*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक - 15 अगस्त 2025*
*🎈 दिन शुक्रवार *
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈तिथि - सप्तमी 23:49:14 रात्रि तत्पश्चात् अष्टमी*
*🎈नक्षत्र - अश्विनी 07:34:59 रात्रि तत्पश्चात् कृत्तिका*
*🎈नक्षत्र -भरणी 30:04:53 तक*
*🎈योग - गण्ड 10:15:25 तक तत्पश्चात् वृद्वि🎈*
*🎈 करण - विष्टि भद्र 12:57:50* तत्पश्चात् बालव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- दोपहर 11:01 से सांय 12:39 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - मेष*
*🎈 सूर्य राशि - कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:07:24am*
*🎈सूर्यास्त - 07:11:13pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से प्रातः 05:23 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:13 पी एम से 01:06 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:18 ए एम, अगस्त 16 से 01:01 ए एम, अगस्त 16*
*🎈15 august 2025 परआपको गर्व और खुशी से भरे एक आनंदमय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ। आइए स्वतंत्रता की भावना का जश्न मनाएँ!
*🎈विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल नहीं खाना चाहिए, इसके अलावा, सप्तमी को खजूर भी नहीं खाना चाहिए.
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
चर-06:07-07:45 शुभ*
लाभ-07:45-09:23-शुभ*
अमृत-09:23-11:01-शुभ*
काल-11:01-12:39 अशुभ*
शुभ 12:39-14:17शुभ*
रोग-14:17-15:55 अशुभ*
उद्वेग-15:55-17:33 अशुभ*
चर-17:33-19:11शुभ*
*🛟चोघडिया, रात्रि🛟*
रोग-19:11 -20:33 अशुभ*
काल-20:33 -21:55अशुभ*
लाभ-21:55- 23:17शुभ*
उद्वेग-23:17-24:40*अशुभ*
शुभ-24:40* - 26:02* शुभ*
अमृत-26:02* --27:24*शुभ*
चर-27:24* --28:46*शुभ*
रोग-28:46* -30:08*अशुभ*
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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
🔥# 🌹🍁 #कलयुग मैं भाग्य बदलने के अचूक वैदिक उपाय दुर्भाग्य से सौभाग्य तक कैसे और क्या करे??
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यदि आप सच मै परेशान है तो करो ,आलस न करो, होता क्या है लोग पढ़ लेते है पर टाइम की कमी या आलस या कोई और रीजन से करते नहीं है और भाग्य को कोसते रहते है ऐसा न करे, करके देखिए लाभ मिलेगा पूर्ण आस्था से ।।
कलियुग में जीवन संघर्षमय हो गया है। कई बार मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती, धन आते-आते रुक जाता है, विवाह में बाधाएँ आती हैं, और पारिवारिक जीवन में शांति भंग हो जाती है। लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि भाग्य को बदला जा सकता है! श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं:
सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।
अर्थात् सुख-दुःख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान मानकर कर्म करो, यही धर्म है और यही भाग्य निर्माण का मार्ग है।
लेकिन, सिर्फ कर्म करने से ही भाग्य नहीं बदलता, जब तक हम आध्यात्मिक और वैदिक उपायों को अपने जीवन में लागू नहीं करते। तो आइए जानते हैं वे अद्भुत उपाय, जो कलियुग में हमारे भाग्य को पूरी तरह बदल सकते हैं।
1. सूर्य उपासना – दुर्भाग्य मिटाने का अचूक उपाय
हर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गुड़, लाल फूल और चावल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। साथ ही यह मंत्र 108 बार जपें:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
सूर्यदेव की कृपा से जीवन में आत्मबल, मान-सम्मान और सफलता प्राप्त होती है ।।
2. हनुमान जी की भक्ति – दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने का रामबाण
कलियुग में हनुमान जी की आराधना सबसे प्रभावी मानी गई है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें और यह शाबर मंत्र 21 बार जपें:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्
यदि शनि, राहु, केतु या मंगल ग्रह प्रतिकूल हैं, तो हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें और बजरंग बली को सिंदूर, चमेली का तेल और गुड़-चना अर्पित करें।
3. महामृत्युंजय मंत्र जप – संकटों से मुक्ति का उपाय
यदि किसी भी प्रकार का संकट या जीवन में कोई बड़ी बाधा हो, तो भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
🔱 महादेव की कृपा से समस्त रोग, भय, नकारात्मकता और दुर्भाग्य का अंत हो जाता है।
4. धन वृद्धि के लिए लक्ष्मी साधना
यदि भाग्य आर्थिक रूप से कमजोर है और धन का अभाव बना रहता है, तो हर शुक्रवार को माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। घर में शंख, गोमती चक्र और सफेद कौड़ियाँ रखें और यह मंत्र जपें:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
इसके अलावा, हल्दी से माता लक्ष्मी के चरण चिह्न घर में बनाना अत्यंत शुभ होता है।
5. पितृ दोष और ग्रह बाधा निवारण के लिए पितृ तर्पण
कई बार भाग्य पर बुरा प्रभाव हमारे पितरों के अशांत होने से पड़ता है। प्रत्येक अमावस्या को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और यह मंत्र बोलें:
ॐ पितृभ्यः नमः
पितरों की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
6. भाग्य जागरण के लिए गीता का पाठ
यदि जीवन में कोई भी कार्य सफल नहीं हो रहा, तो प्रतिदिन श्रीमद्भगवद्गीता का 12वां और 15वां अध्याय पढ़ें। यह अध्याय मन को सकारात्मकता देते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं।
7. बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचने के उपाय
हर शनिवार को काले तिल और सरसों के तेल का दान करें।
अपने घर के मुख्य द्वार पर गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें।
नजर दोष से बचने के लिए शनिवार को 7 प्रकार के अनाज कौवों को खिलाएँ।
संत तुलसीदास जी कहते हैं:
"करम प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करइ सो तस फल चाखा।।"
अर्थात् यह संसार कर्मों पर टिका हुआ है, जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है।
कलियुग में भाग्य बदलने के ये अचूक वैदिक उपाय जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति लाने में सहायक होते हैं। इन उपायों को नियमित रूप से अपनाकर आप अपने जीवन को पूर्णतः बदल सकते हैं।
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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