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पञ्चाङ्ग - 05-12-2025

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

jyotis


*🎈दिनांक - 5 दिसंबर2025
*🎈 दिन - शुक्रवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - पौष मास*
*🎈 पक्ष -  कृष्णा पक्ष*
*🎈तिथि-    प्रतिपदा    24:55:14* तत्पश्चात् द्वितीया*
*🎈 नक्षत्र -     रोहिणी    11:45:29* 
amतत्पश्चात्     रोहिणी*
*🎈 योग    -     सिद्ध    08:07:20*pm तक तत्पश्चात् साध्य    27:48:03*
*🎈करण    -     बालव    14:47:41pm  तत्पश्चात् कौलव*
*🎈 राहुकाल -हर जगह का अलग है- 011:07pm to 12:26pm तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)* 
*🎈चन्द्र राशि-       वृषभ* till 22:14:39*
*🎈चन्द्र राशि-     मिथुन    from 22:14:39*
 *🎈सूर्य राशि-       वृश्चिक*
*🎈सूर्योदय - :07:11:44am*
*🎈सूर्यास्त -17:39:41pm* 
*(सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - 05:22 ए एम से 06:16:00( ए एम प्रातः तक *(नागौर 
राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈अभिजित मुहूर्त- 12:05 पी एम से 12:47 पी एम*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:59 पी एम से 12:53 ए एम, दिसम्बर 06*
*🎈 विशेष योग-    01:06 ए एम, दिसम्बर 06 से 02:30 ए एम, दिसम्बर 06 *
*🎈 व्रत एवं पर्व-प्रतिपदा व्रत* 
*🎈विशेष -  पौष मास महात्म्य पूर्ण*
kundli


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    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
   मानक सूर्योदय के अनुसार।
*🛟शुभ - उत्तम-07:10 ए एम से 08:29 ए एम*

*🛟चर - सामान्य-07:10 ए एम से 08:29 ए एम*

*🛟लाभ - उन्नति-08:29 ए एम से 09:48 ए एम*

*🛟अमृत - सर्वोत्तम-09:48 ए एम से 11:07 ए एम वार वेला*

*🛟काल - हानि-11:07 ए एम से 12:26 पी एम काल वेला*

*🛟शुभ - उत्तम-12:26 पी एम से 01:45 पी एम*

*🛟रोग - अमंगल-01:45 पी एम से 03:03 पी एम*

*🛟उद्वेग - अशुभ-03:03 पी एम से 04:22 पी एम*

*🛟चर - सामान्य-04:22 पी एम से 05:41 पी एम*


      *🛟चोघडिया, रात्🛟*

*🛟रोग - अमंगल-05:41 पी एम से 07:22 पी एम*

*🛟काल - हानि07:22 पी एम से 09:04 पी एम*

*🛟 लाभ - उन्नति09:04 पी एम से 10:45 पी एम काल रात्रि*

*🛟उद्वेग - अशुभ-10:45 पी एम से 12:26 ए एम, दिसम्बर 06*

*🛟 शुभ - उत्तम-12:26 ए एम से 02:07 ए एम, दिसम्बर 06*

*🛟अमृत - सर्वोत्तम-02:07 ए एम से 03:49 ए एम, दिसम्बर 06*

*🛟चर - सामान्य-03:49 ए एम से 05:30 ए एम, दिसम्बर 06*

*🛟रोग - अमंगल-05:30 ए एम से 07:11 ए एम, दिसम्बर 06*
     🚩*श्रीगणेशाय नमोनित्यं*🚩
    🚩*☀जय मां सच्चियाय* 🚩
🌷 ..# 💐🍁🍁✍️ | #🌕 👉       
❤️💐 🌼🪔🌷❤️💐 🌼🪔
 👉 🍁 👉♦️ ⭐ 

  💐 * #. वास्तु के अनुसार भवन का आकार कैसा होना चाहिए .... ⭐👇🏼.......❗️
*🛟आज वास्तुशास्त्र अनुसार भवन/घर के आकार( *लंबाई चौड़ाई* ) संबंधित कुछ चर्चा करते हैं।
अनेकानेक वास्तुशास्त्रीय ग्रंथ,पुराणों में चार प्रकार के 
भवन निर्माण को श्रेष्ठ बताया गया है।
चौकोर, आयताकार,भद्रासन एवं वृताकार।

🍁  *आयते सिद्धयस्सर्वाश्चतुरस्त्रे धनागमः।
 वृत्ते तु बुद्धिवृद्धि: स्याद्भद्रं भद्रासने भवेत्।।

🍁  अर्थात आयताकार सिद्धि,प्रदायक चतुष्कोण धनदायक,
वृत्ताकार बुद्धि प्रदायक एवं भद्रासन कल्याणकारी होता है।

🍁 सभी ग्रंथ में चौकोर(लंबाई चौड़ाई बराबर) घर को उतम
बताया गया है।
परन्तु #ब्रह्मवैवर्त पुराण में श्री कृष्ण भगवान ने
श्री विश्वकर्मा जी को बताया है :--

🍁 * दीर्घे प्रस्थे समानन्च न कुर्य्यामंदिरं बुध:।
 चतुरर्स्त्रे गृहे कारो गृहिणां धननाशनम।।
(श्रीकृष्ण जन्मखण्ड 103)

🍁  अर्थात बुद्धिमान पुरुष को चाहिए कि जिसकी लंबाई चौड़ाई समान हो ऐसा घर न बनाये, क्योंकि चौकोर घर में वास करना गृहस्थों के धन का नाशक होता है।
#विमर्श --- इससे स्पष्ट होता है कि चौकोर घर को भी 
 थोड़ा ही सही लम्बाई अधिक रखनी चाहिए उपेंद्र।

🍁 इसी पुराण में वर्णन मिलता है कि चौकोर घर 
चंद्रवेध होने पर मंगलप्रद होता है।
(चंद्रवेध अर्थात जिसके चौड़ाई से लंबाई सवाई अधिक  हो)
परंतु मंगलप्रद गृह भी सूर्यवेध होने पर अमंगल कारक 
 हो जाता है।

🍁  * पूर्वपश्चिमतो दौर्घ्यम सपादम दक्षिणोत्तर।
 शुभावह चन्द्रविद्धो सूर्यविद्धो न शोभनम।।
(#वास्तुरत्नाकर)
🍁 अर्थात पूर्व पश्चिम दिशा की लंबाई से उत्तर दक्षिण दिशा की लंबाई सवाई अधिक हो तो उसे चंद्रवेध कहते हैं जो शुभ होता है और इसके विपरीत सूर्यवेध होता है जो अशुभ माना गया है।

🍁 आयताकार मकान में भी चौड़ाई के दुगुनी से अधिक
 लम्बाई नहीं होनी चाहिए।
चौड़ाई से दुगुनी या उससे अधिक लंबाई गृहस्वामी के लिए विनाशकारक होती है।

🍁  *विस्तराद द्विगुणम गेहम गृहस्वामी विनाशनम। 
(#विश्वकर्मप्रकाश अध्याय 02)

🍁  त्रिकोणं निधनं शीघ्रं  गृहदीर्घ निरर्थकम।
(वि. प्र.13)
अर्थात जो भवन त्रिकोण आकार का हो वह निधन(धनहीन) कराता है और जो गृह अतिदीर्घ(अधिक लंबा घर) होता है 
 वह निरर्थक (धन,साधन हीन) होता है उपेंद्र।

🍁 और भी बहुत से ग्रन्थों पुराणों में भवन निर्माण संबंधित प्रमाण(सूत्र) मिलते हैं।
#विमर्श --- ध्यान रहे कि यह चर्चा आवासीय भवन निर्माण के संदर्भ में है।
हमारे पास जितना जगह हो उसी में संतुलन बनाकर उचित निर्माण किया जा सकता है।

   💥“ज्ञान ही सच्ची संपत्ति है।
      बाकी सब क्षणभंगुर है।”💥
     🌼 ।। जय श्री कृष्ण ।।🌼
       💥।। शुभम् भवतु।।💥
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🔱🇪🇬जय श्री महाकाल सरकार 🔱🇪🇬 मोर मुकुट बंशीवाले  सेठ की जय हो 🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
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vipul

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