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पंचांग - 13-09-2025

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

jyotish



*🎈 दिनांक -13 सितंबर 2025*
*🎈 दिन-  शनिवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास -अश्विन*
*🎈 पक्ष - कृष्ण*
*🎈 पक्ष -श्राद्ध *
*🎈तिथि  -     षष्ठी    07:22:41
तिथि    सप्तमी    29:03:50*(क्षय ) 
तत्पश्चात् अष्टमी*
*🎈 वार- शनिवार
*🎈नक्षत्र - कृत्तिका    10:10:24 am रात्रि तक तत्पश्चात्     रोहिणी*
*🎈योग -         हर्शण    10:31:23 
am  तक तत्पश्चात्         वज्र*
*🎈 करण    -        वणिज    07:22:41 am तक    तत्पश्चात्  कौलव*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग  है-  09:26 am से 10:58  pm तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि       वृषभ*
*🎈सूर्य राशि    -   सिंह*
*🎈सूर्योदय - 06:20:42am*
*🎈सूर्यास्त - 06:40:43:pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 04:47 ए एम से 05:33 ए एम तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:06 पी एम से 12:55 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:08 ए एम, सितम्बर 14 से 12:54 ए एम, सितम्बर 14*
*🎈त्रिपुष्कर योग    07:23 ए एम से 10:11 ए एम*
*🎈अमृत सिद्धि योग    10:11 ए एम से 06:20 ए एम, सितम्बर 14*
 

*🎈 आश्विन,कृष्ण पक्ष सप्तमी श्राद्ध2082 कालयुक्त, विक्रम सम्वत 13 सितम्बर 2025 शनिवार पितृपक्ष  चल रहा है।*
 
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    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
       सूर्योदय के अनुसार।

*🎈 चर - सामान्य-06:19 ए एम से 07:52 ए एम*

*🎈लाभ - उन्नति-07:52 ए एम से 09:25 ए एम*

*🎈अमृत - सर्वोत्तम-09:25 ए एम से 10:58 ए एम वार वेला*

*🎈काल - हानि-10:58 ए एम से 12:31 पी एम काल वेला

*🎈शुभ - उत्तम-12:31 पी एम से 02:04 पी एम*

*🎈रोग - अमंगल-02:04 पी एम से 03:37 पी एम*

*🎈उद्वेग - अशुभ-03:37 पी एम से 05:10 पी एम*

*🎈चर - सामान्य-05:10 पी एम से 06:43 पी एम*
  
 *🛟चोघडिया, रात्🛟*

*🎈रोग - अमंगल-06:43 पी एम से 08:10 पी एम*

*🎈काल - हानि-08:10 पी एम से 09:37 पी एम*

*🎈लाभ - उन्नति-09:37 पी एम से 11:04 पी एम काल रात्रि*

*🎈उद्वेग - अशुभ-11:04 पी एम से 12:31 ए एम, सितम्बर 13*

*🎈शुभ - उत्तम-12:31 ए एम से 01:58 ए एम, सितम्बर 13*

*🎈अमृत - सर्वोत्तम-01:58 ए एम से 03:25 ए एम, सितम्बर 13*

*🎈चर - सामान्य-03:25 ए एम से 04:52 ए एम, सितम्बर 13*

*🎈रोग - अमंगल-04:52 ए एम से 06:20 ए एम, सितम्बर 13*

kundli



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    🚩*☀ #पितृ पक्ष☀*
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🔷  #पितृ गायत्री मन्त्र :

पितृ गायत्री मन्त्र को करने से श्राद्ध पक्ष के समय घर में पितरों का वास होता है तथा वह आपको सुभाशीष प्रदान करते हैं।
उत्तम तो यह है कि इनके जाप सर्वोत्तम तो श्राद्ध कर्म के दिनों में, जो अब करना चाहें तो कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी को छोड़कर कभी भी आरम्भ कर सकते हैं।

  पितृ गायत्री मन्त्र का नित्य सूर्योदय के समय ग्यारह माला जाप करने से पितृ लोक में निवास कर रहे पितरों को प्रसन्नता होती है।
जिन व्यक्तियों की जन्म कुण्डली में पितृदोष उपस्थित है, वह यदि इसका नियमित जाप करते हैं, तो पितृ दोष का निवारण होता है।
इसका श्रद्धापूर्व इसका जाप करने से घर में धन – धान्य की वृद्धि होती है।
दैनिक पूजा में नियमित पितृ गायत्री मन्त्र के प्रयोग से वंशवृद्धि होती है।
पितृदोष के कारण उत्पन्न होने वाले कष्टों के निवारण हेतु यह एक अमोघ उपाय है।

  पितृ गायत्री मंत्र क्या होता है ?
बहुत से लोग इस बात को लेकर भ्रम रहते हैं कि पितृ गायत्री मन्त्र क्या होता है अथवा पितृ गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है?
जिस प्रकार गणेश जी को समर्पित गणेश गायत्री मन्त्र, सूर्यदेव को समर्पित सूर्य गायत्री मन्त्र तथा हनुमान जी को समर्पित हनुमान गायत्री मन्त्र आदि होता है, ठीक उसी प्रकार पितरों को समर्पित गायत्री मन्त्र को पितृ गायत्री मन्त्र कहते हैं। इसके विधिवत जाप से आप अनेक प्रकार के पितृ दोषों से बच सकते हैं।
               पितृ प्रणाम मंत्र 
           पितृ गायत्री मन्त्र का जाप आरम्भ करने से पूर्व आपको पितृ प्रणाम मन्त्र का उच्चारण करते हुए अपने समस्त पितरों को श्रद्धापूर्व प्रणाम करना चाहिए। अधिकांश लोग इस पितृ प्रणाम मन्त्र को ही पितृ गायत्री मन्त्र समझ कर इसका जाप एवं प्रचार – प्रसार करते हैं। अतः आप यह जान लें की पितृ गायत्री मन्त्र व पितृ प्रणाम मन्त्र दो पृथक मन्त्र हैं।
॥ पितृ गायत्री मन्त्र ॥

ॐ आद्य-भूताय विद्महे

सर्व-सेव्याय धीमहि ।

शिव-शक्ति-स्वरूपेण

पितृ-देव प्रचोदयात् ।।

॥ पितृ प्रणाम मन्त्र ॥

ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च

महायोगिभ्य एव च ।

नमः स्वाहायै स्वधायै

नित्यमेव नमो नमः ||

        🙏 जयश्रीहरिः 🙏
*♨️  ⚜️ 🕉🌞  🌞🕉 ⚜🚩
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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले  सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
 
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
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vipul

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