*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 दिनांक -07 सितंबर 2025*
*🎈 दिन- रविवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - भाद्रपद*
*🎈 पक्ष - शुक्ल*
*🎈तिथि - पूर्णिमा 23:37:41pm रात्रि तत्पश्चात्
प्रतिपदा *
*🎈नक्षत्र - शतभिष 21:40:17pm रात्रि तक तत्पश्चात् पूर्वभाद्रपदा*
*🎈योग - सुकर्मा 09:21:23am तक तत्पश्चात् धृति*
*🎈 करण - विष्टि भद्र 12:42:32 pm तक तत्पश्चात् बालव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- 05:14 pm से 06:48 pm तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - कुम्भ*
*🎈सूर्य राशि - सिंह*
*🎈सूर्योदय - 06:18:04am*
*🎈सूर्यास्त - 06:47:32:pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से प्रातः 05:31 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:08 पी एम से 12:55 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:10 ए एम, सितम्बर 08 से 12:56 ए एम, सितम्बर 08*
*🎈अमृत काल- 02:51 पी एम से 04:22 पी एम *
*🎈आज दूसरा पंचक है।
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 उद्वेग - अशुभ-06:17 ए एम से 07:51 ए एम*
*🎈 चर - सामान्य-07:51 ए एम से 09:25 ए एम*
*🎈 लाभ - उन्नति-09:25 ए एम से 10:59 ए एम*
*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-10:59 ए एम से 12:33 पी एम वार वेला*
*🎈 काल - हानि-12:33 पी एम से 02:07 पी एम काल वेला*
*🎈 शुभ - उत्तम-02:07 पी एम से 03:41 पी एम*
*🎈 रोग - अमंगल-03:41 पी एम से 05:15 पी एम*
*🎈 उद्वेग - अशुभ-05:15 पी एम से 06:49 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈शुभ - उत्तम-06:49 पी एम से 08:15 पी एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-08:15 पी एम से 09:41 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-09:41 पी एम से 11:07 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-11:07 पी एम से 12:33 ए एम, सितम्बर 08*
*🎈काल - हानि-12:33 ए एम से 01:59 ए एम, सितम्बर 08*
*🎈लाभ - उन्नति-01:59 ए एम से 03:25 ए एम, सितम्बर 08 काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-03:25 ए एम से 04:51 ए एम, सितम्बर 08*
*🎈 शुभ - उत्तम-04:51 ए एम से 06:17 ए एम, सितम्बर 08*
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🚩॥ पितृपक्ष 2025॥🚩
पितृपक्ष का शुभारंभ 7 सितंबर 2025 को हो रहा है इस दरम्यान किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा जल,दूध और तिल से पितरों का तर्पण उस तिथि को करें जिस तिथि में उनका निधन हुआ था उस दिन दोपहर के समय तर्पण करना शुभ माना जाता है,अगर तिथि याद न हो तो सर्व पितृ अमावस्या ( अमावस्या) 21/09/2025 को नीचे दिए गए मंत्र से करना चाहिए।
#मंत्र----- "ॐ पितृभ्यः स्वधयिभ्यः स्वाहा।।"
अथवा
"ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महामृत्युंजय धीमहि तत्रो पितृ प्रचोदयात।।"
पितरों का तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की कृपा की प्राप्ति होती है ,जिससे जीवन में सुख- शांति की प्राप्ति होती है।
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🌹|| *चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 रविवार*
🌷*आपके लिए कैसा रहेगा चंद्र ग्रहण जानिए अपनी राशि से।*
🌷*यह चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत, अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, आस्ट्रेलिया, एशिया, हिन्द महासागर, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर, रुस के कुछ भागों में, आइसलैंड के कुछ भागों में, अफ्रीका के पश्चिमी भागों में दिखाई देगा।*
🌷*भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ रात्रि 9 बजकर 57 मिनट से 1 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।*
🌷 *चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस स्थिति में सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाती और चंद्रमा काला दिखाई देने लगता है।*
🌷*7 सितंबर को दिखाई देने वाला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, इसलिए पूर्ण चंद्र ग्रहण में पूरा चंद्रमा काला या तांबे के रंग का लाल दिखाई देता है। इस बार ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से लाल दिखाई देगा।*
🌷*खगोल विज्ञान में इसे ब्लड मून कहा जाता है। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 2 सेकंड की रहने वाली है।*
🌷*सूतक काल क्या है?*🌷
🌷*सूतक काल ग्रहण शुरू होने से पहले का समय होता है, जिसमें पूजा-पाठ, खाना बनाना या शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। ग्रहण से पहले के अशुभ समय को सूतक काल कहा जाता है, लेकिन धार्मिक और शास्त्रीय दृष्टि से इस काल को महत्वपूर्ण माना जाता है।*
🌷*चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल रात 12:57 बजे से शुरू होगा।*
*चंद्र ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ: दोपहर 12:57 बजे*
*चन्द्र ग्रहण कहां दिखाई देगा?*
*भारत के अलावा, इसे इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी और इटली समेत यूरोप के कई देशों में देखा जा सकेगा। यह अफ्रीका के अधिकांश देशों, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।*
*सूतक काल के नियम*
*1- इस अवधि में बिना स्नान किए खाना-पीना, शौच-पेशाब करना और पूजा-पाठ करना वर्जित है।*
*2- गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।*
*3- धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दौरान जप, तप, पाठ और ध्यान बहुत फलदायी होते हैं।*
*4- भोजन पर तुलसी, कुश या दूर्वा के पत्ते रखने से वह ग्रहण के दोष से मुक्त रहता है।*
*ग्रहण समाप्ति के बाद महत्वपूर्ण बातें*
*1- चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।*
*2- घर में गंगाजल छिड़कें और देवी-देवताओं की पूजा करें।*
*3- चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष के पहले दिन है, इसलिए पूर्वजों के नाम पर दान अवश्य करना चाहिए।*
*चंद्र ग्रहण का आपकी राशि में पड़ने वाला प्रभाव और उसके उपाय।*
*मेष राशि, लाभ होगा , लेकिन सामाजिक बंधनों के तले दबाव महसूस करेंगे। ऊं नमः शिवाय का जप करें।*
*वृषभ राशि, सुख मिलेगा, किसी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति से टकराव हो सकता है, पार्टनर या पत्नी से विवाद, ऊं श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः का जप करें।*
*मिथुन राशि, मान-सम्मान में कमी, मानसिक बेचैनी एवं लोगों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें।*
*कर्क राशि, मृत्यु तुल्य कष्ट, भावनात्मक उथल-पुथल एवं अपने अंदर के डर से बचें। ऊं गं गणपतये नमः इस मंत्र का जप करें।*
*सिंह राशि, स्त्री पीड़ा, स्त्री का सम्मान करें, शांति बनाए रखें, महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।*
*कन्या राशि, सौभाग्य वर्धक, छुपे विरोधी सामने आ सकते हैं टकराव से बचें। ऊं हनु हनुमते नमः। इस मंत्र का जप करें।*
*तुला राशि, चिंता, प्रेम और सौहार्द बनाए रखें, ऊं क्लीं कृष्णाय नमः का जप करें।*
*वृश्चिक राशि, व्यथा, घर के माहौल में भावनात्मक उतार चढ़ाव या वाद विवाद हों सकता है संतुलन बनाए रखें। ऊं नमो नारायण नमः का जप करें।*
*धनु राशि, श्री प्राप्ति, भाई बहनों अथवा पड़ोसियों से विवाद से बचें, ऊं सरस्वत्यै नमः का जप करें।*
*मकर राशि, हानि, कोई बड़ा खर्च या बड़ी खरीददारी रोक दें, आर्थिक संतुलन बनाए रखें। ऊं श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः का जप करें।*
*कुंभ राशि, घात, गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें, सत्य के रास्ते चलें, ऊं नम: शिवाय का जप करें।*
*मीन राशि, हानि, भावनात्मक अलगाव, अधिक खर्च से बचें। ऊं बृं बृहस्पतये नमः इस मंत्र का जप करें।*
*आपका शरीर स्वस्थ्य रहे आप दीर्घायु हों आपका जीवन मंगलमय हो प्रभू की कृपा अनवरत आप पर बनी रहे।*
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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