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पंचांग - 29-10-2025

*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

jyotis


*🎈दिनांक -29अक्टूबर2025 *
*🎈 दिन -  बुधवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - कार्तिक*
*🎈 पक्ष -  शुक्ल पक्ष*
*🎈तिथि- सप्तमी    09:22:30am* तक तत्पश्चात् अष्टमी*
*🎈 नक्षत्र -         उत्तराषाढा    17:28:51pm तत्पश्चात् श्रवण*
*🎈 योग -     धृति    07:49:55 am तक तत्पश्चात् शूल*
*🎈करण    - वणिज    09:22:30
am तक तत्पश्चात् बव*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- सुबह 12:19दोपहर 01:42pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)* 
*🎈चन्द्र राशि    -   मकर    *
*🎈सूर्य राशि-       तुला    *
*🎈सूर्योदय - 06:44:21am*
*🎈सूर्यास्त -17:52:39pm* 
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - उतर दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से प्रातः 05:52 तक *(नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त-    कोई नहीं*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:53 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 30तक*
*🎈 व्रत एवं पर्व- सप्तमी व्रत*
*🎈विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
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    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
   मानक सूर्योदय के अनुसार।

*🎈 लाभ - उन्नति-06:43 ए एम से 08:07 ए एम*

*🎈अमृत - सर्वोत्तम-08:07 ए एम से 09:31 ए एम*

*🎈काल - हानि-09:31 ए एम से 10:55 ए एम काल वेला*

*🎈शुभ - उत्तम-10:55 ए एम से 12:19 पी एम*

*🎈रोग - अमंगल-12:19 पी एम से 01:42 पी एम वार वेला*

*🎈उद्वेग - अशुभ-01:42 पी एम से 03:06 पी एम*

*🎈चर - सामान्य-03:06 पी एम से 04:30 पी एम*

*🎈लाभ - उन्नति-04:30 पी एम से 05:54 पी एम*

      *🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈उद्वेग - अशुभ-05:54 पी एम से 07:30 पी एम*

*🎈शुभ - उत्तम-07:30 पी एम से 09:06 पी एम*

*🎈अमृत - सर्वोत्तम-09:06 पी एम से 10:43 पी एम*

*🎈चर - सामान्य-10:43 पी एम से 12:19 ए एम, अक्टूबर 30*

*🎈रोग - अमंगल-12:19 ए एम से 01:55 ए एम, अक्टूबर 30*

*🎈काल - हानि-01:55 ए एम से 03:31 ए एम, अक्टूबर 30*

*🎈लाभ - उन्नति-03:31 ए एम से 05:08 ए एम, अक्टूबर 30 काल रात्रि*

*🎈उद्वेग - अशुभ-05:08 ए एम से 06:44 ए एम, अक्टूबर 30*
kundli



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     🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
  🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
🍁 *🎈 🦚🦚🔥💚🕉️🥀
🚩🌼#बृहस्पति का #गोचर अपनी #उच्च राशि #कर्क राशि में, क्या होगा उसका अपकी राशि में प्रभाव?* ........❤️💐 🌼🪔
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 *31 दिसंबर तक बृहस्पति अपने उच्च राशि कर्क में रहेंगे।*

*आइए जानते हैं की बृहस्पति अपनी अपने उच्च राशि कर्क मे  गोचर करेंगे तो उसका आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा। 

*मेष राशि*

*मेष राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव के स्वामी होकर चौथे भाव में गोचर करेंगे। चौथा भाव घर, संपत्ति, वाहन और माता से जुड़ा होता है। इस दौरान बृहस्पति की कृपा से आपके जीवन में विस्तार देखने को मिलेगा। यह समय घर और वाहन से जुड़े सुखों को बढ़ाने वाला रहेगा। कई लोग नया घर खरीद सकते हैं चाहे वह लोन लेकर हो या बिना लोन के। वहीं कुछ जातक आकर्षक और नई गाड़ी खरीदने का भी निर्णय ले सकते हैं। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी और माता का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उनकी खुशियाँ और आशीर्वाद आपके लिए भाग्यवृद्धि का कारण बनेंगे।*

*उपाय: बृहस्पति को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन  विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।* 

*वृषभ राशि* 

 *वृषभ राशि वालों की कुंडली  में बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी होकर तीसरे भाव में गोचर करेंगे, तीसरा भाव भाई-बहन, साहस, छोटे सफर और रिश्तेदारों से जुड़ा होता है। इस दौरान जातकों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव दिखाई देंगे । यह समय यात्रा और रिश्तों को मजबूत करने वाला रहेगा। कुछ लोग छोटे-छोटे सफरों पर निकलेंगे, तो कुछ अपने भाई-बहनों और रिश्तेदारों के साथ समय बिताकर आनंद लेंगे। मोहल्ले और आस-पड़ोस में आपकी पहचान और मेलजोल बढ़ेगा, जिससे आपको नए अवसर और तरक्की के रास्ते खुलते नजर आएंगे।*

*उपाय- बृहस्पति की कृपा पाने और जीवन में समृद्धि लाने के लिए नारायण कवच का पाठ करना अत्यंत शुभ रहेगा।*

*मिथुन राशि* 
 
*मिथुन राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति सातवें और दसवें भाव के स्वामी होकर दूसरे भाव में गोचर करेंगे। दूसरा भाव परिवार, वाणी, धन और संचय से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस भाव में गुरु का प्रवेश आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा। यह समय पारिवारिक सुख-संपन्नता बढ़ाने वाला साबित होगा। कई लोग अपने बड़े परिवार या संयुक्त परिवार के साथ रहने का आनंद लेंगे। वहीं वित्तीय मामलों में भी आपको लाभ मिलने के योग हैं। यदि आप संतुलित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे तो आपके निवेश और धन संचय में वृद्धि होगी।*

*उपाय- बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को या प्रतिदिन पीले वस्त्र धारण करें,  गुरु मंत्र का जप करें।* 

*कर्क राशि*

 *कर्क राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति छठवें और नवें भाव के स्वामी होकर पहले भाव में गोचर करेंगे। पहला भाव आत्मविश्वास, व्यक्तित्व और जीवन की दिशा को दर्शाता है। इस समय का प्रभाव आपके लिए बेहद शुभ और शक्तिशाली रहेगा। जीवन के हर क्षेत्र में आपको उन्नति, सकारात्मकता और सफलता प्राप्त होगी। यह गोचर नई ऊर्जा और आत्मबल लेकर आएगा। आपकी पहचान और प्रभाव बढ़ेगा। कुछ लोग इस दौरान अपना वज़न भी बढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं, क्योंकि बृहस्पति का संबंध वृद्धि और समृद्धि से है। वहीं दूसरी ओर आपका झुकाव पढ़ाई और ज्ञान की ओर भी रहेगा। किताबें आपकी सबसे अच्छी साथी बन सकती हैं और आप नए विषयों को सीखने में उत्साहित होंगे।*

*उपाय: बृहस्पति को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखें। और गुरु मंत्र का जप करें।*

*सिंह राशि*
 
*सिंह राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव के स्वामी होकर बारहवे भाव में गोचर करेंगे। बारहवां भाव विदेश यात्रा, खर्च, अध्यात्म और गुप्त सुखों से जुड़ा माना जाता है। इस अवधि का असर आपके जीवन में कई नई संभावनाएं लेकर आएगा। सिंह राशि वालों को विदेश से जुड़ी कोई शुभ खबर मिल सकती है। जो लोग लंबे समय से नौकरी, व्यापार या उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की योजना बना रहे थे, उनके लिए यह गोचर नई उम्मीदें और अवसर लेकर आएगा। हालांकि इस दौरान फिजूलखर्ची की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है, इसलिए अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना आपके लिए जरूरी होगा।*

*उपाय- हर गुरुवार पीपल के पेड़ की पूजा करें और वहाँ देसी घी का दीपक जलाएं।*

*कन्या राशि* 

 *कन्या राशि वालों की कुंडली बृहस्पति चौथे और सातवें भाव के स्वामी होकर ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। ग्यारहवां भाव लाभ, इच्छाओं की पूर्ति और मित्र मंडली से जुड़ा माना जाता है। इस दौरान आपका भाग्य साथ देगा और किस्मत कई गुना प्रबल हो जाएगी। यह समय बेहद खास रहेगा। जो भी कार्य आप करेंगे उसमें सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। भाग्य का साथ आपको हर क्षेत्र में आगे बढ़ाएगा और आपके प्रयास सार्थक सिद्ध होंगे। यह समय आपके सपनों को साकार करने का है, इसलिए अवसरों का पूरा लाभ उठाएँ।*

*उपाय:  प्रतिदिन “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” इस मंत्र का 108 बार श्रद्धा पूर्वक जप करें।*

*तुला राशि* 

 *तुला राशि  वालों की कुंडली  में बृहस्पति तीसरे और छठवें भाव के स्वामी होकर दसवें भाव में गोचर करेंगे। दसवां भाव कैरियर, पद-प्रतिष्ठा और प्रोफेशनल जीवन से जुड़ा होता है। इस गोचर का असर आपके करियर में सकारात्मक बदलाव लाएगा। यह समय नौकरी और व्यापार दोनों में सफलता पाने का रहेगा। लंबे समय से जिस प्रमोशन या वेतन वृद्धि का इंतजार था, वह अब पूरी हो सकती है। बृहस्पति की कृपा से आपकी मेहनत रंग लाएगी और करियर में तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे। यदि आप समझदारी और परिश्रम के साथ आगे बढ़ेंगे तो बड़ी सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी।*

*उपाय: गुरुवार के दिन पीले चावल और पीली मिठाई का दान करें और उसे प्रसाद के रूप में बाँटें।*

*वृश्चिक राशि* 

*वृश्चिक राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी होकर नौवें भाव में गोचर करेंगे। नौवां भाव भाग्य, धर्म, आध्यात्मिकता और पिता से जुड़ा माना जाता है। इस दौरान आपका भाग्य प्रबल होगा और जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। यह समय धर्म और अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ाने वाला रहेगा। आप धार्मिक कार्यों और समाज सेवा में सक्रिय रूप से भाग लेंगे और मानवता की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा पाएँगे। पिता से आपको विशेष आशीर्वाद मिलेगा और उनका सहयोग आपके लिए सौभाग्य का कारण बनेगा। भाग्य के बल पर आपको नए अवसर मिलेंगे और जीवन की कई बाधाएँ दूर होंगी।*

*उपाय: बृहस्पति मंत्र का जप आपके लिए लाभदायक होगा।*

*धनु राशि* 

 *धनु राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति प्रथम और चौथे भाव के स्वामी होकर आठवें भाव में गोचर करेंगे। आठवां भाव रहस्य, गुप्त ज्ञान, आत्ममंथन और जीवन के गहरे अनुभवों से जुड़ा होता है। इस समय का असर आपके जीवन में आत्मचिंतन और गहन समझ लेकर आएगा। यह गोचर छिपी हुई क्षमताओं को पहचानने का अवसर देगा। आप अपने भीतर झाँकेंगे और आध्यात्मिक रूप से गहराई से जुड़ पाएँगे। बृहस्पति आपको सही ज्ञान और बुद्धि प्रदान करेगा जिससे आप जीवन की चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझ पाएँगे। यह समय आपके लिए एक आशीर्वाद की तरह साबित हो सकता है, क्योंकि आत्ममंथन से आपको नई दिशा और अनुभव मिलेंगे।*

*उपाय: गुरुवार को धार्मिक स्थलों पर पीले फल, पीले रंग का मीठा, दालें जैसे तुरई, अरहर की दाल आदि का दान करें।*

*मकर राशि*

 *मकर राशि वालों की  कुंडली में बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी होकर सातवें भाव में गोचर करेंगे। सातवां भाव विवाह, साझेदारी और रिश्तों से संबंधित होता है। इस गोचर का प्रभाव आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों संबंधों को मजबूत बनाएगा। यह समय रिश्तों में सामंजस्य और सहयोग लाने वाला रहेगा। जीवनसाथी के साथ संबंध और भी गहरे होंगे और आपसी समझ बढ़ेगी। व्यावसायिक साझेदारी भी आपके लिए लाभकारी साबित होगी, क्योंकि आपके पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा। इस दौरान आप रिश्तों में संतुलन बनाते हुए अपने बड़े लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाएँगे।*

*उपाय: अपने गुरु और शिक्षकों का सम्मान करें। उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार उपहार दें।*

*कुंभ राशि* 

 *कुंभ राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होकर छठवें भाव में गोचर करेंगे। छठवां भाव दिनचर्या, सेवा, स्वास्थ्य और परिश्रम से जुड़ा माना जाता है। इस गोचर का असर आपके जीवन को अधिक व्यवस्थित और अनुशासित बनाएगा। यह समय आत्म अनुशासन और जिम्मेदारी की ओर प्रेरित करने वाला रहेगा। आपकी दिनचर्या सुधरेगी और आप काम को व्यवस्थित ढंग से पूरा कर पाएँगे। इस दौरान दूसरों की सेवा और निःस्वार्थ भाव से मदद करने की प्रवृत्ति भी बढ़ेगी। साथ ही, यह समय आपके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने का भी है ताकि आप ऊर्जावान और तंदुरुस्त बने रहें।*

*उपाय- जरूरतमंद लोगों या धार्मिक स्थलों पर पुस्तकें और स्टेशनरी सामग्री दान करें।*

*मीन राशि*  

*मीन राशि वालों की कुंडली में बृहस्पति पहले और दसवें भाव के स्वामी होकर पांचवे भाव में गोचर करेंगे। पांचवा भाव प्रेम, संतान, शिक्षा और निवेश से जुड़ा होता है। इस गोचर का असर आपके जीवन में कई सुनहरे अवसर लेकर आएगा। इस दौरान अच्छे विवाह प्रस्ताव मिलने के योग बनेंगे। कुछ लोगों के प्रेम संबंध विवाह में बदल सकते हैं और आपके साथी ही आपको शादी के लिए प्रस्ताव दे सकते हैं। यह समय रोमांस और रिश्तों के लिहाज से बेहद शुभ रहेगा। साथ ही, वित्तीय दृष्टिकोण से भी यह गोचर लाभकारी रहेगा। शेयर मार्केट या अन्य निवेश साधनों में निवेश करने का यह सुनहरा समय साबित हो सकता है।*

*उपाय- गुरुवार को पीले फलों का दान करें, जैसे केला, अंगूर, नींबू, कटहल, संतरा और अनानास।*

*आपका शरीर स्वस्थ्य रहे आप दीर्घायु हों आपका जीवन मंगलमय हो प्रभू की कृपा अनवरत आप पर बनी रहे।*
   💥 ।। शुभम् भवतु।।💥

‼️🙏⛳ ⛳🙏‼️🍁 * 
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले  सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
vipul


*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
🕉️📿🔥🌞🚩🔱ॐ  🇪🇬🔱 

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