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पंचांग 07-08-2025

 *🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*

jyotis


*🎈 दिनांक - 07 अगस्त 2025*
*🎈 दिन - गुरुवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - वर्षा*
*🎈 मास - श्रावण*
*🎈 पक्ष - शुक्ल*
*🎈तिथि - त्रयोदशी    14:27:26 रात्रि तक तत्पश्चात्  चतुर्दशी*
*🎈नक्षत्र -             पूर्वाषाढा    14:00:26 रात्रि तत्पश्चात्             उत्तराषाढा *  
*🎈योग - विश्कुम्भ    06:41:19 तक तत्पश्चात् आयुष्मान*
*🎈 करण    -    करण    तैतुल    14:27:27रात्रि तत्पश्चात् वणिज*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग  है-  दोपहर 02:20 से  सांय 03:59 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि       धनु    till 20:10:17
*🎈चन्द्र राशि       मकर    from 20:10:17*
*🎈 सूर्य राशि -       कर्क*
*🎈सूर्योदय - 06:03:22am*
*🎈सूर्यास्त - 07:17:55pm* (सूर्योदय एवं सूर्यास्त राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*🎈ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से प्रातः 05:19 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈अभिजीत मुहूर्त - 12:14 पी एम से 01:07 पी एम*
*🎈निशिता मुहूर्त - 12:19 ए एम, अगस्त 08 से 01:02 ए एम, अगस्त 08 तक (राजस्थान प्रदेश नागौर मानक समयानुसार)* 
*🎈रवि योग    02:01 पी एम से 06:03 ए एम, अगस्त 08*

*🎈विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है व चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*


    *🛟चोघडिया, दिन🛟*
   नागौर, राजस्थान, (भारत)    
       सूर्योदय के अनुसार।
शुभ-06:03- 07:43शुभ*

रोग-07:43- 09:22अशुभ*

उद्वेग-09:22 -11:01अशुभ*

चर-11:01- 12:41शुभ*

लाभ-12:41-14:20शुभ*

अमृत-14:20-15:59शुभ*

काल-15:59-17:39अशुभ*

शुभ-17:39- 19:18शुभ*

    *🛟चोघडिया, रात्रि🛟*

अमृत-19:18 - 20:39शुभ*

चर-20:39-21:59 शुभ*

रोग-21:59 - 23:20अशुभ*

काल-23:20-24:41*अशुभ*

लाभ-24:41*- 26:02*शुभ*

उद्वेग-26:02* - 27:22*अशुभ*

शुभ-27:22* - 28:43*शुभ*

अमृत-28:43* - 30:04* शुभ*
kundli



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♦️आइये जानते हैं कि आपका वैवाहिक जीवन सुखी होगा या दुखमय????????♦️
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ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति की वैवाहिक जिंदगी ग्रहों से प्रभावित होती है. अगर ग्रह ठीक ना हों तो शादी होने में समस्याएं आती हैं. और अगर शादी हो भी गई तो रिश्ते में समस्याएं आती रहती हैं. आइए जानते हैं वे कौन से ग्रह हैं जो आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं और क्या है बचने के उपाय.

♦️शनि-

वैवाहिक जीवन के टूटने में सबसे बड़ी भूमिका शनि निभाता है.

अगर शनि का सम्बन्ध विवाह भाव या इसके ग्रह से हो, तो विवाह भंग होता ही है.

शनि अगर विवाह भंग करने का कारण हो तो इसके पीछे घर के लोग जिम्मेदार माने जाते हैं.

अगर शनि की वजह से वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो तो शिव जी को नित्य प्रातः जल चढ़ाएं.

साथ ही हर शनिवार को लोहे के बर्तन में भरकर सरसों के तेल का दान करें.  

♦️मंगल-

वैवाहिक जीवन में विच्छेदन के अलावा अगर मामला हिंसा तक पहुंच गया हो तो इसके पीछे मंगल होता है.

मंगल जब वैवाहिक जीवन में समस्या देता है. तो मामला मार-पीट तक पहुंच जाता है.

इसमें वैवाहिक सम्बन्ध, विवाह के बाद बहुत ही जल्दी भंग हो जाता है.

इसमें मामला कोर्ट कचहरी तक भी तुरंत पहुचता है.  

अगर मंगल की वजह से समस्या आ रही हो तो मंगलवार का उपवास रखें.

हर मंगलवार को निर्धनों को मीठी चीजों का दान करें.

लाल रंग का प्रयोग कम से कम करें.

♦️राहु-केतु-

विवाह के मामलों में शक और वहम जैसी चीजों को पैदा करना राहु-केतु का काम है.

अगर राहु-केतु विवाह संबंधों में बाधा देते हैं तो बेवजह शक पैदा होता है.

और कभी-कभी जीवनसाथी दूसरे को छोड़कर दूर चला जाता है.

इसमें वैवाहिक जीवन रहने के बावजूद, जीवन भर अलगाव झेलना पड़ता है.

भगवान विष्णु की उपासना करें.

जल में कुश डालकर स्नान करें.

शनिवार के दिन मीठी चीजें बिलकुल न खाएं.

♦️सूर्य-

विवाह के मामलों में सूर्य का दुष्प्रभाव हो तो जीवनसाथी के करियर में बाधाएं आती हैं.

या कभी-कभी अहंकार के कारण आपसी सम्बन्ध खराब हो जाते हैं.

यहां पर बहुत सोच समझकर शांतिपूर्ण तरीके से विवाह भंग होता है.

हालांकि शादी के काफी समय बीत जाने के बाद यहां विवाह विच्छेद होता है.

नित्य प्रातः सूर्य को रोली मिला हुआ जल अर्पित करें.

एक ताम्बे का छल्ला जरूर धारण करें.

गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करना भी शुभ परिणाम देगा

♦️बृहस्पति-

कुंडली में अगर बृहस्पति अच्छा हो तो विवाह की बाधाओं को समाप्त करता है.

अगर सप्तम भाव के स्वामी पर इसकी दृष्टि हो तो विवाह की बाधा को समाप्त करता है.

लग्न में बैठा हुआ बृहस्पति सर्वाधिक शक्तिशाली होता है. और वह समस्त बाधाओं का नाश कर देता है.

परन्तु अगर बृहस्पति सप्तम भाव में हो तो कभी-कभी व्यक्ति अविवाहित भी रहता है.

अगर बृहस्पति अनुकूल हो तो पीली चीजों का दान कभी न करें.

अगर बृहस्पति खराब हो तो केले का दान करें, सर्वोत्तम होगा.

अगर बृहस्पति के कारण विवाह ही न हो पा रहा हो तो विद्या का दान करें.  

♦️शुक्र-

बिना शुक्र के वैवाहिक या पारिवारिक सुख मिल ही नहीं सकता.

अगर शुक्र कमजोर हो तो वैवाहिक जीवन खराब होता है.

अगर शुक्र पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो, या शुक्र खराब हो तो विवाह सम्बन्ध टूट जाता है.

अगर जरा भी अच्छा हो तो व्यक्ति को जीवन में विवाह का सुख मिल ही जाता है.

अगर शुक्र अनुकूल हो तो शुक्र की वस्तुओं का दान कभी न करें.

शुक्र खराब हो तो शुक्र की वस्तुओं का दान करें, और हीरा कभी भी न पहनें.

।।शिव जी की उपासना जरूर करें, इससे शुक्र बलवान होता है।।

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*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* जय शिव शंकर🪷*
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*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*♥️ रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेमजी", नागौर (राज,)* 
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।* 
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vipul

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