*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
नागौर राजस्थान मानक समयानुसार
*🎈दिनांक -24अक्टूबर2025 *
*🎈 दिन - शुक्रवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष - शुक्ल पक्ष*
*🎈तिथि- तृतीया 25:18:52*am तक तत्पश्चात् चतुर्थी *
*🎈 नक्षत्र - अनुराधा (पूर्ण- रात्रि)31:50:44*am तत्पश्चात् अनुराधा*
*🎈 योग - सौभाग्य 29:53:38* am तक तत्पश्चात् शोभन*
*🎈करण - तैतुल 12:02:33*
am तक तत्पश्चात् वाणिज्य*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- सुबह 10:55 दोपहर 12:19pm तक
*🎈चन्द्र राशि- वृश्चिक *
*🎈सूर्य राशि- तुला *
*🎈सूर्योदय - 06:41:15:am*
*🎈सूर्यास्त -17:56:50pm*
🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से प्रातः 05:49 तक *
*🎈अभिजित मुहूर्त- 11:56 ए एम से 12:42 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:54 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 25तक*
*🎈अमृत काल- 08:09 से 09:57 पी एम*
*🎈सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
*🎈 व्रत एवं पर्व- तृतीया
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
*🎈 चर - सामान्य-06:40 ए एम से 08:05 ए एम*
*🎈लाभ - उन्नति-08:05 ए एम से 09:29 ए एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-09:29 ए एम से 10:54 ए एम वार वेला*
*🎈काल - हानि-10:54 ए एम से 12:19 पी एम काल वेला*
*🎈शुभ - उत्तम-12:19 पी एम से 01:44 पी एम*
*🎈रोग - अमंगल-01:44 पी एम से 03:09 पी एम*
*🎈उद्वेग - अशुभ-03:09 पी एम से 04:33 पी एम*
*🎈चर - सामान्य-04:33 पी एम से 05:58 पी एम*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈रोग - अमंगल-05:58 पी एम से 07:33 पी एम*
*🎈काल - हानि-07:33 पी एम से 09:09 पी एम*
*🎈लाभ - उन्नति-09:09 पी एम से 10:44 पी एम काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-10:44 पी एम से 12:19 ए एम, अक्टूबर 25*
*🎈शुभ - उत्तम-12:19 ए एम से 01:55 ए एम, अक्टूबर 25*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-01:55 ए एम से 03:30 ए एम, अक्टूबर 25*
*🎈चर - सामान्य-03:30 ए एम से 05:05 ए एम, अक्टूबर 25*
*🎈रोग - अमंगल-05:05 ए एम से 06:41 ए एम, अक्टूबर 25*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
🍁 *🎈 🦚🦚🔥💚🕉️🥀
💐 🌼🪔 कार्तिक मास (दामोदर मास) की महिमा🪔🌼
🚩कार्तिक मास 2025 -- 7 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक
♦️📖 एक बार नारद जी ने ब्रह्मा जी से प्रश्न किया था कि इस कलियुग से रक्षा के लिए और कलियुग में भगवान की भक्ति की प्राप्ति की दृष्टि से कौन सा माह श्रेष्ठ है?
☝तब ब्रह्मा जी ने बताया:
1. भगवान का प्रिय व दिव्य मास "कार्तिक मास" है।
2. "कार्तिक मास" में भगवान की प्रसन्नता के लिए जो व्रत तथा पुण्य कर्म किए जाते हैं, उनका कभी क्षय (नाश) नहीं होता है।
3. हे नारद! सभी देहों में मानव देह पाना बड़े सौभाग्य की बात है। और जो मनुष्य श्रृद्धा व भक्ति से भगवान की पूजा, अर्चना, जप, तप करता है, वह इस भवसागर को पार कर जाता है। और पुनः जन्म-मृत्यु के चक्र में नहीं फँसता है। 🙏
4. न्याय एवं परिश्रम से कमाए गए धन को दान करने के लिए, कार्तिक माह सबसे उत्तम है। 🕉
5. कार्तिक माह में "दीप दान" का अनंत महत्व है। हमारे शास्त्रों में अनेक ऐसी कथाएं हैं, जिनमें वर्णन है कि अभक्तों ने भी कार्तिक मास में भगवान को दीप अर्पण करके उनकी भक्ति व मुक्ति प्राप्त की है। तो फिर श्रृद्धा से अर्पण किए गए दीपों का महत्व किस प्रकार कहें।
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
📖 कार्तिक मास में इस प्रकार साधना करना उत्तम होगा ---
6. इस उत्तम मास में "तुलसी महारानी" को जल देने से, उनका पूजन व परिक्रमा करने से, व उन्हें प्रतिदिन दीप अर्पण करने से श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त होती है। 🪴
☝ श्रीकृष्ण को तुलसी दल (तुलसी का एक पत्ता, एक दल कहलाता है) अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। भगवान को चढ़ाए गए तुलसी दल, प्रसाद रूप में ग्रहण करने से शरीर शुद्ध होता है।
☝ आँवले का पूजन व भगवान को आँवले का भोग लगाने का भी विशेष महत्व है।
[नोटः रविवार, संध्या के समय व एकादशी, द्वादशी को तुलसी दल नहीं तोड़ने चाहिए। द्वादशी को तुलसी देवी को स्पर्श न करें। जल कम मात्रा में ही अर्पण करें।]
7. कार्तिक मास में सर्वपापहारिणी "श्रीमद् भगवद् गीता" का पाठ पढ़ना व सुनना चाहिए। कार्तिक मास में श्रीमद् भगवद् गीता का पाठ श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम मार्ग है। 📙📖
8. "दामोदराष्टकम" -- इस माह में भगवान श्रीकृष्ण ने दामोदर लीला की थी। इस कारण से कार्तिक मास को "दामोदर मास" भी कहा जाता है।
🪔 दामोदर लीला - बालक श्रीकृष्ण बचपन में बहुत नटखट थे। एक दिन मैया यशोदा ने उन्हें दण्ड देने के लिए ऊखल से बाँधने का प्रयास किया परन्तु हर बार रस्सी छोटी रह जाती थी। बहुत प्रयास के बाद जब मैया यशोदा थक गईं, तो अपनी मैया को आराम देने के लिए भगवान स्वयं ही रस्सी के बंधन में बंध गए।
क्योंकि रस्सी को दाम भी कहते हैं, और मैया ने उदर से श्रीकृष्ण को बांधा था, इसलिए भगवान का एक नाम (दाम + उदर = ) दामोदर भी है।
क्योंकि यह लीला कार्तिक मास में हुई थी इसलिए इस मास को दामोदर मास भी कहा जाता है।
इस सम्पूर्ण लीला का वर्णन एक अत्यंत सुन्दर प्रार्थना में किया गया है, जिसे "दामोदराष्टकम" कहते हैं। (यह प्रार्थना आपको Youtube पर मिल जाएगी।)
9. इस मास में भगवान के नाम जप व "हरे कृष्ण" महामन्त्र का जप करने से श्रीकृष्ण की भक्ति में दृढ़ विश्वास बना रहता है व मन को असीम शांति व शक्ति प्राप्त होती है। 📿
10. कार्तिक मास में श्रृद्धालु जन यथाशक्ति ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व स्नान करने से मनुष्य का शरीर व मन शुद्ध होता है। कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने की, व पवित्र नदियों में स्नान करने की अपार महिमा है। 🏞
11. गौ सेवा -- आज के युग में गौ माता की बहुत दुर्दशा हो रही है। इसलिए सभी भक्तजनों से निवेदन है कि वे गौ माता की सेवा नित्य श्रृद्धा से करें। 🐄🐂 गौ माता को हरा चारा, ताज़ा गुड़-रोटी खिलाएं। गौशाला निर्माण में सहयोग दें। 🙏🙏🙏
💥 ।। शुभम् भवतु।।💥
‼️🙏⛳ ⛳🙏‼️🍁 *
♨️ ⚜️ 🕉🌞 🌞🕉 ⚜🚩
🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ 🇪🇬🔱






