या*
*🎈 नक्षत्र - स्वाति 31:58:25* am तत्पश्चात् विशाखा*
*🎈 योग -सौभाग्य 08:59:27 *am* तक तत्पश्चात् शोभन*
*🎈करण - शकुनी 09:43:03
Pm तक तत्पश्चात् चतुष्पद*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 12:20 pm to 01:41pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि- तुला till 28:13:04*
*🎈चन्द्र राशि- वृश्चिक from 28:13:04*
*🎈सूर्य राशि- वृश्चिक*
*🎈सूर्योदय - 06:59:34am*
*🎈सूर्यास्त -17:41:08pm*
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 05:12 ए एम से 06:05 ए एम प्रातः तक *(नागौर
राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- आज नही है*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:54 पी एम से 12:47 ए एम, नवम्बर 20*
*🎈अमृत काल -01:05 ए एम, नवम्बर 20 से 02:53 ए एम, नवम्बर 20*
*🎈 व्रत एवं पर्व-चतुर्दशी
*🎈विशेष - मार्गशीर्ष महात्म्य*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🍁 *लाभ - उन्नति-06:58 ए एम से 08:19 ए एम*
*🍁अमृत - सर्वोत्तम-08:19 ए एम से 09:39 ए एम*
*🍁काल - हानि-09:39 ए एम से 11:00 ए एम काल वेला*
*🍁शुभ - उत्तम-11:00 ए एम से 12:20 पी एम*
*🍁रोग - अमंगल-12:20 पी एम से 01:41 पी एम वार वेला*
*🍁उद्वेग - अशुभ-01:41 पी एम से 03:01 पी एम*
*🍁चर - सामान्य-03:01 पी एम से 04:22 पी एम*
*🍁लाभ - उन्नति-04:22 पी एम से 05:42 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈उद्वेग - अशुभ-05:42 पी एम से 07:22 पी एम*
*🍁शुभ - उत्तम-07:22 पी एम से 09:02 पी एम*
*🍁अमृत - सर्वोत्तम-09:02 पी एम से 10:41 पी एम*
*🍁चर - सामान्य-10:41 पी एम से 12:21 ए एम, नवम्बर 20*
*🍁रोग - अमंगल-12:21 ए एम से 02:00 ए एम, नवम्बर 20*
*🍁काल - हानि-02:00 ए एम से 03:40 ए एम, नवम्बर 20*
*🍁लाभ - उन्नति_03:40 ए एम से 05:19 ए एम, नवम्बर 20 काल रात्रि*
*🍁उद्वेग - अशुभ-05:19 ए एम से 06:59 ए एम, नवम्बर 20*
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🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
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🌷 ..# 💐🍁🍁✍️ | ऋण मोचन गणपति ||.......❗️🍁🍁
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👉 🍁 || ऋण मोचन गणपति ||
अर्थशास्त्र की प्रधानता वाले विश्व में आज सभी कोई ऋण से परेशान है। सभी पे किसी न किसी प्रकार का ऋण रह ही जाता है। और आर्थिक ऋण का क्या कहना ? बड़े शहर के घर से ले कर विद्या ( हायर एजुकेशन) और बीमारियो के इलाज तक हम सभी को उधार पैसा ले कर ही जीवन यापन करना पड़ता है। इसमें कोई अपवाद नहीं है, आप हो या मैं स्वयं या फिर बाहरी शान शौकत दिखाने वाले लोग भी इसमें शामिल है। या शायद वो हम से ज्यादा ऋण में दबे होते है।
गणपति संप्रदाय, और श्री गणपति साधना जो की श्री विद्या साधना का प्रमुख और इकलौता द्वार भी है, वह आर्थिक ऋण के अलावा अन्य कई ऋणों को भी खत्म करने के पश्चात ही साधना और तंत्र मार्ग में प्रवृत्त होने का ज्ञान देता है। जाहिर सी बात है अगर आप के मन में चिंता, भय और ऋण का टेंशन हो तो आप का ध्यान कैसे स्थिर रहेगा !! आपके मन में सकारात्मक विचार कैसे जन्म लेंगे जब आप पैसे, पितृ ऋण और अपराधबोध से लड़ रहें हो ??
हां आपने सही पढ़ा !! पितृ ऋण, अपराधबोध ( गिल्ट ) या निष्फल्ता या भूतकाल में की गई गलतियां या अन्याय भी एक प्रकार का ऋण ही है। उसको हटाए बिना आप साधना, या सकारात्मकता के मार्ग में चल नहीं सकेंगे !! तब आते है, "श्री ऋणमोचन गणपति"। जिनके मात्र प्राकट्य से सभी ऋणों के सम्पत होने का मार्ग खुलता है। पितृऋण हो या आर्थिक ऋण आपको इसके समाप्त होने के लिए बिल्कुल प्रयास करने पड़ते है,लेकिन बिना सही मार्ग के सारे प्रयास निष्फल ही है। तो यहां श्री ऋणहर गणपति आपको आगे का मार्ग दिखाते है।
|| श्वेत शुभ संगेमरमर सा जिनका रंग है, और शुभ्र हस्ती दंत को हाथ में धारण किए है, जो की आपकी नियति को नए से लिखने का संकल्प है, हाथों में गुलाब रंगी सेब के फल को दिखाया जाता है, जो की पुरुषार्थ के पश्चात का फल है, और अंकुश और पाश धारण कर के श्री गणपति अपनी इच्छाओं पे काबू करने को सुचाते है, और पाश से आपके अपराधबोध, गिल्ट और गलतियों की असर को संपत करने के और इशारा करते है। यह इनका शुभ रूप आप प्रात स्मरण करें और श्री गणपति से अपने ऋणों को हटाने का वर मांगे। आपका कल्याण हो 🙏
- उच्छिष्ट गणपति पीठ।
( असह्य आर्थिक ऋण अगर किसी पे हो उनको प्रात काल में श्री ऋणमुक्तेश्वर गणपति स्त्रोत या उनके मंत्रो का जाप करना चाहिए, और नए सिरे से पुरुषार्थ करने का प्रयास करना चाहिए, उनके स्त्रोत और मंत्र सभी लोग कर सकते है, सामान्य विधि अगले भाग में प्रस्तुत करेंगे) ख्याल रखें ईश्वर आपको मार्ग देते है, आपकी सहायता करते है, बिना आपकी इच्छा शक्ति, और पुरुषार्थ आप कभी भी विजय को प्राप्त नही कर सकते है, मात्र साधना या स्त्रोत पढ़ने से रंक से राजा नही बना जाता, उसके लिए राजा की एटीट्यूड होना या उसको अपने आप में निर्माण करना आवश्यक है।
🌼 ।। जय श्री कृष्ण ।।🌼
💥।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱







