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पंचांग 02-08-2025

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

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*🎈 दिनांक - 02 अगस्त 2025*
*🎈 दिन - शनिवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - श्रावण*
*🎈 पक्ष - शुक्ल*
*🎈तिथि - अष्टमी सुबह 07:22:44 तक तत्पश्चात् नवमी*
*🎈नक्षत्र - विशाखा पूर्ण रात्रि तक*  
*🎈योग - शुभ प्रातः 06:33:59 अगस्त 02 तक तत्पश्चात् शुक्ल*
*🎈 करण    -    बव    07:22:44 तत्पश्चात् कौलव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग  है- सुबह 11:01 से दोपहर 12:41 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈चन्द्र राशि    -   तुला    till 23:51:27*
*🎈चन्द्र राशि -     वृश्चिक    from 23:51:27*
*🎈 सूर्य राशि -       कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:00:15*
*🎈सूर्यास्त - 07:22:13 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से प्रातः 05:17 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:20 ए एम, अगस्त 03 से 01:03 ए एम, अगस्त 03 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈व्रत पर्व विवरण - मासिक नवमी व्रत*
*🎈विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
       सूर्योदय के अनुसार।

चर.   06:00 - 07:41 शुभ*

लाभ. 07:41- 09:21 शुभ*

अमृत  09:21 - 11:01शुभ*

काल. 11:01- 12:41अशुभ*

शुभ   12:41- 14:21 शुभ*

रोग.   14:21 - 16:02 अशुभ*

उद्वेग  16:02 - 17:42 अशुभ*

चर     17:42 - 19:22 शुभ*

    *🔵चोघडिया, रात🔵*

रोग 19:22 - 20:42 अशुभ*

काल 20:42- 22:02 अशुभ

लाभ 22:02- 23:22 शुभ*

उद्वेग.23:22 - 24:42*अशुभ

शुभ  24:42* - 26:01*शुभ

अमृत 26:01* - 27:21* शुभ

चर 27:21* -28:41*शुभ

रोग 28:41* -30:01*अशुभ
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*🔹♦️सा विद्या परमा मुक्तेर्हेतुभूता सनातनी।
संसारबन्धहेतुश्च     सैव     सर्वेश्वरेश्वरी।।♦️

हमने महात्माओं की दुनिया में परिचर्चा की है, सत्संग किया है बात विचार किये हैं। आपका ज्ञान विज्ञान पोथी पुराण सब कुछ धुआं-धुआं हो गया है। 

हमने जब भी  बोला या लिखा है, लोगों ने इतना जरूर कहा है, हमने क्यों नहीं सोचा, हमारे दिमाग में क्यों नहीं आया। रुद्र प्रयाग में एक महात्मा ने मानस उठाकर गंगा में फेंक दी थी। आपको सुनकर बुरा लगा होगा। क्या है कि पचास की उम्र से नीचे के लोगों के लिए वास्तविक सत्य बना ही नहीं है। इन लोगों लिए व्यवहारिक सत्य है। लेकिन दोनों के फर्क को समझना आना चाहिए। पांच सौ रुपये का नोट है बाजार में चलता है, ये व्यवहारिक सत्य है, लेकिन वह है तो कागज का ही टुकड़ा, ये वास्तविक सत्य है। 

ये सत्य है की राम का चरित्र बहुत बड़ा है। इसे कई चीजें मिलकर बड़ा बनाते हैं। सीता राम के जीवन में आईं, उसके बाद राम और अयोध्या का क्या हुआ ये सब कुछ रामायण में मौजूद है। सनातनी इस पर चर्चा भी नहीं करना चाहता है।लेकिन यही वो बातें है जो राम को सत्य का दर्जा देतीं हैं। राम ने सत्य को कभी भी नकारा नहीं बल्कि उनका मुकाबला किया है। यही वो चीजें हैं, जो हममें से सभी लोगों को पालन करना चाहिए। लेकिन करेंगे नही।

विश्वामित्र राम के गुरु थे, और वशिष्ठ राम के कुल गुरु।विश्वामित्र वही व्यक्ति है जिन्होंने एक बार दूसरा ब्रह्मांड बनाने के बीज मुठ्ठी में उठा लिए थे। ब्रह्मा के रोकने पर रुके थे। अन्यथा नया ब्रह्मांड ही बना दिया था। वशिष्ठ जी भी वही व्यक्तित्व है जो द्वापर की जगह त्रेता को ले आए थे। द्वापर चल ही रहा था उसने 28 वर्ष पूरे किये थे, लेकिन वशिष्ठ जी ने अपने योग बल से समय चक्र बदल दिया था और द्वापर की जगह त्रेता ले आए थे। दोनों समर्थ लोग थे। राम का पूरा जीवन संघर्ष और अपमान से भरा हुआ है। विवाह के बाद ही कोई भी व्यक्ति, स्वायत्त सत्ता होता है, इससे पहले उसका नाम पिता के बाद लिया जाता है।

राम का विवाह के बाद से लेकर पूरा जीवन मृत्यु तक सब कुछ कैसा है हर सनातनी जानते है। राम कौन थे क्या थे, और क्या नहीं कर सकते थे, इसे भी हर लोग जानते है। राम का पूरा जीवन अपमान और संघर्ष से बना है, राम ने इसे जस का तस स्वीकार किया है। राम ने इस पीड़ा और अपमान से भरे जीवन को जिया भी है। राम ने कभी भी इसे बदलने की कोशिश नहीं की है। इसे कोई सनातनी नहीं देखता है।  राम के गुरु और कुल गुरु कितने समर्थ थे ये हम सब को ज्ञात है, लेकिन राम ने इनसे कभी कुछ नहीं कहा। ये बहुत बड़ी बात है। राम ने सभी कुछ स्वीकार किया है, प्रकृति के नियमों में कभी बाधा नहीं बने। राम ने व्यक्तिगत हित में कभी किसी मंत्र का उपयोग नहीं किया है। गृहस्थ को कैसा होना चाहिए ये राम ने जी कर दिखाया। इसलिए राम बड़े है। 

हम सभी तो गुरु बनाते ही इसलिए हैं क्योंकि मुसीबतों का रोना रो सकें। गुरु जी कुछ चमत्कार दिखाओ ये हर रोज का ही रोना है। जन्म और जीवन को नहीं बदला जा सकता है ये राम ने करके दिखाया। यदि हमारी आस्था धर्म के प्रति है तो जीवन जैसा मिला है उसे स्वीकार करना ये भी ईश्वर भक्ति ही है। लेकिन हमारी कोशिशें चलती रहती हैं, और भक्ति भी चलती रहती है।  फिर कहते हैं मंत्र काम नहीं करता है ? 

कर्म को बदले बिना न तो जन्म बदला जा सकता है और न ही जीवन। जो लोग भाग्य बदलने की बात कर रहे हैं, इस बात को ठीक से समझ लें मार्ग को व्यवधान रहित करना और भाग्य बदलना दो अलग परिस्थितियाँ हैं। भाग्य बिना कर्म को बदले नहीं बदला जा सकता है। आपने पहले से जैसा जीवन को प्रोग्राम कर रखा है, वो तो वैसा ही काम करेगा। अगर जीवन बदलना है तो पूरी प्रोग्रामिंग बदलनी होगी। जीवन कर्म से बना है, इसका अर्थ ही है, पहले से सब कुछ प्रोग्राम किया हुआ है। मार्ग को व्यवधान रहित करने के लिए किसी ब्राह्मण को बुला लें, ये इतना मुश्किल भी नहीं है। 

बस इस बात को ध्यान रखिए, गृहस्थ की धर्म यात्रा रुकना नही चाहिए।

तां दुर्गां दुर्गमां देवीं दुराचार विघातिनीम।
नमामि भवभीतो$हं  संसारार्णवतारिणिम।।
🙏🙏

कुछ ऐसा रहेगा अगस्त 2025: लग्न और राशि.....

मेष: गति बढ़ेगी। करियर में तेज़ी आएगी, लेकिन आवेगपूर्ण कदमों से बचें। पहचान मिल सकती है।

वृषभ: रिश्तों पर विचार करें। स्थिरता महत्वपूर्ण है। जोखिम भरे आर्थिक फैसले लेने से बचें।

मिथुन: शुरुआत में संचार संबंधी गड़बड़ियाँ होंगी। महीने के मध्य के बाद, रचनात्मकता और स्पष्टता वापस आएगी।
कर्क: परिवार से सुकून मिलेगा। भावनात्मक सुधार गहरा होगा। आगे चलकर वित्तीय प्रवाह बेहतर होगा।

सिंह: आपकी शक्ति का महीना। चुम्बकत्व बढ़ेगा। नई शुरुआत के लिए अनुकूल। ऊर्जा की रक्षा करें।

कन्या: करियर पर ध्यान केंद्रित होगा। प्रगति धीमी लेकिन ठोस होगी। स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
तुला: नए संपर्क नए रास्ते खोलेंगे। भावनाओं को तर्क के साथ संतुलित करें। बजट समझदारी से बनाएँ।

वृश्चिक: करियर में सफलता मिलेगी। भावनात्मक तीव्रता उच्च रहेगी। ऊर्जा का बुद्धिमानी से उपयोग करें।

धनु: यात्रा और शिक्षा से उन्नति होगी। आय के नए विचार चमकेंगे। ज़मीन से जुड़े रहें।
मकर: दीर्घकालिक लक्ष्यों को पुनः संरेखित करें। धैर्य फलदायी होगा। आंतरिक शक्ति प्रगति की ओर ले जाती है।

कुंभ: रचनात्मक विचारों का विस्तार होगा। साझेदारियाँ विकसित होंगी। भावनात्मक अतिरेक से बचें।

मीन: अंतर्ज्ञान प्रखर होगा। आध्यात्मिक विकास प्रबल होगा। धन के मामले में सावधान रहें।

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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
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