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पंचांग - 04-08-2025

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

jyotis



*🎈 दिनांक - 04 अगस्त 2025*
*🎈 दिन - सोमवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - श्रावण*
*🎈 पक्ष - शुक्ल*
*🎈तिथि - दशमी    11:41:14 तक तत्पश्चात्  एकादशी*
*🎈नक्षत्र -     अनुराधा    09:11:36 तत्पश्चात्     ज्येष्ठा तक*  
*🎈योग - ब्रह्म    07:03:41 तक तत्पश्चात् ऐन्द्र*
*🎈 करण    -    गर    11:41:14 तत्पश्चात् विष्टि भद्र*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग  है- सुबह 07:42 से  सांय 09:21 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि -     वृश्चिक*
*🎈 सूर्य राशि -       कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:01:49*
*🎈सूर्यास्त - 07:20:09 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 

*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:35 से प्रातः 05:18 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:20 ए एम, अगस्त 05 से 01:03 ए एम, अगस्त 05 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 

*🎈व्रत पर्व विवरण - श्रावण सोमवार व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग (सुबह 06:12 से सुबह 09:12 तक)*
*🎈विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
       सूर्योदय के अनुसार।

अमृत 06:02 - 07:42 शुभ*
काल 07:42-09:21अशुभ*
शुभ 09:21-11:01शुभ*

रोग  11:01- 12:41अशुभ

उद्वेग 12:41- 14:21 अशुभ*

चर 14:21 - 16:01 शुभ*

लाभ 16:01-17:40 शुभ*

अमृत 17:40 -19:20 शुभ*
  
   *🔵चोघडिया, रात🔵*

चर. 19:20 - 20:40 शुभ*

रोग 20:40 - 22:01 अशुभ*

काल  22:01 23:21अशुभ*

लाभ. 23:21-24:41 शुभ*

उद्वेग  24:41* - 26:02*अशुभ

शुभ   26:02* -27:22* शुभ

अमृत 27:22* --28:42*शुभ

चर  28:42* -30:02*शुभ

kundli


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♦️एकादशी व्रत के लाभ♦️

*♦️ एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

*♦️ जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*♦️ जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*


*♦️पूजा में आंखें बंद या मन को एकाग्र कर कैसे सफल हो♦️

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*🌹*🌹पूजा में आंखें बंद करके ही क्यों किया जाता है मंत्रों का जाप?🌹*
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*🪴पूजा-पाठ और मंत्र जाप भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं. जब भी हम मंदिर में जाते हैं या घर पर पूजा करते हैं, तो एक बात सामान्य रूप से देखने को मिलती है. भक्त आंखें बंद करके मंत्रों का उच्चारण करते हैं. परंतु क्या कभी आपने सोचा है कि आंखें बंद क्यों की जाती हैं? क्योंकि यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि इसके पीछे गहन वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण छिपे हुए हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं.*

*🐦‍🔥आंतरिक ध्यान की ओर ले जाता है*
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मंत्र जाप का प्राथमिक उद्देश्य मन को एकाग्र करना और उसे बाहरी विचलनों से मुक्त करना है. जब हम अपनी आंखें बंद करते हैं, तो हम दृश्य उत्तेजनाओं को काफी हद तक कम कर देते हैं. हमारी आंखें आसपास के वातावरण से लगातार जानकारी प्राप्त करती रहती हैं, और ये दृश्य अक्सर मन को भटकाने का काम करते हैं. आँखें बंद करने से हम इन बाहरी उत्तेजनाओं से कट जाते हैं, जिससे मन को शांत करना और उसे केवल मंत्र की ध्वनि और उसके अर्थ पर केंद्रित करना आसान हो जाता है. यह आंतरिक ध्यान को गहरा करने में मदद करता है.

*🪔ईश्वर के साथ आत्मिक संबंध*
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मंत्र जाप केवल उच्चारण मात्र नहीं है, यह एक साधना है. आंखें बंद करने से व्यक्ति अपने आसपास की दुनिया को भूलकर ईश्वर के साथ गहराई से जुड़ पाता है. यह स्थिति *•‘एकाग्रता’* और *•‘भक्ति’* दोनों को मजबूत करती है.

*⚜️बाहरी हलचल से बचाव*
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जब आंखें खुली रहती हैं तो आसपास की हलचल या दृश्य हमारे ध्यान को भंग कर सकते हैं. आंखें बंद कर लेने से इन सब हलचलों से बचा जा सकता है और पूजा या मंत्र जाप अधिक प्रभावी होता है.

*🪔आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार*
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मान्यता है कि जब हम आंखें बंद करके पूजा करते हैं, तो हमारी चेतना अधिक सक्रिय होती है. इस अवस्था में मंत्रों की ध्वनि हमारे अंतर्मन में गहराई से उतरती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

*💚वैज्ञानिक दृष्टिकोण*

वैज्ञानिकों का मानना है कि आंखें बंद करने से मस्तिष्क की अल्फा वेव्स सक्रिय होती हैं, जिससे मन शांत होता है और तनाव कम होता है. इससे मंत्र जाप की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है.

*🪔प्राचीन ग्रंथों में भी उल्लेख*
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वेदों और उपनिषदों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मंत्र जाप मन, वाणी और आत्मा से होना चाहिए. आंखें बंद करके मंत्रों का उच्चारण करना इस सिद्धांत को पूर्णता देता है.

*🚩मंत्रों की ऊर्जा भीतर समाहित होती है*
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जब हम आंखें बंद करके मंत्रों का जाप करते हैं, तो वह ऊर्जा केवल बाहर नहीं, भीतर भी प्रवेश करती है. यह आत्मा को शुद्ध करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है.
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 

मो.- 8387869068
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
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