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शिक्षकों की मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) का राज्य व्यापी आंदोलन के तहत कलेक्टर को दिया ज्ञापन


*शिक्षकों की मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) का राज्य व्यापी आंदोलन के तहत कलेक्टर को दिया ज्ञापन*

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शिक्षक संगठन रेसला लगातार ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक व्याख्याताओ की मांगों के संबंध में आग्रह कर रहा है लेकिन लंबे समय से उनकी मांगों पर राज्य सरकार द्वारा सकारात्मक रूख नहीं अपनाकर शिक्षकों के साथ बेरूखी का व्यवहार किया जा रहा है जिससे आहत होकर संगठन ने राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। 

नागौर ज़िलाध्यक्ष पवन माँजू ने बताया कि इसी क्रम में आज  जिला मुख्यालय पर ज्ञापन दिया गया जिसके अंतर्गत जिला कलक्टर के नाम अतिरिक्त जिला कलक्टर चम्पालाल जीनगर को 
ज्ञापन दिया गया जिसमे पूरे नागौर जिले के व्याख्याता सम्मिलित हुए 

नागौर ब्लाक अध्यक्ष 
मेघाराम ताडी का कहना है कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 5000 से ज्यादा विद्यालय क्रमोन्नत किये गए हैं लेकिन तीन वर्षों से व्याख्याताओं के पदों का सृजन नहीं किया जा रहा जिससे हर महीने हजारों व्याख्याताओं के वेतन व्यवस्था अन्य विद्यालय से करने के कारण परेशानी हो रही है। 

नागौर ब्लाक मन्त्री पृथ्वीराज भादू ने बताया कि राज्य सरकार ने उप प्राचार्य का पद समाप्त कर वरिष्ठ व्याख्याता पदनाम से एक नया पद‌ सृजित करने की घोषणा की है जिसका व्याख्याताओ में आक्रोश है क्योंकि L -14 का पद होने से व्याख्याताओं को इसका कोई वित्तीय लाभ नहीं है व विभागीय ढांचे में एक अतिरिक्त पदनाम की कोई आवश्यकता नहीं है। व्याख्याता की पूर्व की भांति प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की जाये या उप्रधानाचार्य पद पर शीघ्रता शीघ्र डीपीसी की जाय 

नागौर ब्लाक के 
पूर्व रेसला अध्यक्ष शिवनारायण फिडौदा ने बताया कि 
तीन - तीन वर्षों की विभिन्न कैडर की पदोन्नति लंबित चल रही है 
🔖 उप प्राचार्य की वर्ष 2023-24, 2024-25 
🔖प्राचार्य पद पर 2025-26 
🔖व्याख्याता पद पर 2023-24, 2024-25, 2025-26  

की डीपीसी बकाया है। इस तरह शिक्षा विभाग में राजपत्रित सेवा (व्याख्याता, उप प्राचार्य व प्राचार्य) के लगभग 30,000 पद डीपीसी से भरे जाने हैं। इन पदों पर डीपीसी के अभाव में विद्यालयों का शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहा है। 
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अतः शीघ्र डीपीसी की जाए

व्याख्याता दुर्गाराम माँजू 
ने बताया कि डीपीसी के बाद काउंसलिंग नहीं होने से 4242 प्राचार्य यथास्थान कार्य ग्रहण कर पदस्थापन के इंतज़ार में है। नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू होकर प्रवेशोत्सव समापन की ओर है लेकिन इन प्राचार्यों को पदस्थापन नहीं देने से नामांकन पर भी प्रभाव पडेगा। विद्यालयों में समस्त प्रशासनिक कार्यों व पीईईओ क्षैत्र में बिना प्राचार्य के विद्यालय प्रभावित हो रहें हैं। 
और उनके रिक्त पद होने पर शीघ्र उपप्रधानाचार्य पद पर डीपीसी की जाय 

व्याख्याता संग्राम गोदारा का कहना है कि सरकार और निदेशालय स्तर पर शिक्षकों की लंबित मांगों के संबंध में अनेक बार ज्ञापन देने, धरना देने के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया अत: चरणबद्ध 19 अगस्त को सभी उपखंड कार्यालय, 20 अगस्त को सभी जिला कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन दिया जा रहा है। 21 अगस्त बीकानेर शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया जायेगा और फिर मांगे नहीं माने जाने पर विधानसभा सत्र के दौरान रैली कर धरना दिया जायेगा। 

व्याख्याता पोकरराम ने कहा कि 
विद्यालयों में समस्त रिक्त पदों पर सरकार शीघ्र डीपीसी करें। नव क्रमोन्नत विद्यालयों में पद सृजन करें। 

व्याख्याता चन्द्रप्रकाश विश्नोई का कहना है कि सरकार व निदेशालय हठधर्मिता कर रहे हैं। पदोन्नतियों में बेवजह देरी की जा रही है। उप प्राचार्य डीपीसी के लिए शीघ्र आपत्ति निस्तारण कर पदोन्नति की जाये, 4242 प्राचार्यों को शीघ्र पदस्थापन जारी करें। वरिष्ठ व्याख्याता पद को समाप्त किया जाये। मांगों पर सकारात्मक रूख नहीं रहा तो जयपुर विधानसभा पर धरना दिया जायेगा।
ज्ञापन देने नागौर ज़िलाध्यक्ष पवन माँजू 
नागौर ब्लाक अध्यक्ष मेघाराम ताडी 
नागौर ब्लाक मन्त्री पृथ्वीराज भादू 
पूर्व नागौर ब्लाक अध्यक्ष शिवनारायण फिडौदा, व्याख्याता दुर्गाराम माँजू,
व्याख्याता संग्राम गोदारा, 
व्याख्याता पोकरराम, 
व्याख्याता चन्द्रप्रकाश विश्नोई,
व्याख्याता विनायक लखारा
सहित अनेक व्याख्याता कलेक्ट्रेट पहुंचे
 
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