*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 आश्विन,कृष्ण पक्ष, तृतीया
2082 कालयुक्त, विक्रम सम्वत 10 सितम्बर 2025 बुधवार पितृपक्ष प्रारम्भ, बुधवार श्राद्ध, आश्विन प्रारम्भ *
*🎈 दिनांक -10 सितंबर 2025*
*🎈 दिन- बुधवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास -अश्विन*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈 पक्ष -श्राद्ध *
*🎈तिथि एवं वार - तृतीया बुधवार 06:28:26pm रात्रि तत्पश्चात् चतुर्थी *
*🎈नक्षत्र - रेवती 16:02:09pm रात्रि तक तत्पश्चात् अश्विनी*
*🎈योग - वृद्वि 20:30:23 pm तक तत्पश्चात् ध्रुव*
*🎈 करण - विष्टि भद्र 15:37:15pm तक तत्पश्चात् बालव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- १२:३२ pm से ०२:०५ pm तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - मीन - 04:03 पी एम तक तत्पश्चात् मेष *
*🎈सूर्य राशि - सिंह*
*🎈सूर्योदय - 06:19:23am*
*🎈सूर्यास्त - 06:44:09:pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से प्रातः 05:32 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:09 ए एम, सितम्बर 11 से 12:55 ए एम, सितम्बर 11*
*🎈अमृत काल 01:51 पी एम से 03:19 पी एम*
*🎈आज पंचक 5
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*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 लाभ - उन्नति-06:18 ए एम से 07:52 ए एम*
*🔷 अमृत - सर्वोत्तम-07:52 ए एम से 09:25 ए एम*
*🔷 काल - हानि-09:25 ए एम से 10:58 ए एम काल वेला*
*🔷 शुभ - उत्तम-10:58 ए एम से 12:32 पी एम*
*🔷 रोग - अमंगल-12:32 पी एम से 02:05 पी एम वार वेला*
*🔷 उद्वेग - अशुभ-02:05 पी एम से 03:39 पी एम*
*🔷 चर - सामान्य-03:39 पी एम से 05:12 पी एम*
*🔷 लाभ - उन्नति-05:12 पी एम से 06:45 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈उद्वेग - अशुभ-06:45 पी एम से 08:12 पी एम*
*🔷 शुभ - उत्तम-08:12 पी एम से 09:39 पी एम*
*🔷 अमृत - सर्वोत्तम-09:39 पी एम से 11:05 पी एम*
*🔷 चर - सामान्य-11:05 पी एम से 12:32 ए एम, सितम्बर 11*
*🔷 रोग - अमंगल-12:32 ए एम से 01:59 ए एम, सितम्बर 11*
*🔷 काल - हानि-01:59 ए एम से 03:25 ए एम, सितम्बर 11*
*🔷 लाभ - उन्नति-03:25 ए एम से 04:52 ए एम, सितम्बर 11 काल रात्रि*
*🔷 उद्वेग - अशुभ-04:52 ए एम से 06:19 ए एम, सितम्बर 11*
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🚩*☀ #पितृ पक्ष☀*
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🔷 #पितृस्तोत्र!!
श्राद्धपक्ष में इसका पाठ करने से पितृदोष का निवारण होता है, जिससे व्यक्ति की कुंडली में मौजूद बुरे परिणाम समाप्त हो जाते हैं।पूर्वजों की आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने से उन्हें शांति मिलती है और वे परिवार की रक्षा करते हैं।
🌹 पितृस्तोत्र की तृप्ति से संतान के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।पितृस्तोत्र का पाठ करने से घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
श्राद्ध पक्ष में पितृस्तोत्र का नियमित पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
🌹।।पितृ स्तोत्र।।🌹
🌹अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् । नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ।। इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा । सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ।। मन्वादीनां च नेतारः सूर्याचन्दमसोस्तथा । तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।। नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा । द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलिः ।। देवर्षीणां जनिंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् । अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलिः ।। प्रजापतेः कश्पाय सोमाय वरुणाय च । योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलिः ।। नमो गणेभ्यः सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु । स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।। सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा । नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।। अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् । अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषतः ।। ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तयः । जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिणः ।। तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्यः पितृभ्यो यतामनसः । नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।
☀ #पितृपक्ष में पितरों की कृपा प्राप्त करने का प्रयोग!!☀
☀ पितृपक्ष में त्रयोदशी तिथि को यह प्रयोग करना है इस बर्ष् 19/09/2025 शुक्रवार को त्रयोदशी तिथि है।इसमें निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करना है
1.)दूध 100ग्राम या एक पैकिट
2.) गुड़। 100 ग्राम
3). शहद। 100 ग्राम
4.) शुद्ध घी 100 ग्राम
5). सफेद पेड़े 100 ग्राम
6). काले तिल 100 ग्राम
7.) गंगाजल 100 गाम या एक छोटी शीशी
8.) एक सफेद वस्त्र (धोती .रूमाल.तौलिया) कोईभी एक सफेद वस्त्र इच्छानुसार लें
9. दक्षिणा 11, या 21 रूपये
10).. एक या दो हरी पत्तल और सात हरे दोने
☀ सुबह नहाकर शुद्ध होकर घर में पूजा के कमरे या किसी भी साफ स्वच्छ कमरे या जगह पर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यह प्रयोग करना है।
पहले अगर रोज कोई पूजा करते हो तो पहले वो कर लें बाद में यह प्रयोग करें।प्रयोग के लिए पहले दूध को शक्कर और इलायची डालकर गरम करें फिर ठंडा होने पर पूजा में उपयोग करें।
☀ पहले गुरु गणेश इष्टदेव कुलदेव नवग्रह दस दिकपाल आदि का स्मरण कर नमन करें। दक्षिण दिशा की तरफ मुंह कर बैठे सामने हरी पत्तल और सात हरे दोने में ऊपर बताई सभी चीजें रखें दे शहद गुड शुद्ब घी काले तिल पेड़े गंगाजल और दूध सब दोनों में रखे गंगाजल शीशी सहित दोने में रख दें दूध भी किसी किसी बर्तन या शीशी में भरकर हरे दोने में रख दें सफेदवस्त्र हरीपतत्ल में रख दें और दक्षिणा भी, यह सब रखकर पितरों को स्मरण करें उनसे अपने से जाने अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा मांगे।
☀ और अपने और अपने परिवार की सुख शांति समृद्धि के लिए और अपने रोगनिवारण तथा उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।
ॐ सर्वपितृभ्यो नमः।
ॐ सर्वपितृभ्यो प्रं प्रसन्नो भव: ॐ।
ॐ पितृवंशाय विद्महे प्रपितामहाय च धीमहि तन्नो पितृ प्रचोदयात्।
इन मंत्रो को कम से कम 11 या 21बार पढ़ें
☀ पितरों की अधिष्ठात्री देवी स्वधादेवी का स्मरण कर
11 या 21 बार उनका भी मंत्र जपे
👉ओम ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधा दैव्यै नमः।
☀ फिर पूजा सामग्री को थोड़ी देर वहीं रखें रहने दें
फिर इन सामग्री को इकठ्ठा कर दिन में 11बजे से 1बजे के बीच किसी मंदिर में पंडित जी को दान में दे और मन में पितरों से अपनी मनोकामना या समस्या निवारण हेतु प्रार्थना करें।
☀ जो व्यक्ति यह प्रयोग करें वह मंदिर नहीं जा सकता तो वह सामग्री को स्पर्श कर घर के किसी सदस्य कोमंदिर में दान करने भेज दें और स्वयं उस समय दिन में 11बजे से 1बजे के बीच जहां भी हो घर या आफिस वहां पर ही कुछ समयपितरों को स्मरण कर प्रार्थना कर लें यह प्रयोग #पितृपक्ष में सिर्फ #त्रयोदशीतिथि को ही किया जाता है।
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
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