*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक - 17 अगस्त 2025*
*🎈 दिन - रविवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈 तिथि - नवमी शाम 07:23:45 रात्रि तक तत्पश्चात् दशमी*
*🎈 नक्षत्र - रोहिणी 03:16:31am अगस्त 18 तक तत्पश्चात् मृगशीर्षा*
*🎈 योग - व्याघात 01:39:02 रात्रि तक, तत्पश्चात् ध्रुव प्रातः 04:27:04 अगस्त 17 तक, तत्पश्चात् हर्शण*
करण- तैतुल 08:28: 01 तक पश्चात वणिज*
*🎈 राहुकाल - सुबह 05:32 से सुबह 07:09 तक ( नागौर राजस्थान के मानक समयानुसार)*
*🎈 सूर्योदय - 06:08:23*
*🎈 सूर्यास्त - 07:09:24 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त नागौर राजस्थान के मानक समयानुसार)*
*🎈 चन्द्र राशि - वृषभ *
*🎈 सूर्य राशि - सिंह *
*🎈 दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈 ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से प्रातः 05:23 तक (नागौर राजस्थान के मानक समयानुसार)*
*🎈 अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:05*
*🎈 निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17अगस्त 18 से रात्रि 01:01 अगस्त 18 तक ( नागौर राजस्थान के मानक समयानुसार)*
*🎈 व्रत पर्व विवरण - गोगा नवमी गोगाजी के सम्मान में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। किंवदंतियों के अनुसार, गुगा एक शक्तिशाली राजपूत राजकुमार थे जिनके पास विषैले साँपों को नियंत्रित करने की अलौकिक शक्तियाँ थीं। इस दिन अनुष्ठानों के एक भाग के रूप में उनकी कहानियों के विभिन्न संस्करण सुनाए जाते हैं। कुछ कहानियों में उनके दिव्य जन्म, उनके विवाह, पारिवारिक जीवन, युद्धों, साँप के काटने पर उपचार की उनकी अद्भुत कला और पृथ्वी से उनके अंतर्ध्यान होने का वर्णन है। हिंदुओं का मानना है कि इस दिन उनकी पूजा करने से उन्हें साँपों और अन्य बुराइयों से सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा, एक लोकप्रिय मान्यता यह भी है कि भगवान गुगा बच्चों को सभी प्रकार की विपत्तियों से बचाते हैं। इसलिए विवाहित महिलाएँ गोगा नवमी पर पूजा करती हैं और अपने बच्चों की भलाई और दीर्घायु के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं। कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएँ भी इस दिन संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।*
*🎈 विशेष - नवमी को लौकी, बैंगन, प्याज, लहसुन, और मांस-मदिरा जैसी तामसिक या वर्जित चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
उद्वेग- 06:08-07:46अशुभ*
चर-07:46- 09:24 शुभ*
लाभ-09:24-11:01शुभ*
अमृत-11:01-12:39 शुभ*
काल-12:39-14:17अशुभ*
शुभ-14:17-15:54 शुभ*
रोग-15:54-17:32 अशुभ*
उद्वेग-17:32 -19:09अशुभ*
*🛟चोघडिया, रात्रि🛟*
शुभ-19:09 20:32 शुभ*
अमृत-20:32-21:54शुभ
चर-21:54 23:17शुभ*
रोग-23:17 24:39*अशुभ*
काल-24:39* -26:02*अशुभ*
लाभ-26:02* -27:24*शुभ
उद्वेग-27:24* --28:46*अशुभ
शुभ-28:46* -30:09*शुभ
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🍁।। गोगा नवमी आज।।🍁🌻
17 अगस्त को मनाई जाएगी गोगा नवमी, जानें महत्व
गोगा नवमी पश्चिमी राज्यों में मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन गोगा देव की पूजा की जाती है। हालांकि, यह 9 दिनों तक चलने वाला पर्व है। इनकी पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है।
गोगा नवमी के महत्व की बात करें तो यह राजस्थान का लोक पर्व है, जिसे वहां की स्थानीय भाषा में गोगा नवमी कहते हैं। यह पर्व हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गोगा देव के पास नागों को वश में करने की शक्ति थी। ऐसे में जो भी व्यक्ति उनकी साधना करता है, उसे सांपों से डर नहीं लगता और ना ही उसके डसने की कोई स्थिति बनती है। इस पूजा को करने से सर्प दोष भी दूर हो जाते हैं, साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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