*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक -03 सितंबर 2025*
*🎈 दिन- बुधवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - शुक्ल*
*🎈तिथि - एकादशी रात्रि 04:21:25am तत्पश्चात् द्वादशी*
*🎈नक्षत्र - पूर्वाषाढा 11:07:29pm तक तत्पश्चात् उत्तराषाढा*
*🎈योग - आयुष्मान 04:16:08pm तक तत्पश्चात् सौभाग्य*
*🎈 करण - वणिज 04:12:17pm तक तत्पश्चात् बव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- 12:34 pm से 02:09 pm तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - धनु till 29:20:17*
*🎈चन्द्र राशि मकर from 29:20:17 *
*🎈सूर्य राशि - सिंह*
*🎈सूर्योदय - 06:16:18am*
*🎈सूर्यास्त - 06:51:59:pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से प्रातः 05:30 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:12 ए एम, सितम्बर 04 से 12:57 ए एम, सितम्बर 04*
*🎈अमृत काल 02:56 पी एम से 04:40 पी एम *
*🎈रवि योग -पूरे दिन*
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 सितम्बर 3, 2025, बुधवार 🎈*
*🎈लाभ - उन्नति-06:15 ए एम से 07:50 ए एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-07:50 ए एम से 09:25 ए एम*
*🎈काल - हानि-09:25 ए एम से 10:59 ए एम काल वेला
*🎈शुभ - उत्तम10:59 ए एम से 12:34 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल12:34 पी एम से 02:09 पी एम वार वेला*
*🎈उद्वेग - अशुभ 02:09 पी एम से 03:44 पी एम*
*🎈चर - सामान्य03:44 पी एम से 05:18 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति05:18 पी एम से 06:53 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈उद्वेग - अशुभ - 06:53 पी एम से 08:19 पी एम*
*🎈शुभ - उत्तम-08:19 पी एम से 09:44 पी एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-09:44 पी एम से 11:09 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-11:09 पी एम से 12:34 ए एम, सितम्बर 04*
*🎈रोग - अमंगल-12:34 ए एम से 02:00 ए एम, सितम्बर 04*
*🎈काल - हानि-02:00 ए एम से 03:25 ए एम, सितम्बर 04*
*🎈लाभ - उन्नति-03:25 ए एम से 04:50 ए एम, सितम्बर 04 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-04:50 ए एम से 06:16 ए एम, सितम्बर 04*
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🌹हमेशा हम राहु केतु के अशुभ प्रभावों के बारे में ही सुनते या पढ़ते आए हैं। लेकिन आपको बता दें कि राहु और केतु मिलकर किसी जातक की कुंडली में #राजयोग का निर्माण भी करते हैं।
🌹जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु की दशा शुभ होती है, तो जातक को शुभ #परिणाम प्राप्त होते हैं।
🌹अगर राहु या केतु केंद्र में त्रिकोण के स्वामी के साथ विराजमान होता है, तो राहु केतु #राजयोग बनता है।
वहीं अगर राहु #केंद्र या #त्रिकोण के स्वामी के साथ एकादश भाव में स्थित हो और यही संबंध राहु के स्थान पर केतु से बन रहे हो, तब राहु केतु #राजयोग बनता है
🌹जब राहु या केतु केंद्रीय त्रिकोण में अन्य किसी स्थान में विराजमान हो और कुंडली के #केन्द्रेश एवं #त्रिकोणेश दोनों से संबंध हो, तो राहु केतु राजयोग बनता है।
🌹🌹अशुभ राहु केतु के कुछ सामान्य लक्षण
🌹मानसिक तनाव और चिंता.
आर्थिक नुकसान और धन की कमी.
परिवार में कलह और झगड़े.
अचानक होने वाली घटनाएं और दुर्घटनाएं.
बुरी लत, जैसे शराब और तंबाकू.
निर्णय लेने में कठिनाई.
रिश्तों में कड़वाहट.
डरावने सपने आना.
🌹केतु के लक्षण:
शारीरिक कमजोरी और दर्द.
चर्म रोग.
जोड़ों में दर्द.
नसों में कमजोरी.
अचानक चोट लगना या घाव होना.
कुत्ते का काटना.
अपने ही लोगों से धोखा मिलना.
कम सुनाई देना.
घर में कलह.
संतान का विरोधी होना.
👉👉जिस जातक की कुंडली में राहु की दशा सही नहीं है, उस जातक को ॐ रां राहवे नमः मंत्र का रोजाना जाप करना चाहिए।
👉👉वही रोजाना पक्षियों को बाजरा खिलाना चाहिए। इससे राहु की दशा सही हो जाती है।
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🌹 #vastu_tips
#दक्षिण_मुखी_घर_का_मुख्य_द्वार_सही_पद_पर_हो_और_घर_वास्तु_के_अनुसार_बना_हुआ #हो_तो_घर_में_किसी_प्रकारकी_समस्या_नहीं_होती_है
#जानें_वास्तु_शास्त्र_के_अनुसार_दक्षिण_मुखी_घर_शुभ_है_या_अशुभ ?
By Pandit Mohandas Sharma 092573 23913
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नमस्कार मित्रों वास्तु शास्त्र का पहला नियम आप जिस घर में रह रहे हैं यदि उसे घर में वास्तु दोष होने के बावजूद भी आपको वस्तु से संबंधित समस्याएं उत्पन्न नहीं हो रही है तो आपको आपके घर के वास्तु दोष चेक करवाने की जरूरत नहीं है
नमस्कार मित्रों कई बार मेहनत और जतन से बनाया हुआ घर लोगों को फलता नहीं है। इसकी वजह है घर को वास्तु शास्त्र के अनुसार ना बनाना और घर की दिशा गलत होने के कारण जातक को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जानिए क्या होता है वास्तु शास्त्र ?
वास्तु शास्त्र भारतीय ज्योतिष विद्या का ही एक अंग है जिसमें मकान, दफ़्तर अथवा कार्यालय को सही ढंग से बनाने के नियम दिये गये हैं। ज्योतिष शास्त्र में वास्तु नियमों को ध्यान में रखते हुए घर खरीदने या बनवाने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। वास्तु शास्त्र के अंतर्गत दिशा, घर का मुख्य द्वार, बेडरूम तथा रसोई का स्थान आदि कई महत्वपूर्ण पहलू होते हैं।
आइये जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा होना चाहिए घर
वास्तु शास्त्र
कौन सी दिशा में बना घर शुभ होता है ?
घर बनाते समय लोग दिशाओं को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन सी दिशा शुभ मानी जाती है और कौन सी अशुभ यह एक गंभीर मुद्दा है। ऐसे में कई लोगों का प्रश्न रहता है कि दक्षिण मुखी मकान शुभ या अशुभ होता है ? मान्यता है कि दक्षिण मुखी घर अशुभ फल देता है। परंतु यह पूरा सच नहीं है। यदि दक्षिण दिशा में वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हुए घर बनाया जाए, तो नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं। और दक्षिण मुखी घर भी शुभ फल देने वाला होता है
दक्षिण मुखी घर
वास्तु के अनुसार दक्षिण मुखी घर के होते हैं, जिसका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर होता है। दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में स्थित होता है। और मान्यता है कि दक्षिण मुखी घर शुभ नहीं होता है, क्योंकि इससे वातावरण की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह नहीं बन पाता है। यदि आपका घर पहले से बना हुआ है और आपका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की तरफ है तो आप वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श करके अष्टधातु के अभिमंत्रित पिरामिड स्थापित कर सकते हैं जिससे आपको काफी फायदा मिलता है
दक्षिण मुखी घर
जानें क्या होते हैं दक्षिण मुखी घर के दोष ?
दक्षिण पश्चिम दिशा में घर बनाने से मानव को यह हानि हो सकती हैं –
व्यवसाय में अचानक भारी नुकसान हो सकता है। नकदी में बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य समस्याएं: आकस्मिक दुर्घटनाएं, पैर में चोट लगना आदि हो सकता है। अचानक तबीयत भी बिगड़ सकती है।
सामाजिक प्रतिष्ठा: पति-पत्नी के बीच झगड़े हो सकते हैं वैवाहिक जीवन में खटास बनी रहेगी। संतान हानिकारक संगति में फँस सकती है जिससे समाज में मान-सम्मान कम होगा। यदि आपका घर दक्षिण मुखी है और यह स्थिति बन रही है तो किसी प्रकार के तोड़फोड़ की जरूरत नहीं है आप अच्छे वास्तु विशेषज्ञ से संपर्क कीजिए और उनकी सलाह के अनुसार कुछ अभिमंत्रित यंत्रों को स्थापित करने से आपके घर का वास्तु दोष दूर हो सकता है
दक्षिण मुखी घर को ठीक कैसे किया जा सकता है ?
वास्तु शास्त्र कहता है कि कोई भी घर खराब नहीं होता है। दक्षिण मुखी घर को भी यदि वास्तु योजना के अनुसार बनाया जाये तो वह शुभ हो सकता है। बस आवश्यकता है निर्माण के समय कुछ सावधानियां बरतने की। मित्रों यदि आपका घर पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण किसी भी फेसिंग का है पर घर बनाते समय वास्तु विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए
जानें दक्षिण मुखी मकान का वास्तु दोष कैसे दूर करें ?
दक्षिण मुखी घर में मुख्य दरवाजे के स्थान और डिजाइन को लेकर अत्यधिक सावधान रहना चाहिए।
प्रवेश द्वार के दोनों तरफ अभिमंत्रित अष्टधातु के ट्रिपल लेयर पिरामिड लगाने चाहिए। ऐसा करने से परिवार का वातावरण खुशनुमा रहता है और सदस्यों के बीच सामंजस्य बना रहता है।
जिस ज़मीन पर घर बना रहे हैं उसकी लंबाई और चौड़ाई को नौ बराबर भागों में बांटना चाहिए।
यदि दक्षिण मुखी घर का प्रवेश द्वार चौथे पद पर हो तो पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यदि मुख्य द्वार बहुत छोटा है, तो इसे बड़ा करने के लिए पद 3, 2 या 1 की ओर बढ़ा सकते हैं।
ध्यान रहे कि प्रवेश द्वार के लिए पांचवें से नौवें पद का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त मुख्य द्वार घर में सबसे बड़ा होना चाहिए।
घर का प्रवेश द्वार अंदर की ओर खुलना चाहिए। प्रवेश द्वार पर दहलीज अवश्य बनाना चाहिए। इससे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
दक्षिण मुखी घर में यदि जगह हो तो उत्तर दिशा की ओर एक अतिरिक्त प्रवेश द्वार बना सकते हैं।
दक्षिण मुखी घर की सुरक्षा के लिए रोग निवारण यंत्र
जब घर का प्रवेश द्वार दक्षिण पूर्व दिशा में होता है, तब घर की महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसका उपाय है – घर के मुख्य द्वार के सामने वाली दीवार पर रोग निवारण यंत्र लगाएं। इससे वास्तु दोष मिटता है परिवार की महिलाएं सुरक्षित रहती हैं।
रोग निवारण यंत्र
जानें दक्षिण मुखी घर में पूजा कक्ष के लिए वास्तु नियम
आइये जानते हैं पूजा घर के लिए वास्तु नियम –
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर में उत्तर-पूर्व भाग पूजा कक्ष बनाने के लिए उपयुक्त स्थान होता है। यदि घर में जगह कम है और अलग से पूजा कक्ष बनाना संभव नहीं है, तो लिविंग रूम के ही एक हिस्से में मंदिर बनाया जा सकता है।
जानें दक्षिण मुखी घर में मास्टर बेडरूम के लिए वास्तु नियम
आइये जानते हैं बेडरूम के लिए वास्तु नियम –
वास्तु शास्त्र के अनुसार मास्टर बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा को शुभ स्थान माना जाता है। यदि घर में कई मंजिलें हैं, तो मास्टर बेडरूम का निर्माण सबसे ऊपर की मंजिल पर किया जाना चाहिए।
बेडरूम के लिए वास्तु नियम
जानें दक्षिण मुखी घर में रसोई के लिए उपयुक्त स्थान
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रसोई बनाने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है दक्षिण-पूर्व दिशा। ध्यान रहे कि खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि रसोई घर में सूरज की रोशनी पड़े। रसोई घर बनाने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा भी उपयुक्त होती है। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि खाना बनाते समय आपका मुंह पश्चिम दिशा की ओर हो।
दक्षिण मुखी घर में कहाँ होना चाहिए बच्चों का कमरा ?
घर में बच्चों के बेडरूम का निर्माण उत्तर-पश्चिम भाग में होना चाहिए। इसके अतिरिक्त घर के दक्षिण या पश्चिम भागों का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसी दिशा में गेस्ट रूम यानि कि मेहमानों का कमरा भी बनाया जा सकता है।
बच्चों का कमरा
दक्षिण मुखी घर में सीढ़ी किस दिशा में बनाएं ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण प्रवेश घर में सीढ़ी दक्षिण कोने में बनाई जा सकती हैं
कहाँ करें दक्षिण मुखी घर में भूमिगत जल संग्रहण ?
दक्षिणमुखी घर के सामने कोई भूमिगत टैंक या बोरवेल नहीं बनाना चाहिए। घर में पानी और सेप्टिक टैंक बनाने के लिए ज्योतिष की सलाह लेनी चाहिए।
1. क्या होता है दक्षिण मुखी घर?
दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार दक्षिण की दिशा में बना होता है।
2. दक्षिण मुखी मकान शुभ या अशुभ होता है?
ज्योतिष शास्त्र के दक्षिण मुखी घर अशुभ माना गया है। परंतु कुछ ज्योतिष उपाय से इन इन दोषों का निवारण किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके भवन निर्माण करने से दक्षिण दोष मिट जाता है।
3. क्या होते हैं दक्षिण मुखी घर के दोष ?
दक्षिण मुखी घर में रहने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें व्यवसाय में अकस्मात् नुकसान हो सकता है। हादसों में चोट लग सकती है और कोई गंभीर रोग भी हो सकता है। शादीशुदा जिंदगी में झगड़े हो सकते हैं और समाज में मान-सम्मान कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
4. बेडरूम के लिए वास्तु नियम क्या हैं?
मास्टर बेडरूम हमेशा घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है।
5. क्या है घर में पूजा घर के लिए वास्तु नियम?
घर की उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा कक्ष बनाना चाहिए। यह वास्तु की दृष्टि से शुभ होता है। ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है।
नमस्कार मित्रों ज्योतिष और वस्तु से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए आप हमारे यहां नि संकोच संपर्क कर सकते हैं
नमस्कार मित्रों यदि आपका घर बना हुआ है और वस्तु से संबंधित समस्याएं आ रही है तो आप अपने घर का नक्शा हमारे व्हाट्सएप पर भेज कर मात्र ₹500 मैप रीडिंग चार्ज में संपूर्ण घर के वस्तु की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और यदि कुछ वास्तु दोष पाया जाता है तो बिना तोड़फोड़ रेमेडीज की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं
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Mobile aur WhatsApp number 9257323913
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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