*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓
*⛅दिनांक -28 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - त्रयोदशी प्रातः 03:32:04 दिसम्बर 29 तक, तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 10:12:19 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग - शूल रात्रि 10:22:14 तक, तत्पश्चात गण्ड*
*⛅राहु काल_हर जगह का अलग है- प्रातः 10:01 से प्रातः 11:19 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:24:54*
*⛅सूर्यास्त - 05:48:43*
*⛅चन्द्र राशि - वृश्चिक*
*⛅सूर्य राशि- धनु*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:16 से दोपहर 12:58 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 दिसम्बर 29 से रात्रि 01:04 दिसम्बर 29 तक*
*⛅*चोघडिया, दिन*⛅*
काल 07:25 - 08:43 अशुभ
शुभ 08:43 - 10:01 शुभ
रोग 10:01 - 11:19 अशुभ
उद्वेग 11:19 - 12:37 अशुभ
चर 12:37 - 13:55 शुभ
लाभ 13:55 - 15:13 शुभ
अमृत 15:13 - 16:31 शुभ
काल 16:31 - 17:49 अशुभ
*⛅*चोघडिया, रात*⛅*
लाभ 17:49 - 19:31 शुभ
उद्वेग 19:31 - 21:13 अशुभ
शुभ 21:13 - 22:55 शुभ
अमृत 22:55 - 24:37 शुभ
चर 24:37 - 26:19 शुभ
रोग 26:19 - 28:01 अशुभ
काल 28:01 - 29:43 अशुभ
लाभ 29:43 - 31:25 शुभ
*⛅ व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।
*🪷*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🪷*⭐आज का टॉपिक शनि प्रदोष व्रत ज्ञानवर्धक एवं ग्रहों के टिप्स 💜💜*
🌞 साल का आखिरी प्रदोष व्रत 28 दिसंबर 2024 को,शनि प्रदोषहै।*
*🪷* शनि प्रदोष व्रत पर कुछ चीजों को करने से भगवान शिव नराज हो सकते हैं और आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है।*
*🪷*प्रदोष का व्रत भोलेनाथ को समर्पित है। सनातन धर्म में शनि प्रदोष का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस शुभ दिन पर भक्त उपवास रखते हैं और सूर्योदय के बाद पारण करते हैं। शनि प्रदोष व्रत के भी कुछ नियम हैं। शनि प्रदोष पर कुछ चीजों को करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं और आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं-*
*🪷* पंचांग अनुसार, पौष महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि दिसम्बर 28, 2024 को 02:26:06 ए एम पर शुरू होगी, जो दिसम्बर 29, 2024 को रात्रि 02:32:04 ए एम पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 05:49 से 08:20 पी एम तक रहेगा, जिसकी अवधि 02 घण्टे 40 लगभग मिनट्स रहेगी।*
*🪷*शनि प्रदोष पर शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन व्रत रखने से संतान-सुख की मनोकामना पूर्ण हो सकती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कर सकते हैं।*
*🪷*शनि प्रदोष व्रत:
सिंदूर- शिव जी की पूजा में कुमकुम या सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव वैरागी माने जाते हैं, जबकि सिंधुर सौभाग्य का प्रतीक है। इसलिए कुमकुम या सिंदूर को शिवलिंग पर नहीं अर्पित करना चाहिए।*
*🪷*तामसिक भोजन- शनि प्रदोष के दिन भूलकर भी मास आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। शनि प्रदोष के दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान शिव नराज हो सकते हैं।*
*🪷*तुलसी की पत्तियां- तुलसी की पत्तियां भगवान शिव को नहीं चढ़ानी चाहिए। तुलसी जी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।*
*🪷*नारियल पानी से अभिषेक- नारियल के पानी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। इसलिए शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव का अभिषेक नारियल पानी से नहीं करना चाहिए।*
*🪷*टूटा चावल- शनि प्रदोष व्रत के दिन टूटे हुए चावल शिवलिंग पर बिल्कुल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है इस दिन साफ-धुले हुए अक्षत के दाने ही पूजा में इस्तेमाल करने चाहिए।*
*🪷*काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसलिए शनि प्रदोष के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। भगवान शिव की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन सफेद, हरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।*
🙏🚩🚩जय जय सिया राम राम 🚩🚩🙏😊😍😊*
*🪷*👉अरिष्ट ग्रहों से उत्पन्न समस्या से मुक्ति पाने के लिए सरल एवं अचूक उपाय--*
👉: सूर्य - का उपाय- बहते पानी में गुड, ताम्बा या ताम्बे का सिक्का बहाए।*
👉: चन्द्र का उपाय- दूध या पानी से भरा बर्तन सिरहाने रख कर सोएं और अगले दिन कीकर की जड़ में सारा जल डाल दें।*
👉मंगल - का उपाय- सफ़ेद सुरमा आंखों में लगाए, बहते पानी में रेवड़िया, बताशे, शहद व सिंदूर बहाएं।*
👉: बुध - का उपाय- कन्याओं को हरे वस्त्र और हरी चुड़िया दान करें, दांत साफ रखें।*
👉: गुरु-का उपाय- माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाएं, पीपल की जड़ में जल चढ़ाएं, चने की दाल दान करें।*
👉: केतु का उपाय- काले और सफेद तिल बहते पानी में बहाएं।*
👉: शनि - का उपाय- कीकर की दातुन करें, पेड़ों की जड़ों में तेल डालें।*
👉: शुक्र - का उपाय- ज्वार, घी, चरी, कर्पुर, दही का दान करें, सुगंधित पदार्थो का प्रयोग करें।*
👉: राहू-का उपाय- जौ को दूध से धोकर बहते पानी में बहाएं, मूली का दान करें या कोयला बहते पानी में बहाएं, जेब में चांदी की ठोस गोली रखें।*🙏😍🙏
☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*👉कामना-भेद-बन्दी-मोक्ष*
*👉वाद-विवाद(मुकदमे में) जय*
*👉दबेयानष्ट-धनकी पुनः प्राप्ति*।
*👉*वाणीस्तम्भन-मुख-मुद्रण*
*👉*राजवशीकरण*
*👉* शत्रुपराजय*
*👉*नपुंसकतानाश/ पुनःपुरुषत्व-प्राप्ति*
*👉 *भूतप्रेतबाधा नाश*
*👉*सर्वसिद्धि*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)*
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