*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक - 11 अगस्त 2025*
*🎈 दिन - सोमवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈तिथि - द्वितीया 10:33:04 पीएम तक तत्पश्चात् तृतीया*
*🎈नक्षत्र - शतभिष 12:59:15 रात्रि तत्पश्चात् पूर्वभाद्रपदा *
*🎈योग - अतिगंड 21:32:30* तक तत्पश्चात् सुकर्मा*
*🎈 करण - गर 10:33:03 रात्रि तत्पश्चात् विष्टि भद्र*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- दोपहर 07:43 से सांय 09:23 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - कुम्भ *
*🎈 सूर्य राशि - कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:05:00am*
*🎈सूर्यास्त - 07:13:51pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से प्रातः 05:21 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:14 पी एम से 01:06 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:19 ए एम, अगस्त 12 से 01:02 ए एम, अगस्त 12 तक*
*🎈अमृत काल 04:14 ए एम, अगस्त 12 से 05:46 ए एम, अगस्त 12*
*🎈विशेष - भाद्रपद की दूज को दही और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन मांस, मदिरा, बैंगन, और नारियल का तेल भी नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
अमृत-06:05 -07:44शुभ*
काल-07:44-09:23 अशुभ*
शुभ-09:23 - 11:01शुभ*
रोग-11:01-12:40अशुभ*
उद्वेग-12:40 -14:19 अशुभ*
चर-14:19-15:57शुभ*
लाभ-15:57-17:36 शुभ*
अमृत-17:36-19:15शुभ*
*🛟चोघडिया, रात्रि🛟*
चर-19:15 -20:36शुभ*
रोग-20:36 - 21:58 अशुभ*
काल-21:58 - 23:19-अशुभ*
लाभ-23:19-24:40*शुभ*
उद्वेग-24:40*- 26:02*अशुभ*
शुभ-26:02* -27:23*शुभ
अमृत-27:23* --28:45*शुभ*
चर-28:45* --30:06*शुभ*
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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
🔥#कामदेवता। हमारी इच्छाओं का स्वामी। हमारे लिये
साहसपूर्वक समर में कूद पड़ने वाला अमित शक्ति
से सम्पन्न योद्धा। उत्साह और उमंग से भरा हुआ है
यह देवता। जितना उग्र, उतना ही कोमल। काम ही
हमें ओज देता है, आयु देता है।अपनी तेजस्विता से
हमारा जीवन आलोकित करता रहता है यह काम।
आइए। अथर्ववेदीय ब्रह्मा ऋषि के इन पाँच मंत्रों से
कामदेवता के प्रति प्रणाम निवेदित करें।
🍂 कामस्तदग्रे समवर्तत
मनसो रेतः प्रथमं यदासीत्।
स काम कामेन बृहती सयोनी
रायस्पोषं यजमानाय धेहि।।
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अथर्ववेद: 19.6.52.1.
हे काम ! इस संसार में
सबसे पहले तुम ही आये।
विधाता के मन में उदित हुए तुम
और सर्वत्र व्याप्त हो गये।
तुम ही सृजन का बीज हो,
तुमसे ही यह लोक, यह जीवन।
हम आह्वान करते हैं- हे काम !
हमें तेज और बल प्रदान करो।।1।।
हे काम ! तुम्हारी प्रतिष्ठा
तुम्हारे साहस के कारण है।
तुम ही शासन करते हो हम पर,
तुम ही आलम्बन हो।
तुम रहते आये हो सखा भाव से,
प्रबल वेग से कर लेते हो
सबको अपने वश में।
हम आह्वान करते हैं- हे काम !
हमें ओज प्रदान करो।।2।।
हम कामना करते हैं कि
सब दिशाओं में सुख का साम्राज्य हो,
दूर-दूर से शुभ संदेश आएँ,
दुर्लभ समृद्धियों से भरा हो आंगन,
अक्षय सुख के कोश भरे हुए हों।।3।।
हे काम ! हमारी मंगल कामनाओं में
तुम आसन लगा कर बैठो।
तुम्हारे हृदय से उठती हुई लहरें
हमारे हृदय में आकर फैल जाएँ।
कामनाओं से भरा हुआ मन दो
और मन की कामनाएँ पूरी कर दो।।4।।
हे काम ! जिस अभिलाषा से
हम तुम्हें अर्पित कर रहे हैं हवि,
वह पूर्ण हो।
आह्वान करता हूँ कि आओ,
हमें समृद्धि प्रदान करो।।5।।
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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